वृथा है पश्चिमवालों की नकल करना
हम लोगों को अपनी प्रकृति के अनुसार ही अपनी उन्नति करनी होगी। विदेशी संस्थाओं ने बलपूर्वक जो कृत्रिम प्रणाली हम पर थोपने की चेष्टा की है, तदनुसार काम करना वृथा है। वह असम्भव है। जय हो प्रभु! हम लोगों को तोड़-मरोड़कर नये सिरे से दूसरे राष्ट्रों के ढाँचे में गढ़ना…