दिवाली पर जिस तरह हम नकली खोए की पहचान हम करते हैं, उसी तरह आप केसर के भी असली और नकली होने का पता लगा सकते हैं। केसर के असली होने की पहचान आप दूध के ज़रिए भी कर सकते हैं।
यदि केसर के धागे गर्म दूध में डालने के बाद तुरंत रंग छोड़ने लगे, तो समझ जाइये कि केसर नकली है। असली केसर दूध में मिलाने के करीब 10 मिनट बाद लाल हो जाता है।
यदि आपको केसर की क्वालिटी के बारे में जानकारी चाहिए, तो आपको केसर के धागों के स्वाद को चखना चाहिए। असली केसर का स्वाद कड़वा होता है। यदि इसका स्वाद मीठा लगे, तो समझ जाइए कि केसर नकली है। वहीं यदि केसर के धागे पानी में मिलाने के बाद सफ़ेद रंग के हो जाएं, तो भी ये ज़ाहिर होता है कि ये नकली है। ये भी जान लें कि केसर सूख होता है, इसलिए इसे हाथ में लेने पर यह टूट जाता है।
आप बेकिंग सोडे की मदद से भी केसर के असली होने की पहचान कर सकते हैं। पानी में एक छोटा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाने के बाद इसमें केसर डालें। यदि पानी का रंग पीला हो जाए, तो समझिए केसर असली है। यदि पानी का रंग लाल हो जाए, तो समझिए कि यह नकली है। आपको यह बात भी याद रखनी चाहिए कि असली केसर में मात्र सुगंध होती है, इसका कोई टेस्ट नहीं होता।
यदि आप असली केसर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको स्वास्थ से सबंधी कई फायदे हो सकते हैं। जैसे केसर अनिद्रा जैसी समस्या में बेहद उपयोगी माना जाता है। यह इनसोम्निया और डिप्रेशन जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। यदि कोई अनिद्रा से परेशान है तो केसर उसके लिए लाभकारी हो सकता है।
एक बार उपर लिखा है केशर मीठा नही कडवा होता है फिर नीचे लिखा है – इसका कोई स्वाद नही होता है ???