नव सम्वत् पर संस्कृति का सादर वन्दन करें

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नवरात्र हवन के झोंके, सुरभित करते जनमन को। है शक्तिपूत भारत, अब कुचलो आतंकी फन को॥ नव सम्वत् पर संस्कृति का, सादर वन्दन करते हैं। हो अमित ख्याति भारत की, हम अभिनन्दन करते हैं॥ 22 मार्च से विक्रम सम्वत् 2080 का प्रारम्भ हो गया है। विक्रम सम्वत् को नव संवत्सर…

हिन्दू दर्शन में आत्मरूपांतरण की विराट क्षमता है

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भारतीय जीवन रचना हिन्दू और हिन्दुत्व की प्रत्यक्ष अभिव्यक्ति है। इसे रिलीजन, पंथ और मजहब की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। बीते सोमवार को देश की सर्वोच्च न्यायपीठ ने कहा कि, ‘‘हिन्दू एक महान धर्म है‘‘। उन्होंने कहा कि तत्वमीमांसा के आधार पर शायद हिन्दुत्व सबसे महान जीवन मार्ग…

माघ मास में प्रातःकाल स्नान का है विशेष महत्व

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माघ स्नान अर्थात हिंदू पञ्चाङ्ग के चंद्रमास माघ (मघायुक्ता पौर्णमासी यत्र मासे सः ) में प्रातःकाल स्नान विशेषतः तीर्थ में।अपने शरीर को स्वस्थ, पवित्र रखने के लिए नित्य स्नान आवश्यक है ही, परन्तु आध्यात्मिक दृष्टि से देखें तो देवता, पितर, गन्धर्व तथा सम्पूर्ण प्राणि भी हमारे स्नान से तृप्त होते…

धर्म और मजहब में मूलभूत अन्तर

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धर्म व्यवस्था है। मजहब एक देवदूत या पैगम्बर द्वारा की गई घोषणा है। भारतीय धर्म में 6 प्राचीन षट दर्शन व बुद्ध जैन मिलकर आठ दर्शन सम्मिलित हैं। इसलिए हिन्दू धर्म में अंधविश्वास की जगह नहीं प्रश्न और जिज्ञासा का महत्व है। अनेक विद्वानों ने हिन्दू धर्म द्वारा सबको मिला…

सनातन भारत से है ‘आइडिया ऑफ भारत’ वालों का संघर्ष

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“आइडिया ऑफ भारत” वालों का संघर्ष सनातन भारत से है। ऊपरी तौर पर यह संघर्ष संघ विचार धारा के विरुद्ध दिखाई देता है। संघ विचारधारा सनातन भारत की विचारधारा है। सनातन भारत याने सनातन समाज। सनातन समाज याने समय के साथ जो बदलता रहता है वह! वैदिक काल में हमारे…

कितना उपयोगी है भारतीय पंचांग?

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आज कल पंचांग का प्रचलन बहुत ही कम है। जीवन की सभी घटनाओं का ब्यौरा हमारे पास सिर्फ ईसवी कैलेंडर के अनुसार ही है, कारण बहुत साफ़ है, घर में घडी भी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार है, हाथ घडी भी ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार है यहाँ तक कि मोबाइल का…

भारतीय दर्शन कर्म और कर्मफल पर टिका हुआ है

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कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफल हेतु: भू: ते संग: अस्तु अकर्मणि।। भगवतगीता 2.47 भगवतगीता का यह श्लोक लगभग सभी लोग जानते हैं। कृष्ण कह रहे हैं कि तुम्हारा अधिकार कुशलता पूर्वक कर्म करने में है उसके परिणाम में नहीं। इसलिए न तो कर्मफल की आकांक्षा करो और न ही…

धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन विकास की बयार

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प्रदेश में दोबारा योगी सरकार का गठन होते प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कैबिनेट के मंत्रियों के साथ प्रदेश के समग्र विकास का खाका तैयार करने में व्यस्त हो गए  हैं तथा प्रतिदिन किसी न किसी विभाग की आगामी सौ दिनों की कार्ययोजना को अंतिम रूप और दिशा निर्देश दे…

प्रभु बिराजते है भक्ति के भाव में

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एक साधु महाराज श्री रामायण कथा सुना रहे थे। लोग आते और आनंद विभोर होकर जाते। साधु महाराज का नियम था रोज कथा शुरू करने से पहले "आइए हनुमंत जी बिराजिए" कहकर हनुमान जी का आह्वान करते थे, फिर एक घण्टा प्रवचन करते थे। एक वकील साहब हर रोज कथा…

विजय ही धर्म है

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हस्तिनापुर में पाण्डवों के राज्याभिषेक के बाद जब कृष्ण द्वारिका जाने लगे तो धर्मराज युद्धिष्ठर उनके रथ पर सवार हो कर कुछ दूर तक उन्हें छोड़ने के लिए चले गए। भगवान श्रीकृष्ण ने देखा, धर्मराज के मुख पर उदासी ही पसरी हुई थी। उन्होंने मुस्कुरा कर पूछा, "क्या हुआ भइया?…

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