कोरोना में ठगी से रहें सावधान, यह फाइल कभी ना करें डाउनलोड!

केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया योजना और कोरोना काल में बढ़ी बेरोजगारी ने देश में ऑनलाइन फ्रॉड को बहुत बढ़ा दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक करीब 46 फीसदी ऑनलाइन फ्रॉड बढ़ा है और इसका प्रशासन स्तर पर कोई निराकरण भी नहीं हो रहा है। हमारे देश की पुलिस अभी इतनी एडवांस नहीं हुई है कि वह ऑनलाइन फ्रॉड पर रोक लगा सके और सरकार अभी इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। सरकार लगातार कारोबार को बढ़ाने पर जोर दे रही है सरकार का प्रयास है कि ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरफ से देश में कारोबार बढ़े जिससे सरकार का राजस्व बढ़े और देश में रोजगार भी पैदा हो।

भारत में ऑनलाइन का प्रचार प्रसार जल्द ही शुरू हुआ है जिससे देश की अधिकतर आबादी अभी इससे रूबरू नहीं हुई है वहीं कुछ धोखाधड़ी करने वाले लोग इसका ही फायदा उठा रहे है और लोगों को बहका कर उनका पैसा निकाल ले रहे है। पिछले कुछ समय से एटीएम को रिन्यू करने के नाम पर लोगों से उनका ओटीपी लिया जाता था और फिर उनका अकाउंट खाली कर दिया जाता था बाद में ऑफर के नाम पर बहुत दिनों तक लूट चली और लोगों को यात्रा या फिर लाखों के ऑफर बता कर उनसे फीस के नाम पर पैसा लिया गया। समय के साथ साथ फ्रॉड करने वालों ने आइडिया बदला लेकिन उनका ठगी का कारोबार कभी भी नहीं रुका। इस ठगी की पुलिस के पास शिकायत की गयी तो पुलिस ने भी अपना हाथ उपर कर दिया क्योंकि उनके पास उतना हाईटेक सिस्टम ही नहीं है कि वह ठग को पकड़ सकें।

कोरोना काल में फिर से ठगी का व्यापार तेजी से शुरू हुआ है और लोगों को ऑक्सीजन व वैक्सीन के नाम पर लूटा जा रहा है। दरअसल सरकार की तरफ से वैक्सीन के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का नियम तय किया गया है ऐसे में ठगी करने वाले लोग वैक्सीन के नाम पर कॉल करते है और वैक्सीन दिलाने के नाम पर आप से आधार कार्ड की जानकारी मांग लेते है और उससे वह आप के अकाउंट तक पहुंच जाते है फिर आप के मोबाइल पर आने वाले ओटीपी को वह वैक्सीन कंफर्मेशन नंबर बता कर उसे मांग लेते है और जैसे ही आप अपना ओटीपी नंबर देते है वैसे ही आप के खाते से आप की बचत राशी गायब हो जाती है।

कोरोना काल में ठगी का यह व्यापार तेजी से फल फूल रहा है क्योंकि सभी लोग परेशान है और वैक्सीन जल्द से जल्द चाहते है इसलिए किसी पर भी भरोसा कर ले रहे है। इससे पहले ऑक्सीजन की कमी के दौरान भी लोगों को ऑनलाइन ऑक्सीजन दिलाने के नाम पर लाखों तक का चूना लगा दिया गया। ठगी के लोगों ने फोन कर कहा कि उनके पास ऑक्सीजन उपलब्ध है लेकिन उसका पेमेंट ऑनलाइन करना होगा और ऑक्सीजन आप के घर तक पहुंच जाएगा जिसके बाद मजबूर लोगों ने उनकी बात पर विश्वास किया और मुंह मांगा पेमेंट कर दिया लेकिन उसके बाद उनका फोन ही बंद हो गया और ऑक्सीजन आज तक नहीं पहुंचा। ऐसे तमाम लोग है जो धोखाधड़ी का शिकार हुए है उन्होंने पुलिस को भी इसकी सूचना दी और मदद की मांग की लेकिन कुछ भी नहीं हुआ।

कैसे होती है ऑनलाइन ठगी?
ऑनलाइन चोरी का तरीका भी अब सरल हो चुका है मेल में अटैचमेंट या लिंक के जरिए मैलवेयर वायरस भेजा जाता है जबकि मोबाइल में ऐप के जरिए यह पहुंचाया जाता है। यह वायरस आप के मेल से बैंक की डिटेल्स ठगी करने वाले लोगों तक पहुंचा देता है और फिर वह आसानी से आप के खाते से पैसा निकाल लेते है। लॉकडाउन में अधिकतर लोग घर से ही काम कर रहे है इसलिए ऑनलाइन ठगी का काम भी बढ़ गया है।

ऑनलाइन ठगी से कैसे बचें ?
1. कितने भी ऑफर वाला मेल क्यों ना लेकिन उसे ना खोलें, किसी अज्ञात मेल को भी खोलने की कोशिश ना करें सिर्फ विश्वसनीय मेल को ही चेक करें।
2. अज्ञात मेल के किसी भी अटैचमेंट या लिंक पर क्लिक ना करें।
3. किसी भी तरह के लेनदेन से पहले जानकारी को दो बार जरूर देखें और आश्वस्त हो जाएं की जानकारी सही है।
4. ऑफर वाले ऐप को भी डाउनलोड ना करें यह आप के फोन को लॉक कर देंगे और खोलने के लिए भुगतान की मांग करेंगे।
5. किसी भी फाइल को डाउनलोड करने से पहले यह देख लें कि वह .avi, .mkv, या mp4 होना चाहिए कभी भी .Exe वाली फाइल को डाउनलोड ना करें।

This Post Has One Comment

  1. Anonymous

    are kya mail aata hain koi sample hi dikha dete pura column padhna padta hain aur font bhi aisa hain ki jaldi samajh mein hi nahi aata..har akshar ka mudav ek jaisa hi rakha hain…..aankhein button ki tarah badi karni padati hain..

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