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कोरोना से प्रदीर्घ युद्ध आरंभ

कोरोना से प्रदीर्घ युद्ध आरंभ

by डॉ. के . एन . पाण्डे
in अप्रैल -२०२१, सामाजिक, स्वास्थ्य
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भारत में फिलहाल कोवैक्सीन व  कोविशील्ड नामक दो वैक्सीनों से टीकाकरण का अभियान विशाल पैमाने पर चल रहा है। कोवैक्सीन देश में निर्मित पूर्णतः स्वदेशी वैक्सीन है, जबकि कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड के फार्मूले पर भारत में निर्मित वैक्सीन है। दोनों वैक्सीनों की प्रभावकारिता लगभग 81% है और वे सुरक्षित मानी गई हैं। भारत एक तरह से वैक्सीन उत्पादन का केंद्र बन चुका है।

देश में 16 जनवरी 2021 से कोवैक्सीन से प्रतिरक्षित करने की शुरुआत की गई जिसमें सर्वप्रथम कोरोना वायरस रोगियों के इलाज एवं प्रबंधन से जुड़े अस्पतालों के चिकित्सकों, नर्सों, सफाई कर्मियों जैसे फ्रंटलाइन वर्कर्स और कोरोना वायरस योद्धाओं को प्रतिरक्षित करने का निर्णय लिया गया। यह प्रयोग थर्ड फेज के क्लिनिकल ट्रायल मोड में किया जा रहा है। यानी क्लिनिकल ट्रायल में सम्मिलित व्यक्तियों को वैक्सीन से होने वाली संभावित साइड इफेक्ट्स के बारे में जानकारी दी जाती है और उनसे सहमति प्राप्त की जाती है। थर्ड फेस के क्लिनिकल ट्रायल से मिले परिणामों में इस पूर्ण स्वदेशी कोवैक्सीन कि प्रभावकारिता 81%  प्राप्त हुई है। इन परिणामों के आधार पर नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वी के पॉल के अनुसार अब यह वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल मोड में नहीं बल्कि सीमित आपातकालीन स्थिति मैं प्रयोग करने के लिए तैयार है। अभी तक इस कोवैक्सीन से केवल 311 व्यक्तियों में बहुत मामूली साइड इफैक्ट्स देखने को मिले हैं। इस वैक्सीन की विशेषता यह है कि इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर सुरक्षित रखा जा सकता है।

लक्षण

कोरोना वायरस से संक्रमित अलग-अलग व्यक्तियों में अलग-अलग लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर संक्रमित लोगों में हल्की से मध्यम बीमारी होती है और वे बिना हॉस्पिटल गए ठीक हो जाते हैं। कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों में ज्यादातर बुखार, सूखी खांसी और थकान जैसे लक्षण देखे जाते हैं। इनके अलावा कुछ कम सामान्य लक्षणों में पीड़ा व दर्द, गले में खराश, अतिसार, कंजक्टीवाइटिस, सिर दर्द, स्वाद एवं सूंघने की शक्ति में कमी, त्वचा पर चकते पड़ना और उंगलियों या अंगूठों के रंग में बदलाव आना।

भारत में स्थिति

दिनांक 12 मार्च, 2021 तक भारत में कोरोना वायरस से कुल 1,13,08,646 लोग संक्रमित हुए हैं। भारत में कुल 1,94,313 व्यक्ति कोविड 19 के सक्रिय रोगी हैं और कुल 1,58,343 लोग मौत का शिकार हुए हैं। हालांकि, कोरोना वायरस के विरुद्ध विश्व में अभी कोई दवा मौजूद नहीं है परंतु चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्वास्थ्य कर्मियों की कुशलता और अस्पताल में प्रदान किए गए उपयुक्त चिकित्सा प्रबंध के कारण भारत में कुल 1,58,343 लोग इस संक्रमण से मुक्त भी हुए हैं। इस तिथि तक भारत में  कोरोना वायरस के विरुद्ध वैक्सीन की 2,23,57,332 खुराकें दी गई हैं।

महाराष्ट्र अत्यधिक प्रभावित प्रदेश

इस समय भारत में महाराष्ट्र कोरोना वायरस के प्रकोप से अत्यंत प्रभावित है। दिनांक 12 मार्च, 2021 तक महाराष्ट्र में कुल 22,66,374 लोग करोना वायरस से पीड़ित हुए हैं, जिनमें 1,06,070 लोग सक्रिय रूप से संक्रमित हैं। लगभग 21,06,400 लोग उपयुक्त चिकित्सा प्रबंध के परिणामस्वरूप ठीक भी हुए। इस प्रदेश में 12 मार्च तक कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कुल 52,667 मौतें हुईं जिनमें 57 मौतें 1 दिन पूर्व दर्ज की गईं। महाराष्ट्र में लगभग एक करोड़ 70 लाख से अधिक लोगों में कोरोना वायरस की उपस्थिति की जांच की गई और इस तिथि तक लगभग 23.2 लाख वैक्सीन की खुराकें दी गईं।

भारत में केरल कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाला दूसरा प्रमुख प्रदेश है जहां अब तक 10,85,664 लोग कोरोना वायरास से संक्रमित हो चुके हैं, कुल 33,782 संक्रमित व्यक्ति हैं, जिनमें 3,753 लोग नए रोगी हैं। केरल में अब तक 4365 लोग मौत की चपेट में आए हैं।

इसी प्रकार कर्नाटक में अब तक 9,57,584 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं। वहां इस समय 7,831 लोग सक्रिय रूप से संक्रमित हैं जिनमें 783 नए रोगी हैं और वहां कुल 12,381 लोग मौत का शिकार हुए हैं, तथा 9,37,353 लोग ठीक हुए हैं। आंध्र प्रदेश में 8,91,178 और तमिलनाडु में 8,57,602 लोग इस संक्रमण से प्रभावित हुए हैं और उन राज्यों में इस संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या क्रमशः 7,179 तथा 12,535 हैं। ये सभी आंकड़े दिनांक 12 मार्च, 2021 के हैं।

वैक्सीन की स्थिति

इस समय पूरा विश्व कोविड-19 की वैश्विक महामारी से जूझ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ अपने सहयोगियों के साथ मिल कर इस महामारी की स्थिति पर नजर रखने, आपातकालीन स्थिति में जहां जरूरत हो चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने को तत्पर है। इनके अलावा सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीनों के विकास की दिशा में भी कार्य किए जा रहे हैं। वैक्सीन से प्रति वर्ष लाखों लोगों के जीवन को बचाया जाता है। वैक्सीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं जिससे वह बैक्टीरिया या वायरस के संक्रमण की पहचान कर उनका मुकाबला करने में सक्षम होता है। व्यक्तियों को सुरक्षित रखने के लिए वैक्सीन की दो खुराकें प्रयोग की जा रही हैं। पहली खुराक के 28वें दिन वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा रही है। भारत में अब तक वैक्सीन की कुल 2,60,73,517 खुराकें दी गई हैं। अभी तक 1.6 % आबादी को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। इनमें कुछ को दूसरी खुराक भी दी गई है। कुल 0.3 % आबादी को वैक्सीन की दोनों खुराकों से पूरी तरह प्रतिरक्षित कर दिया गया है।

कोविशील्ड :  कोविशील्ड वैक्सीन भारत में पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित की जा रही है, परंतु इस वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। प्रसिद्ध वैज्ञानिक जर्नल लैंसेट में 6 मार्च, 2021 को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार भारतीयों को दी जा रही कोविशील्ड की दूसरी खुराक 4 सप्ताह के अंतराल पर देने की आवश्यकता है। कुल 17,000 व्यक्तियों पर संपन्न क्लिनिकल ट्रायल्स में पाया गया कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की प्रभावकारिता दूसरी खुराक 6 सप्ताह के अंतराल पर देने पर मिलने वाली औसत प्रभावकारिता 55% से बढ़कर 81.3% पाई गई बशर्ते दूसरी खुराक कम से कम 12 सप्ताह के अंतराल पर दी जाए। परंतु भारत में प्रयुक्त इन दोनों वैक्सीनों की अवधि में समरसता स्थापित करने के लिए कोविशील्ड नामक इस वैक्सीन की दूसरी खुराक 4 सप्ताह के अंतराल पर ही दी जा रही है। भारत सरकार ने अगस्त 2021 तक 300 मिलियन लोगों को वैक्सीन से प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और दिनांक 9 मार्च तक लगभग 20 मिलियन लोग कोविड-19 की वैक्सीन लगवा चुके हैं।

भारतीय वैक्सीन अंतरराष्ट्रीय मानक पर खरी

भारत बायोटेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. कृष्णा एल्ला के अनुसार इस वैक्सीन में कोरोना वायरस के विरुद्ध उच्च क्लीनिकल प्रभावकारिता प्रदर्शित हुई है, साथ में कोरोना वायरस के तेजी से उभरते वेरिएंट्स के विरुद्ध भी उच्च प्रतिरक्षाजनकता यानि इम्यूनोजेनिसिटी भी देखी गई है। कंपनी के अनुसार जिन व्यक्तियों में पहले संक्रमण नहीं था उन्हें इस वैक्सीन की दूसरी खुराक दिए जाने के बाद उनमें कोविड-19 से बचाव में 81% अंतरिम प्रभावकारिता प्रदर्शित हुई है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने 8 माह से कम की अवधि में इस पूर्ण स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन के विकास को आत्मनिर्भर भारत को और मजबूत होना बताया है। सूत्रों की मानें तो आज की तिथि में भारत में 1,94,313 लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से पीड़ित हैं। इसी सप्ताह फ्रांस के राजदूत ने हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी का दौरा किया। विगत सप्ताह ब्राजील ने कोवैक्सीन नामक वैक्सीन की 2 करोड़ खुराकों की आपूर्ति के लिए हैदराबाद स्थित इस कंपनी से समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इनके अलावा विश्व के अनेक देशों ने इस भारतीय वैक्सीन के प्रति रुचि प्रर्दशित की है। भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने 2 मार्च, 2021 को प्रातः 7:00 नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में जाकर इसी पूर्ण स्वदेशी कोवैक्सीन नामक वैक्सीन से अपना टीकाकरण कराया है। है न यह भारत के लिए गौरव की बात है।

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