बुधवार को चक्रवात पहुंचेगा पं बंगाल और उड़ीसा, हो सकती है भारी तबाही

  • बुधवार को पश्चिम बंगाल और उड़ीसा पहुंच सकता है चक्रवात   
  • सरकार ने एनडीआरएफ टीम को एलर्ट पर रहने के दिए निर्देश 
  • अम्फान चक्रवात अब सुपर साइक्लोन में बदला
  • पीएम मोदी ने की उच्च स्तरीय बैठक
देश के सामने कोरोना वायरस के बाद अब साइक्लोन का खतरा नजर आ रहा है जिस पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की, इस दौरान प्रधानमंत्री ने राज्यों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया। जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से उठा अम्फान चक्रवात अब सुपर साइक्लोन में बदल चुका है और यह पश्चिम बंगाल और उड़ीसा तक बुधवार को पहुंच सकता है। जिस तेजी और दिशा में यह चक्रवात आगे बढ़ रहा है अगर इसमें बदलाव नहीं हुआ तो इस चक्रवात की वजह से पश्चिम बंगाल और उड़ीसा में बड़ी तबाही देखने को मिल सकती है।

चक्रवात के हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री ने सोमवार को एक बैठक की, इस दौरान संबंधित सभी अधिकारी मौजूद थे। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने चक्रवात से निपटने और हालात बिगड़ने के दौरान लोगों की मदद को लेकर सभी से जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने बैठक के बाद एक ट्वीट किया जिसमें लिखा, चक्रवात के कारण पैदा हुए हालात से निपटने की तैयारियों को लेकर बैठक की गई, बैठक में चक्रवात से निपटने के लिए विभिन्न उपायों और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की योजना पर भी चर्चा हुई। मैं सब की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव मदद दी जाएगी।

चक्रवात की बढ़ती हलचल के बाद मौसम विभाग ने अम्फान चक्रवात के कारण समुद्र में 4 से 6 मीटर ऊंची लहरें भी उठने की उम्मीद जताई है जिससे पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में हालात बिगड़ सकते हैं इससे मिदनापुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली और कोलकाता बुरी तरह से प्रभावित हो सकते हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इस चक्रवात की वजह से तटीय इलाकों को खाली करने के निर्देश दे दिये गये है और सभी से सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

चक्रवात की बढ़ती गंभीरता को देखते हुए एनडीआरफ टीम को भी अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा कि चक्रवात तूफान अब सुपर साइक्लोन में बदल चुका है। इस चक्रवात से पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के हालात बिगड़ सकते हैं और तबाही भी बड़े पैमाने पर देखने को मिल सकती है। एनडीआरएफ प्रमुख ने जानकारी देते हुए बताया इससे पहले 1999 में इतना भयानक तूफान उड़ीसा में देखने को मिला था।

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