हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result

भारत में बसंतोत्सव – उत्तराखंड में फूल संग्रान्द

by हिंदी विवेक
in विशेष, संस्कृति, सामाजिक
0

भारत हिमालय के दक्षिण और हिंदमहासागर के उत्तर में है। इस देश मे 6 ऋतुएं आती हैं। इनकी शुरुआत बसंत ऋतु से होती है। सूर्य जिस दिन कुम्भ राशि मे प्रवेश करता है उस दिन सौरमास चैत्र की संक्रांति होती है। इस वर्ष 15 अप्रेल से चैत्र मास शुरू हो रहा है। इसी दिन से बसंत ऋतु शुरू हो रही है। चैत्र और वैशाख इन दो महीनों को बसंत ऋतु कहा जाता है।

बसंत ऋतु प्रकृति का यौवन काल होता है। इस काल में पेड़ों पर नई कोंपले आ चुकी होती हैं वनस्पतियों में फूल खिल चुके होते हैं। भंवरे प्रकृति के यौवन के साथ उत्सव मनाते हैं। उत्तराखंड देवभूमि में बसंतोत्सव मादकता लिए हुए आता हैं। आमों के बौर, ढाक (टेसू) के गहरे लाल फूल, ग्वीराल, फ्यूंली के फूल, हिसर, किंगोड़, सुराल, बुरांस, सरसों आदि दर्जनों प्रकार की वनस्पति खिलकर प्रकृति का श्रृंगार करते हैं। उत्तराखंड में चैत्र संक्रांति को “फूल संग्रान्द” कहा जाता है।

इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है। एक बार शिव जी तपस्या में बैठे तो बहुत दिनों तक तपस्या में लीन हो गए। उनको तपस्या से उठाने के लिए पार्वती जी के मन में आया कि शिवगणों को इस काम पर लगाया जाए। पार्वती जी ने उन्हें 10-11 साल का बना दिया। उनसे कहा कि सुबह सुबह बगिया से अछूत फूल (जिनपर भंवरे न मंडराए हों) लाकर शिव जी को अर्पित करो। बच्चे-बच्चियों ने ऐसा ही किया। साथ मे शिव जी से तंद्रा तोड़ने के लिए क्षमा याचना गीत गाते रहे-

फूलदेई क्षमा देई, भर भंकार तेरे द्वार आये महाराज…

शिव जी फूलों की महक से तंद्रा से बाहर आये। बच्चों को देखकर वे अति प्रसन्न हुए और मॉन से इस उत्सव में शामिल हुए। यह परंपरा आज भी उत्तराखंड के गांवों में है। इसके स्वरूप में लोकमंगल की भावना श्रेष्ठ है। 10-12 साल के लड़के लड़कियां सुबह सवेरे  रिंगाल बांस से बनी हुई कंडी (टोकरी) में खेतों की मेंडों पर या जंगल मे खिल रही वनस्पतियों पर खिलते फूलों को तोड़कर लाते हैं। सबसे पहले शिवालय में अर्पित करते हैं फिर गांव के प्रत्येक घर की दहलीज पर ( दहलीज के दोनों कोनों पर) अपनी कंडी में से फूल निकालकर डालते हैं। प्रत्येक घर से इन बच्चों को कुछ न कुछ उपहार मिलता है। यह क्रम वैशाखी के दिन तक चलता है।

बसंत है तो मादकता है। ग्राम योवनाएँ रात्रि के समय भोजन आदि से निवृत होने पर गांव की चौपाल में “थडिया और चौंफला” गीतों की धमाल मचाते हैं। भारत के अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा उत्तराखंड में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि है। उनकी भूमिका हर क्षेत्र में आगे रहती है। वे चौपाल में बहुत सुरीले गीतों से गोल दायरे में दो भागों में बंटी होती है, एक दल गीत के बोल शुरू करता है तो दूसरा दल उसी सुर को नए बोलों के साथ आगे बढ़ाता है। नव विवाहिता बहुएं चैत्र मास में अपने मायके में होती हैं। इस तरह उनके साथ आने वाले गीत नए गांव ने विस्तार पाते हैं।

बीच बीच में ये महिलाएं स्वांग भी करती हैं। कभी डॉक्टर की वेश भूषा में, कभी थानेदार की भूमिका में… गाँव की सयानी महिलाएं इनका मार्गदर्शन भी करती हैं। इन गीतों का अंत चौंफला गीतों से होता है। चौंफला चौताला लय के गीत होते हैं। पर्वतों के शिखरों पर बसे गाँव और घाटियों में बसे गांवों की ये सुरलहरियाँ जब गूंजती हैं तो लगता है देवराज इंद्र को रिझाने स्वर्ग की अप्सराएं धरती पर आकर स्वयम यह खेल कर रही हों।  अद्भुत है उत्तराखंड की यह संस्कृति जिसमें जीव और जगत मिलकर प्रकृति के यौवन बढ़ाते हैं प्रकृति का श्रृंगार करते हैं।

इस दौरान एक लोकप्रिय गीत यह भी गया जाता है-

फूलों कविलास रै मासी को फूल..

फूलों कविलास कै मैना फूललो..

फूलों कविलास चैत मा फूलालो..

फूलों कविलास कै डांडा फूलालो..

 – पार्थसारथि थपलियाल

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: heritagehindi vivekhindu culturehindu festivalhindu traditionsphool sangrand

हिंदी विवेक

Next Post
श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण प्रगति विवरण

श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण प्रगति विवरण

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0