हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
युवा जानें वास्तविक भारत

युवा जानें वास्तविक भारत

by राजकुमार देसाई
in जनवरी -२०१४, सामाजिक
0

इस समय सम्पूर्ण भारतवर्ष युगनायक श्री स्वामी विवेकानंद जी की 150 वीं जयन्ती के निमित्त सार्द्धशती समारोह मना रहा है। इस समारोह के माध्यम से समाज में नवचेतना जगाने का प्रयास किया जा रहा है। सामाजिक स्तर पर विभिन्न सेवा कार्य, प्रकल्प, संकल्प कार्यक्रम, सूर्यनमस्कार दौड, निबंध, चित्रकला, वकृत्व नैतृत्व विषयों पर कार्यक्रम एवं आयोजन हो रहे हैं, और इत्यादी कार्यक्रमों के माध्यम से युवाओं को देशप्रेम, राष्ट्रभक्ति, समर्पण, त्याग और सेवा के भाव से जोड़ा जा रहा है। युवाओं में लक्ष्य निर्धारण की शक्ति, सही दिशा में आगे बढ़ने, देश की दिशा और दशा बदलने की प्रेरणा दी जा रही है।

आज सम्पूर्ण विश्व पर नजर डालें तो पाते हैं कि विश्व का कोई भी देश भारत की बराबरी नहीं कर सकता क्योंकी जनसंख्या एवं मानव संसाधन के मामले में भारत सबसे आगे है। सम्पूर्ण विश्व की जनसंख्या का 65% भाग भारतीय युवाओं का है अर्थात आज भारत में 65% युवा लोग है भारत विश्व का सबसे बडा युवा देश है। इस 65% युवाशक्ति को सकारात्मक सोच, विचार और सही दिशा में तराशा जाय तो भारत हरक्षेत्र में चाहे वह विज्ञान, खगोल, तकनीक, सैन्य, ज्ञान, कला, साहित्य, आर्थिक और संस्कृति सभी में विश्व का सिरमौर बन जायेगा और यह काल आने वाली सदियों तक बना रह सकता है। इसके पीछे भी ठोस कारण है। हमारे पडोसी देशों पर नजर डालें तो तस्वीर साफ हो जायेगी। जितने भी हमारे पडोसी देश हैं आने वाले समय में बूढे देश कहलायेंगे कारण वहां ‘एक परिवार एक बच्चा’ की नीति लागू है आनेवाले समय में वहां युवा कम होंगे। दूसरा पडोसी देश, अपने बुरे कर्मों का फल भुगत रहा है। अपनी निजि धर्मांध समस्याओं की जकडन में फंसा सा है। बहरहाल मैं अपनी युवाशक्ति के बारे में बता रहा था आज भारतीय युवाओं को दासता, गुलामी और तथ्यहीन इतिहास की कहानियों से बाहर लाना है। सरकारी छतरी के नीचे जो गलत इतिहास एवं जानकारियां परोसी जा रही हैं, उससे बाहर निकालना है। 60 वर्ष से एक ही परिवार का गुणगान गाया जा रहा है। जो तथ्यहीन एवं मिथ्या है। हममें यवनों, पुर्तगालियों, अंग्रेजों के गुलाम होने का भाव भरा जा रहा है। हमें कायर नौकर की तरह दर्शाया जा रहा है। हमसे हमारा गौरवशाली, परमवैभवमयी पराक्रमी साहित्य एवं संस्कृति का ज्ञान छुपाया जा रहा है। गुलामी और आक्रान्ताओं द्वारा निर्मिति ईंट और चूने की इमारतों को महीमामन्डित कर अलंकृत किया जा रहा है। हमें मुगल आक्रांत बाबर, हुमायु, गजनी के पाठ पढ़ाये जा रहे हैं। पर वैदिक इतिहास ऋषि-मुनियों और चाणक्य-चन्द्रगुप्त को लुप्त बताया जा रहा है। अगर भारत नहीं होता तो विश्व को शून्य नहीं मिलता। न्युटन से पहले गुरुत्वाकर्षण की खोज की थी पर नाम न्यूटन को दिया गया। शल्यक्रिया इस धरा पर सर्व प्रथम आचार्य सुश्रुत ने की। ज्योतिष्य भविष्यवाणी भारतीय ज्योषियों ने की। काल खण्ड की गणना भारत की देन है। पृथ्वी का गोल होने का प्रमाण भारतीय वैदिक शास्त्रों में निहीत है। ग्रहों की दशा एवं दिशा भारतीय खगोलशास्त्र में निहीत है। हर कला का साहित्य भारत में शाास्त्रों के रूप में उपलब्ध है। यहां तक की ‘काम’ जिसे जीवन का भाग माना गया है, आजकल कि दुनिया जिसे खुलापन कहती है इस पर भी भारतीय मनिषियों ने शास्त्रलिखा है जिसे ‘कामशास्त्र’ से जाना जाता है जिसका जीता जागता उदाहरण मध्यप्रदेश के खजुराहों के मन्दिर है। हम हमारे सुनहरे एवं शानदार वैदिक संस्कृतिक ज्ञान के बदले गुलामी का इतिहास क्यों पढें? क्यों हंसते-हंसते मातृभूमि के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले चन्द्रशेखर आजाद को लुटेरा बताया जा रहा है? मात्र 20 वर्ष की उम्र में फांसी के फंदे पर झूलनेवाले, इन्कलाब जिन्दाबाद के नारे देने वाले शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को आज तक इस सरकारी इतिहास ने शहीद नहीं माना, सरकार के रिकार्ड में आजतक उन्हें शहीद घोषित नहीं किया है। क्यों हमें एक ही परिवार का बलिदान पढाया जा रहा है, आज भारत की युवा पीढ़ी को नये तकनीकी ज्ञान के प्रकाश में सही इतिहास चित्रण करना होगा।

आज जमाना उच्च तकनीकी ज्ञान का है। आज युवाओं का यह अधिकार है कि वह सच को जाने न कि सरकार द्वारा पोषित इतिहासकारों द्वारा रचा हुआ इतिहास पढ़ें।

समाज को सही दिशा देने, समाज सुधारकों की जीवनी एवं उनके सत्कार्य आज के युवाओं को बताने की आवश्यकता है। राजाराममोहनराय, दयानंद सरस्वती, अरविंद स्वामी, रामानंद स्वामी, रामानुजाचार्य, स्वामी विवेकानंद के ज्ञान को आज के भारतीय युवाओं तक पहुंचाना है।

आज का युवा अपनी सनातन परम वैभवमयी संस्कृति से पूर्ण रूपेण परिचित होना चाहिए। हमें हमारे युवाओं को यह अवगत कराना अत्यन्त आवश्यक है कि हमारी संस्कृति ने, हमारे धर्म ने इस ब्रह्माण्ड में चर-अचर, सजीव-निर्जीव सभी का संवर्धन किया है। तभी तो किसी न किसी वनस्पती के साथ धार्मिक कथा एवं पशु के साथ देव दर्शन का विधान है। अर्थात सभी में ईश्वर का रूप निहित है। इससे श्रेष्ठ प्रकृति संवर्धन और क्या हो सकता है? केवल पर्यावरण बचाओ के नाम से चिल्लाने से कोई लाभ नहीं मिलने वाला। प्रकृति और मानवीय संतुलन कायम करना है तो भारतीय संस्कृति को समझना होगा। गुलाबी क्रान्ति के नाम पर गोमाता के वध पर रोक लगनी चाहिए पशु धन बचाना चाहिए। इसके लिए युवाओं को वैज्ञानिक, आर्थिक सोच के साथ आगे लाना होगा और इस अमानुषिक गुलाबी क्रान्ति के खिलाफ लडना होगा।

विगत 65 वर्ष जो आजादी के बाद हमनें बिताये हैं, उसमें हमने गुलामी के अवशेषों के अध्ययन के सिवाय कुछ नहीं सीखा। आज हमें एक नये उर्जावान, दैदीप्यवान भारत के निर्माण की आवश्यकता है। मनगढंत एवं तथ्यहीन भ्रमों से बाहर निकलकर, सशक्त, सबल युवा भारत की रचना करनी है। जिसके लिये युवा शक्ति को एक सुदृढ, शक्तिमान, तेजस्वी, निर्णायक और उत्कृष्ट नेतृत्व की आवश्यकता है, जो इस भारत मां के आचल में ऐसा गौरवमयी पुष्प खिला सके जो सम्पूर्ण विश्व को अपने सुकर्मों से महका दे।

आज भारत के युवाओं को फिर से एक ‘नरेन्द्र नेतृत्व’ की आवश्यकता है, जो भारत को फिर एक बार विश्वगुरू का स्थान दिला सके।

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: actual indiahindi vivekhindi vivek magazineinspirationmotivationnational inspirationswami vivekanandayoung generationyouth iconyouth of indiayugnayak

राजकुमार देसाई

Next Post
मेरा यूरोप सफर

मेरा यूरोप सफर

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0