नई दिशा देने वाले परिवर्तन का तूफान 

17हवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए हैं। ये नतीजे आश्चर्यचकित करने वाले नहीं हैं; क्योंकि चुनाव के पहले से ही देश में हवा नरेंद्र मोदी को दुबारा सत्ता सौंपने की थी। फिर भी, ये नतीजे न भूतो, न भविष्यति अवश्य हैं। आजादी के बाद अब तक के इतिहास में किसी गैर-कांग्रेसी पार्टी को दूसरी बार सत्ता पर विराजमान होने का अभूतपूर्व जनादेश भारतीय जनता ने दिया है। इस जनादेश ने, वास्तविक नतीजों ने नया इतिहास रचा है और कई मिथकों को तोड़ दिया है।
चुनाव के बाद आए एक्झीट पोल के रुझानों को नजरअंदाज करते हुुुए जीन लोगों को 23 मई 2019 के सुबह 8:00 बजे तक यह कहने की सुविधा थी कि भाजपा जैसे -तैसे सत्ता पर आ जाएगी, क्योंकि चुनाव के पहले की स्थिति और उत्तर प्रदेश चिंता के विषय थे। ऐसे तमाम लोगों के लिए सुबह के 9:00 बजते-बजते यह अनुमान लगाने की सुविधा खत्म हो गई। कारण मतगणना शुरू होने के बाद एक घंटे में ही भारतीय जनता पार्टी  और उसके सहयोगी दलों की जबरदस्त जीत सामने दिख रही थी। 10 बजते-बजते  यह तय हो गया कि भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दल याने एनडीए सरकार बना रही है और देश में चुनाव के पहले से ही नरेंद्र मोदी के हाथ में विश्वास से सत्ता सौंपने का माहौल था, जो सच हो गया। सहयोगी दलों को छोड़कर अकेले भाजपा स्पष्ट जनादेश हासिल करने की दिशा में है। यह एक अचंभित करने वाला सच है।
17हवीं लोकसभा के चुनाव के नतीजे ऐतिहासिक रहे। इन पंक्तियों के लिखने तक  दोपहर १ बजे तक भाजपा ने अपने अकेले दम पर २८९ सीटें के रुझान हैं और सहयोगी दलों को साथ मिलाकर एनडीए  ३५३  सीटों के रुझान हैं;  नतीजों ने तमाम मिथकों को तोड़ दिया है। कान्ग्रेस और गठबंंधन  के कल्पनाओं को, सपनों को अपनी सीमा दिखा दी है। राहुल गांधी के लिए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पद का ताज सजा कर रखा था; मात्र दुर्भाग्य है कि इस बार भी राहुल और कांग्रेस के लिए सत्ता बड़ी दूर की कौड़ी रही। सच तो यह है कि मोदी एक तरफ और सभी विरोधी दूसरी तरफ इस तरह यह लड़ाई लड़ी गई।
आज जबकि नतीजे सामने आए हैं, कांग्रेस और गठबंधन की पराजय के कारणों पर चर्चा होना अत्यंत आवश्यक है। कांग्रेस और मोदी विरोधी गठबंधन एवं संगठनों ने अपनी पराजय का सामान खुद ही जुटाया था। मोदी विरोधी खेमे के लगभग सभी नेता नरेंद्र मोदी का ही विरोध करने में अपना सामर्थ्य दिखाने लगे। गलत बयानबाजी, नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत प्रहार, उनके गाल पर लोकतंत्र की थप्पड़ जड़ने की बात आदि। इस प्रकार की गलत बातों के कारण 2019 के चुनाव में प्रचार का दर्जा अत्यंत निम्न स्तर तक गया। मोदी-विरोधी अपनी गलतियों को सुधारने के बजाय एक के बाद एक गलतियां और करते गए। कांग्रेस आरोपों की बौछार करती रही, पर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस पर विश्वास करेगा कौन? इस प्रकार की स्थिति चुनावी माहौल में निर्माण हुई थी। ममता बनर्जी का प्रचार के दौरान बर्ताव प्रतिशोध भरा था। इन सारी बातों का संदेश जनता तक पहुंच रहा था और कांग्रेस तथा मोदी विरोधी गठबंधन दिशाहीन हो रहा था। इसी का परिणाम आज पराजय के रूप में कांग्रेस, उनके नेतृत्व वाले यूपीए और तथाकथित महागठबंधन को भुगतना पड़ रहा है।
भाजपा की इस तरह की राजनीतिक विजय का अनुमान कभी नहीं किया गया था।  1975 में जनता पार्टी को मिली विजय से भी बड़ी यह विजय है। अयोध्या के संघर्ष के बाद जो कांग्रेस विरोधी बाढ़ आई थी, उस बाढ़ से भी यह विजय बड़ी है। इस चुनाव में बड़े-बड़े दिग्गज नेता जो राजनीति में पैठ लगा बैठे थे, आज अपना अस्तित्व खो बैठे हैं। देश हित का विचार करने वाला सत्य और तेजोमय हो गया है और असत्य की ओर बढ़ने वाली गलत शक्तियों की पराजय हुई है।
चुनावी आंधी के दौरान कहा जाता था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा 2014 वाला नतीजा दोहरा नहीं पाएगी। उसी उत्तर प्रदेश राज्य में मायावती और अखिलेश यादव को अचंभित कर देने वाली पटखनी जनता ने दी है। हिंंदुस्तान की राजनिती मे नई  कहानी लिखनेवाला यह चुनाव है,उत्तर प्रदेश और बिहार से जाती की राजनीति खतम होती दिखाई देे रही है। गोवा, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंंड , महाराष्ट्र,  झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम  बंगाल राज्यों में भाजपा को मिला जनाधार ध्यान आकर्षित करने वाला है। भाजपा ने इस बार केरल, पश्चिम बंगाल  में अपना अस्तित्व जम कर स्थापित किया है। पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में भाजपा के वोटों का प्रतिशत भी बड़ा है। 2019 के चुनाव इतने परिवर्तनकारी हैं कि जिसका विश्लेषण किसी एक लेख में संभव नहीं है।

फिलहाल सिर्फ इतना ही कहा जा सकता है कि यह चुनाव देश में परिवर्तन के लिए उचित पार्टी और उचित व्यक्ति का चयन करने वाला चुनाव था। यह चुनाव भारत के मतदाताओं द्वारा नरेंद्र मोदी को पुनः भारत का प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव था। मोदी सरकार ने 5 साल के अपने कार्यकाल में जो विश्वास जनमानस में निर्माण किया था उस विश्वास को लोकतंत्र की प्रक्रिया द्वारा उजागर करने का चुनाव था। उससे लगता है कि यह मात्र चुनाव नहीं था, भारत को नई दिशा में ले जाने वाले परिवर्तन का तूफान था।
कांग्रेस और मोदी विरोधी गठबंधन ने अपने चुनावी प्रचार में नरेंद्र मोदी को जातिवाद, रफाएल भ्रष्टाचार, व्यक्तिगत आरोपों में उलझाने का प्रयास किया था। मोदी ने समय-समय पर अपने विरोधियों को सटीक जवाब दिया है। लेकिन भारत देश की जनता ने इस चुनाव प्रक्रिया के माध्यम से कांग्रेस सहित सभी विरोधियों के दांत खट्टे कर दिए हैं। सिर्फ  भाजपा को  ही भारत की जनता ने अब तक २८९ कमल अर्पण किए हैं। अब नरेंद्र मोदी की जिम्मेदारी है कि वे भारत की जनता को सामर्थ्यवान भारत का उपहार दें। आज भारतीय जनता को मोदी  से बहुत अपेक्षाएं हैं। विकास दर, गरीबों  के जीवन स्तर को बढ़ाने वाली अनेक योजनाएं, महंगाई पर अंकुश, विदेश नीति, विदेश व्यापार नीति, रोजगार, किसानों की खुशहाली, आतंकवाद- नक्सलवाद पर कठोर प्रहार,  पाक-चीन संबंध जैसे विभिन्न विषयों पर देश को संतोष दिलाने वाले परिणाम अगले पांच साल में देश को अर्पण करना अब मोदी की जिम्मेदारी है। इसी पर यह तय होगा कि वे 2024 के चुनाव के समय भी जनता के सिरमौर बने रहेंगे या नहीं। पूर्ण बहुमत से सरकार स्थापित हो रही है ऐसे समय में अपने सपने का नया भारत साकार करने का मौका दूसरी बार नरेंद्र मोदी को भारत देश की जनता ने दिया है। अब लोगों के मन में सकारात्मक भाव बढ़ाने की जिम्मेदारी नरेंद्र मोदी की है।
यह विजय नरेंद्र मोदी की है या भाजपा की है इस पर गर्मागर्म चर्चा हो रही है। असल में यह विजय देश की जनता की है; जिन्होंने अत्यंत विश्वास के साथ चिलचिलाती धूप में भी घर से बाहर निकल कर बड़ी संख्या में मतदान किया। भारत में लोकतंत्र की मजबूती की यह एक और मिसाल है।नरेन्द्र  मोदी का तो अभिनंदन है ही; परंतु लोकतंत्र में जनता अत्यंत महत्वपूर्ण होती है यह सिद्ध करने के लिए अपने मतदान के अधिकार का उपयोग करने वाली भारतीय जनता भी अभिनंदनीय है। यह परिवर्तन देश को सामर्थवान, विश्वगुरु बनाने में सहायक हो- यही शुभेच्छाएं।
——-

This Post Has 6 Comments

  1. Vijay Bhide

    Great

  2. Vijay Bhide

    Great Lekh amolji

  3. Smt. Surekha Varghade

    बहुत बढीया लिखा है अमोलजी

  4. Smt. Surekha Varghade

    बहुत बढीया लिखा है अमोलजी

  5. Smt. Surekha Varghade

    Very nice

  6. Smt. Surekha Varghade

    Very nice ???

Leave a Reply to Smt. Surekha Varghade Cancel reply