राजस्थान ! भारत का सबसे गरम राज्य। लगभग 3,500 चौ. मी. क्षेत्र पर फैले राजस्थान की आबादी लगभग 7 करोड है। कभी राजाओं का स्थान रहा यह राज्य पिछले कई वर्षों से बढते तापमान का शिकार बन गया है। पानी की समस्या और बढते तापमान की चिंता के बीच फसा हुआ राजस्थान फिर भी डटकर खडा है और मुकाबला कर रहा है।
इस राज्य ने सम्राट हर्षवर्धन, महाराज प्रताप, पृथ्वीराज चौहान जैसे कई महान सम्राट निर्माण किये हैं। आज भी राजस्थान में कई होनहार युवक युवतीयां अपनी इस भूमि को सुजलाम सुफलाम बनाने का सपना देख रहे हैं।
पिछले दो सालों से उत्तर राजस्थान के संगारीया गाव के मार्बल विक्रेता सौरभ जिंदाल दिन मे लगभग 60 लिटर पानी 30 रुपते मे खरीदते हैं।
पीने का श्ाुध्द पानी वो भी राजस्थान में, पर यह सच है। इसको पिरामल वॉटर कंपनी ने सर्वजल नाम से निर्माण किया है। इस योजना अंतर्गत सबसे अभिनव बात यह है कि सर्वजल के एटीएम मशीन जैसे व्हेंन्डरिंग मशीन भी निकाले गये हैं।
अझुरे पावर नामक एक नीजी सोलार पावर कंपनी ने राजस्थान के नागौर गांव मे एक अनोखे 35 मेगावॅट निर्मिती यंत्र स्थापित किया है।छोटेछोटे सोलार पॅनल्स को जोडकर अंतवर्गीत डीश के उपर पॅनल्स लगाकर कम जगह मे जादा बिजली बनाने का अविष्कार किया है।
राजस्थान में सबसे बडा इलाका बालुकामय होने क ी वजह से ऊंट वहां पर निसर्गत: पाये जाते हैं। आज भी ऊं ट का बडे पैमाने पर उपयोग जनता करती है, किंतु इसी ऊंट से खींचनेवाली बस का उपयोग बैरवलाल काला बाल मन्दिर के बच्चों क ी स्कूल बस जैसा कीया गया है। दूसरी तरफ सौर उर्जा के साधनों को (सोलार पॅनल्स) एक जगह से दूसरी जगह पर पहुँचाने का काम भी यह प्राणी कर रहा है।
राजस्थान के ही सीकर इलाके की महिला किसान भगवती देवी ने अपने खेत को दीमकों से बचाने का अनोखा कुदरती उपाय ढूंढ नकाला। राजस्थान में पाया जानेवाला एक पौधा जिसे वहां के लोग सफेदी की लकड़ी कहते हैं का उपयोग भगवती देवी ने इस कार्य के लिये किया। उन्हे पता था कि दीमक इस पौधे की ओर आकर्षित होते हैं और इसके चारों ओर के कुछ भाग में वे नुकसान नहीं पहुंचाते । उन्होंने अपने खेत में कुछ दूरी के अंतर पर इन पौधों को लगाया। उन्हे इस प्रयोग में अश्चर्यजनक सफलता मिली। लगभग आधी फसल नष्ट करनेवाले दीमक इस पौधे की वजह से खेतों में आये ही नहीं। उन्हे इस प्रयोग के लिये सम्मान और पुरस्कार भी प्रप्त हुए।
इसी तरह के कई छोटेछोटे अविष्कार ही हमारे देश का विकास कर सकते हैं। हिमाचल प्रदेश में बना गहरा चूल्हा पानी गरम करने का आसान तरीका है।सोलन गाव के विद्यारतन शुक्ला ने इसका निर्माण किया है। इसकी अनोखी गहरी रचना से कम ईंधन में अधिक खाना पकाया जा सकता है साथ ही इस चूल्हे के साथ लगाये गये पाइप से गरम पानी प्राप्त किया जा सकता है।
राजस्थान को कठपुतलियों का प्रदेश भी कहा जाता है। वहां पर विज्ञापन करने का अनोखा तरीका ढूंढा गया है। सर्व सामान्य आदमी से दोगुने कद का, राजस्थानी वेष पहना हुआ व्यक्ति विज्ञापन करता हुआ दिखाई देता है।
यह तो भारत में होनेवाले विभिन्न छोटेछोटे अविष्कारों की झलक मात्र है।आज हमें जरूरत है इन अविष्कारों को भारत के हर एक कोने में पहुंचाने की।