तेज आवाज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है यह तो सभी को पता है इसलिए ही ट्रैफिक पुलिस तेज हार्न वालों का चालान भी काटती रहती है। शादी या समारोह में तेज आवाज में डीजे बजाने पर भी रोक लगती है लेकिन अगर मस्जिद के तेज आवाज वाले लाउडस्पीकर की बात की जाते तो उसके लिए सभी कानून बेकार हो जाते हैं क्योंकि यहां वोट के नाम पर किसी भी समुदाय को नाखुश नहीं किया जा सकता है। अब अगर आप से यह कहा जाए कि मस्जिद के सभी लाउडस्पीकर की आवाज अब से कम रहेगी तो शायद आप को भी इस बात पर विश्वास नहीं होगा क्योंकि भारत में ऐसा कानून पास करना किसी बड़ी जंग को न्योता देने जैसा होगा लेकिन इंडोनेशिया ने एक ऐसा कानून पास किया है जिससे अब सभी मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज कम रहेगी।
इंडोनेशिया की सरकार ने सभी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह नियम लागू किया है कि देश की सभी मस्जिदों से अजान के लिए इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर की आवाज कम होगी। दरअसल अधिक आवाज की वजह से चिड़चिड़ापन और अवसाद की शिकायत पैदा हो रही थी जिसकी शिकायतें लगातार सरकार को भी मिल रही थी। इंडोनेशिया के करीब 70 हजार से अधिक मस्जिदों के लाउडस्पीकर की आवाज कम की जा चुकी है जबकि बाकी के मस्जिदों पर काम चल रहा है। मस्जिद की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि तमाम स्पीकर्स खराब हो चुके है इसलिए उनकी मरम्मत का काम चल रहा है। एक बार यह काम पूरा होगा तो आवाज में काफी सुधार हो जायेगा।
इंडोनेशिया की कुल आबादी करीब 21 करोड़ हैं और वहां मुस्लिमों की संख्या सबसे अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक इंडोनेशिया में करीब 87 फीसदी मुस्लिम आबादी है जबकि हिन्दू आबादी सिर्फ 1 प्रतिशत से थोड़ा अधिक है। पूरे देश में करीब 7.5 लाख मस्जिदें है जिससे एक साथ में अजान होती है तो जाहिर है कि आवाज से लोग परेशान होते हैं। दिन में 5 बार नमाज की आवाज होने से लोगों में तनाव, अवसाद और चिड़चिड़ापन तेजी से बढ़ता जा रहा है जिसके चलते लोगों ने सरकार से ऑनलाइन शिकायत भी की जिसके बाद सरकार की तरफ से यह फैसला लिया गया। सरकार ने मस्जिदों के संगठन से अपील करते हुए कहा कि वह आवाज को कम करें जिससे देश के नागरिकों को राहत होगी। मस्जिद परिषद ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए उसके आदेश को मान लिया।
इंडोनेशिया के इस फैसले का वहां के देशवासियों ने स्वागत किया है लेकिन यह फैसला पूरे विश्व के लिए यह सबक भी है और इसे सभी देशों में लागू किया जाना चाहिए। तेज आवाज से तमाम तरह की बीमारियां पैदा होती है यह बात डाक्टरों ने भी साबित किया है फिर ऐसे में हर तरह की तेज आवाज पर रोक लगनी चाहिए लेकिन अगर भारत की बात करें तो यहां पर राजनीतिक नफे नुकसान के अनुसार इस बात को अलग रूप दिया जाता है और किसी भी तरह से रोक लगाने पर राजनीति की जाती है क्योकि भारत में अगर मस्जिद के लाउडस्पीकर की आवाज पर रोक लगाई जाती है तो इस फैसले को मुस्लिमों के खिलाफ के तौर पर देखा जाएगा।