Tag: hindu culture

ज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है भगवान का शरणागत

ज्ञान से परिपूर्ण हो जाता है भगवान का शरणागत

निर्मानमोहा जितसङ्गदोषा अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामाः। द्वन्द्वैर्विमुक्ताः सुखदुःखसंज्ञै-र्गच्छन्त्यमूढाः पदमव्ययं तत् ।। भावार्थ : जो झूठी प्रतिष्ठा, मोह तथा कुसंगति से मुक्त हैं, ...

मानव समाज के कतिपय दोष

मानव समाज के कतिपय दोष

तस्माच्छास्त्रं प्रमाणं ते कार्याकार्यव्यवस्थितौ ज्ञात्वा शास्त्रविधानोक्तं कर्म कर्तुमिहार्हसि भावार्थ : मनुष्य को यह जानना चाहिए कि शास्त्रों के विधान के ...

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