दिव्यांग क्रन्तिकारी चारू चन्द्र बोस

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बंगाल के क्रांतिकारियों की निगाह में अलीपुर का सरकारी वकील आशुतोष विश्वास बहुत समय से खटक रहा था। देशभक्तों को पकड़वाने, उन पर झूठे मुकदमे लादने तथा फिर उन्हें कड़ी सजा दिलवाने में वह अपनी कानूनी बुद्धि का पूरा उपयोग कर रहा था। ब्रिटिश शासन के लिए वह एक पुष्प…

विश्व-बंधुत्व की भावना को साकार करता एकात्म मानवदर्शन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय

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सरलता और सादगी की प्रतिमूर्त्ति पंडित दीनदयाल उपाध्याय बहुमुखी एवं विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनका जीवन परिश्रम और पुरुषार्थ का पर्याय था। वे कुशल संगठक एवं मौलिक चिंतक थे। सामाजिक सरोकार एवं संवेदना उनके संस्कारों में रची-बसी थी। उनकी वृत्ति एवं प्रेरणा सत्ताभिमुखी नहीं, समाजोन्मुखी थी। एक राजनेता होते…

भारतबोध के साथ वैश्विक कल्याण का पथ ‘एकात्म दर्शन’

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धरती के हर  मनुष्य के साथ  ठीक वैसा व्यवहार हो, जैसा हम दूसरों से अपने लिए चाहते हैं। परिवार, समाज,देश और यहां तक कि विश्व के सभी शासक अपने पर निर्भर लोगों के साथ उनके हित को ध्यान में रखते हुए एक जैसा व्यवहार करें को एकात्म मानव दर्शन का…

मैं धर्म व जाति से परे एक भारतीय हूं- दादाभाई नौरोजी

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"मैं धर्म व जाति से परे एक भारतीय हूं" यह शब्द है दादाभाई नौरोजी के जिन्होंने कहा था कि अगर एक शब्द के काम चल जाए तो दूसरे शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए उन्हें भारतीय राजनीति का पितामह भी कहा गया था। मुंबई के एक गरीब परिवार में जन्में…

मुगलों से लोहा लेने वाले पेशवा बाजीराव बल्लाल

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श्रीमन्त पेशवा बाजीराव बल्लाल एक वीर और महान सेनानायक थे इनके काल के दौरान मराठा राजा ने बहुत विस्तार किया। बाजीराव बल्लाल का जन्म 18 अगस्त 1700 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। मात्र 20 वर्ष की उम्र में ही इन्होने पेशवा का पद ग्रहण कर लिया था जो…

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