मध्य प्रदेश में सिंधिया की वजह से जायेगी कांग्रेस की सत्ता? एमपी कांग्रेस के 16 विधायक राज्य से बाहर


मध्य प्रदेश की सियासी हलचल समाप्त होने का नाम नही ले रही है बीते सप्ताह अभी सियासी पारा अपने चरम पर था लेकिन कांग्रेस ने पूरजोर कोशिश कर उसे समय रहते समाप्त कर दिया था, लेकिन होली से ठीक एक दिन पहले फिर से मध्य प्रदेश कांग्रेस की होली खराब होती नजर आ रही है और इस बार बवाल पार्टी के अंदर ही दिख रहा है। यह किसी से भी अछूता नहीं है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस में दो दल है मौजूदा मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने एक गुट के साथ राजनीति करते है जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया का अपना एक अलग दल है हालांकि दोनों काम कांग्रेस के लिए करते है लेकिन अब यही दोनों दल पार्टी के लिए परेशानी बनते नजर आ रहे है।

ताजा जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश में सिंधिया को सपोर्ट करने वाले 16 विधायक फिलहाल में बेंगालूरु पहुंच चुके है इनमें से 6 राज्य सरकार में मंत्री भी है पार्टी नेताओं का इस तरह से एक साथ राज्य के बाहर जाना प्रदेश सरकार के लिए चिंता का विषय है और इसके लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आनन फानन में सोनियां गांधी से मुलाकात की है हालांकि इस मुलाकात की बातें अभी तक बाहर नहीं निकल कर आ सकी है लेकिन यह तय माना जा रहा है कि विधायकों के बाहर होने के बाद से एमपी की सियासत में फिर से भूचाल आना तय माना जा रहा है और इस बार खुद पार्टी के नेता ही इस सियासत में शामिल है।

वहीं खबरों की मानें तो कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया काफी समय से बीजेपी के बड़े नेताओ के संपर्क में है जिससे पार्टी की परेशानी और भी बढ़ चुकी है इससे पहले सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने की खबर आ चुकी है हालांकि अभी तक सिंधिया ने इस पर कभी खुल कर बात नहीं है।

मध्य प्रदेश में फिलहाल विधानसभा की कुल 228 सीटें है जिसमें कांग्रेस के पास 114 सीटें है जबकि 4 निर्दलीय, 2 बीएसपी और एक एसपी के विधायकों को मिलाकर कांग्रेस सत्ता चला रही है। वहीं बीजेपी के पास कुल 107 विधायक है और उसे सिर्फ और 9 विधायकों की जरुरत है जिससे वह फिर से सत्ता में वापसी कर सकती है।

मंगलवार यानी होली के दिन बीजेपी के विधायक दल की बैठक होने वाली है जिसमें शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जाना है, जिसके लिए बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को निर्देश दिया है कि इस बैठक में सभी लोग उपस्थित रहें। आप को बता दें कि इस समय गोपाल भार्गव विधायक दल के नेता है।
मध्य प्रदेश का सियासी पारा चरम पर है पिछले कुछ समय से उठा पठक चालू है लेकिन यह किसी अंतिम मुद्दे तक नहीं पहुंच पा रहा है लेकिन होली के ठीक एक दिन पहले शुरु हुआ यह सियासी खेल कहां पर खत्म होगा सभी को इसका इंतजार है।

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