- गोल मशीन कहे जाने वाले बलवीर सिंह सीनियर का निधन
- प्रतिभा के चलते पद्मश्री से हुए थे सम्मानित
- चंडीगढ़ के निजी अस्पताल में ली अंतिम सांस
- दिमाग में खून का थक्का जमने से हुई मौत
भारतीय हॉकी टीम के प्रतिभावान खिलाड़ी बलवीर सिंह सीनियर अब इस दुनिया में नहीं रहे। सोमवार को चंडीगढ़ के एक निजी अस्पतला में उन्होने अंतिम सांस ली। वह 96 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से बिमारियों से जूझ रहे थे। बलवीर सिंह सीनियर के निधन की खबर को उनके नाती करीब ने पुष्टि की और कहा कि आज नाना जी का निधन हो गया। बलवीर सिंह सीनियर ने देश का नाम कई बार रोशन ( dark chocolate ) किया था और देश के लिए गोल्ड मेडल भी जीता था। बलवीर सिंह सीनियर ने सन 1948 में लंदन, सन 1952 हेलसिंकी और सन 1956 में मेलबर्न में ओलंपिक में भारत के गोल्ड मेडल जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। सन 1956 मेलबर्न ओलंपिक में उन्हे टीम का कप्तान नियुक्त किया गया था और इस जीत के बाद उन्हे 1957 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।
मशहूर खिलाड़ी की मौत की वजह
जानकारी के मुताबिक बलवीर सिंह तबियत 8 मई को खराब हुई जिसके बाद उन्हे चंडीगढ़ के फोर्टिस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया जहां उनका इलजा जारी था लेकिन उनके हालात में सुधार होता नजर नहीं आ रहा था। डाक्टरों के मुताबिक उनके दिमाग में खून के थक्के जमने शुरु हो गये, फेफड़ों मे निमोनिया हो गया और बुखार भी रुकने का नाम नहीं ले रहा था। जिसके बाद बलवीर सिंह 18 मई को अर्ध चेतन अवस्था में चले गये और फिर सोमवार सुबह करीब 6.30 बजे उनका निधन हो गया। बलवीर सिंह के निधन पर हॉकी इंडिया की तरफ से भी ट्वीट कर दुख प्रकट किया गया।
Hockey India extends its condolences to fans, friends and family of the 3-time Olympic Gold Medalist and Padma Shri Awardee, Balbir Singh Sr.🙏#IndiaKaGame #RIP @BalbirSenior
— Hockey India (@TheHockeyIndia) May 25, 2020
बलवीर सिंह के है अब भी अटूट रिकॉर्ड
गोल मशीन के नाम से मशहूर बलवीर सिंह सीनियर अपने खेल के लिए चर्चित थे उन्होने की ऐसे रिकार्ड बनाए है जिसे आज तक नहीं तोड़ा गया है जिसमें नीदरलैंड के खिलाफ फाइनल में 5 गोल का रिकॉर्ड है जिसे अभी तक नहीं तोड़ा गया है। पद्मश्री विजेता बलवीर सिंह ऐसे खिलाड़ी है जिनके टीम में रहते तीन बार गोल्ड मेडल भारत के हाथ लगा था।