भारतीय सड़कों पर दौड़ता अर्थव्यवस्था का पहिया

किसी देश की समृद्धि हेतु सड़क परिवहन की भूमिका महत्वपूर्ण है। भारत में परिवहन तंत्र के रूप में सड़क मार्ग, रेल मार्ग, वायु मार्ग और जल मार्ग हैं। यहां माल का 60% और यात्री यातायात का 85% सड़कों द्वारा ले जाया जाता है। सड़कें.. गांवों को बाज़ारों, कस्बों, प्रशासनिक एवं सांस्कृतिक केंद्रों से जोड़ती हैं। दूरस्थ इलाकों को मुख्य क्षेत्रों से जोड़कर सेवाएं उपलब्ध कराती हैं। सड़क परिवहन देश के आर्थिक विकास को गति देने के साथ ही उसकी संरचना एवं विकास को प्रभावित करता है। केंद्र सरकार देश में इंफ्रास्ट्रक्चर की सुदृढ़ता के लिए कृत संकल्पित है। भारत में सड़क यातायात देश के कुल यातायात का 87.4 प्रतिशत है। यहां 66 लाख किलोमीटर सड़क नेटवर्क है। सड़क परिवहन में विश्व में भारत का दूसरा स्थान है।
भारतीय सड़कें लगभग 55 लाख किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में विकसित हैं। ये तीन क्षेत्रों में बंटी हैं: –

1. राष्ट्रीय राजमार्ग, 2. प्रदेश राजमार्ग, 3. ग्रामीण सड़क

आज़ादी के समय नेशनल हाईवे 21,378 किलोमीटर लंबा था। किंतु, 2018 तक यह 1,29,709 किलोमीटर तक लंबा हो चुका था। 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सड़क निर्माण कार्य में तेज़ी आई। राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रदेश राजमार्ग और ग्रामीण सड़कें बनाकर सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश की आर्थिक विकास को पर्याप्त गति दी। वर्ष 2020-21में सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक माह में ही तीन विश्व रिकॉर्ड बनाया। पहला विश्व रिकॉर्ड 24 घंटे में 2.5 किलोमीटर फोरलेन हाईवे के निर्माण संबंधी है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एचएसएआई के कांट्रेक्टर पटेल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने दिल्ली-वडोदरा,मुंबई एक्सप्रेस के 2.5 किलोमीटर हिस्से पर 24 घंटे में कंक्रीट रोड का निर्माण किया। इस दौरान 24 घंटे में 48,711 वर्ग मीटर कंक्रीट बिछाया गया। वर्ष 2020 -21 में 13,394 किलोमीटर हाईवे का निर्माण मंत्रालय द्वारा कराया गया। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रतिदिन 37 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य तेज़ गति से हुआ। जबकि गत वर्ष करोना वैश्विक संकट बन कर उभरा। जिससे निर्माण कार्य में मज़दूरों की संख्या अत्यंत कम हो गई थी। इसके बाद भी यह उपलब्धि हासिल की गई। भारतीय सड़क परिवहन क्षेत्र में यह एक रिकॉर्ड है।

छक-ख के कॉन्ट्रैक्टर ने 24 घंटे में 25.54 किलोमीटर के सिंगल लेन कोलतार रोड का निर्माण किया था। यह सोलापुर- बीजापुर (छक-52) के बीच रहे फोरलेन हाईवे का हिस्सा है। यह लिम्का बुक ऑफ इंडियन रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार अगले 5 साल में 111 लाख करोड़ रुपए खर्च करेगी। वर्ष 2014 के समय लगभग 3 लाख 85 हज़ार करोड़ रुपए के 403 प्रोजेक्ट अधूरे पड़े थे। इन्हें गतिमान करने हेतु सड़क परिवहन मंत्रालय ने कांट्रेक्टर, बैंक, ज़मीन अधिग्रहण के विभाग और वन विभाग आदि से संपर्क करके विभिन्न समस्याओं का निस्तारण किया। चार लेन को छ: लेन और छ: लेन को आठ लेन में परिवर्तित किया गया क्योंकि सड़क से ही समृद्धि और सम्पन्नता आती है। इसी से सुविधाओं युक्त नगरीकरण होता है। सड़क परिवहन मंत्रालय के मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 3 साल में अमेरिका और यूरोप जैसी सड़कें भारत कीहो जाएंगीं। अभी तक अमेरिका के पास सबसे कम समय में ज्यादा सड़क बनाने का रिकॉर्ड था, किंतु इस मुकाम को भारत ने हासिल कर लिया है। इस समय देश में 22 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे बन रहे हैं। जिससे हरियाली युक्त राजमार्गों का विकास होगा। वर्ष 2024 तक देश का सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका और यूरोपीय देशों के बराबर होगा, ऐसा सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का विश्वास है।

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