सोनिया गांधी ने फिर अलापा बीजेपी-आरएसएस का राग

 
कांग्रेस पार्टी की हालत दिन पर दिन गिरती जा रही है। हाल ही में लालू प्रसाद यादव ने भी कांग्रेस पर कटाक्ष कर दिया जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस की हालात क्या है? कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है जबकि आजकल उसे छोटी छोटी पार्टियों के सहारे चुनाव लड़ना पड़ रहा है क्योंकि उसका अब खुद का अस्तित्व खत्म हो रहा है। दरअसल कांग्रेस के पतन के पीछे सबसे बड़ी वजह है उसका परिवारवाद और विभाजन की राजनीति। कांग्रेस ने कभी विकास और भरोसे की राजनीति नहीं है इसलिए अब उसका पतन तेजी से हो रहा है। कांग्रेस पिछले दस सालों से सिर्फ आलोचना कर रही है जबकि जिन राज्यों में वह सत्ता में है वहां पर विकास का काम नहीं हो रहा है इसलिए एक के बाद एक राज्य उसके हाथ से निकलते जा रहे हैं। 
 
कांग्रेस की मंगलवार को बैठक हुई जिसमें अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी को संबोधित किया और कांग्रेस को फिर से मैदान में उतारने की बात कही। इस बैठक में राज्य प्रभारी, महासचिव और प्रदेश कमेटी के अध्यक्षों को बुलाया गया था। सोनिया गांधी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस को जमीनी स्तर पर तैयार करना है और आगामी चुनाव में बीजेपी के झूठ को उजागर करना है। सोनिया गांधी ने सभी से कहा कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए सभी को निजी स्वार्थ का त्याग करना होगा। सोनिया गांधी ने अपने नेताओं को आगाह किया कि कांग्रेस के जमीनी नेताओं तक पार्टी की बात नहीं पहुंच रही है इसलिए परिणाम सार्थक नहीं नजर आ रहे हैं। आगामी चुनाव को देखते हुए पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता को घर घर तक सदस्यता अभियान चलाना होगा जिससे अधिक से अधिक लोग पार्टी से जुड़े और कांग्रेस का संदेश लोगों तक पहुंच सके। कांग्रेस 1 नवंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक सदस्यता अभियान चलाएगी। 
इस बैठक में भी कुछ खास नहीं रहा और एक बार फिर से बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए सभी आरोप उन पर मढ़ दिये गये। सोनिया गांधी ने कहा कि लोगों की रक्षा करनी होगी और सरकार के तानाशाही रवैये से जनता को बचाना होगा। बीजेपी से लड़ाई जीतने के लिए हमें दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ना होगा। सोनिया गांधी ने कांग्रेस को देश का कर्णधार बताते हुए कहा कि सब दोष बीजेपी और आरएसएस का है इसलिए देश का विकास रुका हुआ है जबकि कांग्रेस अगर सत्ता में आती है तो भारत को इंग्लैंड बना दिया जायेगा। ऐसा राग अक्सर सोनिया गांधी और उनके सुपुत्र राहुल गांधी की तरफ से आता रहता है। राहुल गांधी अपनी करीब सभी रैलियों में आरएसएस को दोषी बताते आ रहे हैं जबकि पूरी कांग्रेस पार्टी के पास ना तो कोई सबूत है और ना ही कोई तथ्य जिसके आधार पर वह बीजेपी और आरएसएस को कटघरे में खड़ा कर सकें।  

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