सूर्या फाउण्डेशन द्वारा खेलकूद के माध्यम से हो रहा युवा निर्माण

सूर्या फाउण्डेशन एक सामाजिक संस्था है जो विभिन्न विषयों पर चिंतन, मनन और शोध वेफ लिए समर्पित है। संस्था अपने अनेक आयामों जैसे- थिंक-टैंक, स्कूल भारती ऑर्गेनाइजेशन, प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग, आदर्श गांव योजना आदि के माध्यम से पिछले 25 वर्षों से समाज व राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे रही है।

मा. प्रधनमंत्री जी का कहना है कि खेल-भावना जीवन में सफलता का आधर है क्योंकि कहा जाता है ‘स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है।’ खेलकूद से युवा जीवन में आने-वाली समस्याओं का सामना करने में सक्षम होते हैं।

सूर्या फाउण्डेशन आदर्श गांव योजना के अंतर्गत प्रतिवर्ष भारत यूथ क्लब के युवाओं की खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। जिसमें लाखों युवा भाग लेते हैं। सूर्या फाउण्डेशन के कार्ययुक्त गांव और उसके निकटवर्ती 10 गांव को जोड़कर प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। सभी प्रतियोगिताएँ ओपन टूर्नामेंट के आधर पर होती है। इस वर्ष यह प्रतियोगिता प्राकृतिक चिकित्सा दिवस (18 नवंबर) से युवा दिवस (12 जनवरी) तक आयोजित की जा रही है। जिसमें 18 राज्यों में 1600 गांव के 1 लाख युवा भाग ले रहे हैं। 250 स्थानों पर समापन कार्यक्रम किये जायेंगे जिसमें 15000 खिलाड़ियों को मेडल व प्रमाण-पत्रा देकर सम्मानित किया जायेगा।

प्रत्येक गांव से खेल में रुचि लेने वाले युवा, रिटायर्ड अधिकारी मिलकर खेल समिति का निर्माण करते हैं। इसमें साई, क्रीड़ाभारती तथा नेहरू युवा क्लब आदि का भी सहयोग लेते हैं। खेलकूद प्रतियोगिता 7 दिनों की होती है। समापन पर स्थानीय जनप्रतिनिधि ग्राम प्रधान को भी खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन एवं पुरस्कार वितरण हेतु बुलाते हैं। सुरक्षा की द़ृष्टि से प्रशासन, फायर सर्विस, डॉक्टर्स का भी सहयोग लेते हैं। जज, रेफरी व खेल के नियम स्थानीय समिति निर्धारित करती है।

सूर्या फाउण्डेशन इस तरह युवाओं के जनजागरण का कार्यक्रम पूरे भारत में कर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं, क्षेत्रा के प्रबुद्ध जनों, संतों का मार्गदर्शन युवा पीढ़ी को मिलता है। जहां एक ओर भारत का युवा गलत आदतों एवं सामाजिक कार्यों से दूरी बना रहा है, वहीं सूर्या फाउण्डेशन भारत यूथ क्लब के द्वारा युवाओं को गांव में सामाजिक गतिविध्यिों, परिवार व समाज के विभिन्न पहलुओं से जोड़ने का काम कर रहा है। खेलकूद प्रतियोगिता में खिलाड़ियों के खेल के साथ-साथ व्यक्तित्व निर्माण एवं उनके विचारों में परिवर्तन किया जाता है।

 

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