बुद्धिमान लड़की

एक साहूकार के चुंगल में एक किसान फँस गया। उसने अपनी मुसीबत में उससे काफ़ी रुपये उधार लिए थे। अब भी उसकी स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह कर्ज़ चुका सके।
साहूकार अधेड़ और बदसूरत था। उसकी लालची नज़र किसान की कमसिन और सुंदर लड़की पर थी। उसने किसान के सामने प्रस्ताव रखा किकृकृअगर तुम अपनी बेटी का विवाह मुझसे कर दोगे तो मैं तुम्हारा सारा कर्ज़ माफ़ कर दूँगा।
बाप और बेटी दोनों ही इस भयानक प्रस्ताव से सिहर उठे। उस चालाक साहूकार ने कहा चलो मैं तुम्हें फै़सला करने का एक मौका देता हूँ। मैं अपनी थैली में एक काला पत्थर डालता हूँ और एक सफ़ेद । तुम्हारी लड़की अगर काला पत्थर उठाएगी तो मुझसे विवाह करना होगा और तुम्हारा कर्ज़ माफ़ हो जाएगा। अगर इसने सफेद पत्थर उठाया तो यह मुझसे विवाह करने को बाध्य नहीं है, परन्तु तुम्हारा कर्ज़ फिर भी माफ़ कर दूँगा। हाँ अगर इसने थैली उठाने को मना कर दिया तो मैं तुम्हें जेल की हवा खिलाऊँगा।

बात करते करते वह साहूकार झुका और उसने दो पत्थर उठाए और दो छोटी थैलियों में डाल दिए। जब वह ऐसा कर रहा था तो उस चतुर लड़की की नज़र उसी पर थी। उसने देखा कि उस चालाक साहूकार ने दोनों ही काले पत्थर डाले हैं, ताकि उसकी पहली शर्त सफल हो जाए।

सहूकार ने लड़की से थैली उठाने के लिए कहा। अब मान लीजिए आप उस लड़की की जगह होते तो क्या करते? या आपको उसे सलाह देनी होती तो क्या देते? इस संदर्भ में तीन संभवनाएँ हो सकती हैं।

1. लड़की को यह शर्त नामंजूर कर देनी चाहिए।
2. लड़की को उस चालाक साहूकार की चालाकी उजागर करनी चाहिए।
3. लड़की को काला पत्थर उठा कर पिता को कर्ज़ से मुक्त कर देना चाहिए।
लड़की की दुविधा को दूर करने की सारी वैचारिक प्रणाली के परिणाम क्या होंगे?

देखिए उस चतुर और बुद्धिमान लड़की ने क्या किया? अब उसने थैली से एक पत्थर इस तरह उठाया कि उसका पत्थर नीचे गिर गया और अन्य पत्थरों में मिल गया। उसने कहा- ‘देखो मैं कितनी लापरवाह हूँ, परंतु कोई बात नहीं, अब मैं दूसरा पत्थर निकालती हूँ तो तुम्हें मालूम हो जाएगा कि मैंने कौन सा पत्थर गिराया है।
अब जबकि थैली में काला पत्थर था, अतः मान लिया गया कि उसने सफ़ेद पत्थर ही उठाया था।

अब वह साहूकार अपनी ही बेईमानी के जाल में फँस चुका था। लड़की ने अपनी बुद्धि से पूरी बाज़ी ही पलट दी। उसने उस असंभव परिस्थिति को एक लाभदायक मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया।

इस कहानी से यही शिक्षा मिलती हैः बस प्रभु पर आस्था रखें, प्रार्थना करें। प्रभु ऐसी समझ देंगे कि हर कठिन समस्या का समाधान निकल ही आएगा।

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