कांग्रेस का हाथ मोदी सरकार के साथ

कोरोना वायरस लगातार पूरी दुनिया के लिए खतरा बनता जा रहा है। भारत सहित तमाम देश इससे परेशान है। सरकारों की तरफ से तमाम उपाय किये जा रहे है लेकिन उसके बाद भी ना तो संक्रमण पर रोक लग पा रही है और ना ही सरकारें संतुष्ट हो पा रही है। सरकार ने आम लोगों के लिए हर जरुरी उपाय कर रही है लेकिन अब सरकार के सामने उन मजदूरों की समस्या आ खड़ी हुई है जो दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए आये थे लेकिन अब उन्हे घर पहुंचना है क्योंकि अंत समय में उनके मालिक ने उनका साथ छोड़ दिया और उन्हे काम से भी निकाल दिया। यह समस्या सरकार के लिए उस समय चिंताजनक हो गयी जब दिल्ली यूपी सीमा पर एक साथ करीब हजारों की संख्या में मजदूर इकट्ठा हो गये। कोरोना के डर से जहां एक साथ चार लोगों के खड़े होने पर रोक लगाई जा रही है वहां हजारों लोगों का इकट्ठा होना चिंता की बात है।

 राहुल गांधी ने रविवार को मोदी को पत्र लिखकर सहयोग देने की बात कही। राहुल गांधी ने अपने पत्र में कहा कि वह और उनकी पार्टी सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है क्योंकि देश बुरी परिस्थिति से गुजर रहा है। यह किसी एक पार्टी की लड़ाई नही है बल्कि हम सभी देशवासियों की लड़ाई है जिसे सभी को साथ होकर लड़ना है और हराना है। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस का एक एक कार्यकर्ता सरकार की मदद के लिए तैयार है सरकार जिसे जो भी आदेश देगी वह मानने के लिए तैयार है।

राहुल गांधी ने कहा कि हमें उन देशों से सीखना चाहिए जो बड़ी संख्या में संक्रमण से जूझ रहे है और ऐसे नियमों को लागू करना चाहिए जो ऐसे संक्रमित देश लागू कर रहे है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में गरीबों की संख्या ज्यादा है जो अपनी रोज की कमाई से ही अपना घर चलाते है ऐसे में लम्बे समय तक होने वाली बंदी कोरोना से अलग एक नई परेशानी खड़ी कर देगा।

राहुल गांधी ने अपने पत्र में जिक्र करते हुए कहा कि गांवों में बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा है और लॉक डाउन के बाद शहरी क्षेत्रों से बड़ी संख्या में बेराजगार युवा अपने गावों की तरफ प्रस्थान कर चुके है जिससे बुजुर्गों में संक्रमण की आशंका बढ़ सकती है और उनकी वजह से पूरा परिवार संक्रमित हो सकता है। सरकार को ऐसी कठिनाईयों से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। 

This Post Has One Comment

  1. Sandeep mane

    Rahul Gandhi ka acchha decision hai deshhit me.

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