सूर्य नमस्कार करने की सही विधि और लाभ

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ऐसा कहा जाता है कि अगर आप हर दिन सूर्य नमस्कार करते हैं तो आप को किसी और योग या एक्सरसाइज की जरूरत नहीं होगी। सूर्य नमस्कार को सभी योग का एक मिश्रण माना जाता है। इसके सभी 12 प्रकार एक ही तरह के होते हैं लेकिन उनके करने से…

भोजन के तुरंत बाद क्यों करना चाहिए वज्रासन?

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  देश का हर दूसरा व्यक्ति बढ़ते पेट की समस्या से परेशान है कुछ लोग इस पर ध्यान नहीं देते है जबकि कुछ लोग पेट को अंदर करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी उनका पेट कम होने का नाम नहीं लेता है। अब अगर समस्या कम…

कमर दर्द के लिए खास 5 योगासन

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भारत एक कृषि प्रधान देश है लेकिन यह अब धीरे धीरे व्यवसाय प्रधान होता जा रहा है। कृषि भूमि पर तेजी से कंपनी और मॉल बनने लगे हैं। देश के युवाओं का सपना अब ऑफिस में जाकर लैपटॉप पर काम करने का होने लगा है लेकिन इन सब के बीच…

हिंदू दर्शन की सुगंध ‘योग’

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पिछले माह एक छोटी सी खबर ने मेरा ध्यान आकर्षित किया। इस खबर का शीर्षक था, ‘योग यानी हिंदू धर्म प्रचार नहीं !’ यह राय भारत के किसी मनीषी की नहीं; कैलिफोर्निया के एक न्यायाधीश की है।

अस्थि रोगों में लाभकारी मत्स्यासन

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- समतल भूमि पर कंबल बिछाकर पद्मासन में बैठ जाएं। दोनों पैर सामने की ओर फैलाएं। अब दोनों हाथों से दाहिने पैर को घुटने से इस प्रकार मोड़ें कि एड़ी उदर भाग से सट जाएं और पंजे की उंगलियां जांघ के बाहरी भाग तक फैली रहे।

गोमुखासन से पाएं जोड़ों के दर्द से मुक्ति

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स्वास्थ रक्षा में योगासनों का विशेष महत्व है। इनसे त्रिदोषों का संतुलन बना रहता है। दोषों के असंतुलन से ही रोग जन्म लेते हैं। जिनमें वातज रोग अधिक कष्टदायक होते हैं। क्योंकि इनमें काफी तकलीफ होती है। जैसे-संधिवात, आमवात, वातरक्त आदि। इनसे निजात पाने में योगासन प्रमुख भूमिका निभाते हैं। इन्ही योगासनों में से एक है गोमुखासन, जिससे निश्चित ही जोड़ों के दर्द से मुक्ति मिल जाती है।

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