‘100’ तक पहुंचने का सफर ‘0’ से ही शुरू होता है

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आज की कहानी पुणे के निवासी रामभाऊ की है। अंगूठा छाप रामभाऊ पढ़े लिखे तो नहीं थे पर "हुनरमंद" ज़रूर थे। वह पेशे से एक माली हैं और बंजर धरा को हरीभरी करने की कला में माहिर हैं। रामभाऊ घर-घर जा कर लोगों के बगीचे संभालते थे। गुज़र बसर लायक…

“जीवन विद्या” को सीखें और जिंदगी का स्वरूप समझें

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"असुर", "मनुष्य" और "देवता" देखने में एक ही आकृति के होते हैं । अंतर उनकी प्रकृति में होता है। "असुर" वे हैं, जो अपना छोटा स्वार्थ साधने के लिए दूसरों का बड़े से बड़ा अहित कर सकते हैं, "मनुष्य वे हैं", जो अपना "स्वार्थ" तो साधते हैं पर "उचित अनुचित"…

निर्लिप्त कर्मयोग : त्याग की महानता

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  एक बार महर्षि नारद ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन बन में जा पहुँचे। वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ा घनी छाया वाला सेमर का वृक्ष देखा और उसकी छाया में विश्राम करने के लिए ठहर गये। नारदजी को उसकी शीतल छाया में आराम करके बड़ा आनन्द हुआ, वे…

दामाद बनाम दामाद

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भारतीय पारिवारिक व्यवस्था में दामाद को काफी सम्मान दिया जाता है। ससुराल में सास से लेकर साले तक सभी उसकी मिजाजपुर्शी में लगे रहते हैं। वैसे इन दिनों जिस दामाद की देश-विदेश में बड़ी चर्चा है, वे हैं कांग्रेस के दामाद अर्थात यूपीए की राजमाता सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा।

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