कंगना रनौत अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रही हैं और यह सिलसिला अभी भी लगातार जारी है। अभिनेत्री अपने बयान की वजह से महाराष्ट्र सरकार के निशाने पर भी आ चुकी है इसके लिए उन्हें अपने ऑफिस का बलिदान भी करना पड़ा था। महाराष्ट्र सरकार से अनबन के बाद बीएमसी ने उनके ऑफिस को गैरकानूनी बताते हुए तोड़ दिया था लेकिन इस सब के बाद भी कंगना की बयानबाजी कम नहीं हुई है। हाल ही में कंगना को पद्म सम्मान से नवाजा गया था लेकिन उसके बाद उन्होंने फिर से एक विवादित बयान दिया है जिससे वह सुर्खियों में आ गयी है। कंगना रनौत ने एक बयान में कहा कि हमें असली आजादी 2014 में मिली है जबकि 1947 में जो मिली वह आजादी के नाम पर भीख थी।
अभिनेत्री ने अपने बयान में तर्क दिया कि आजादी हमने हासिल नहीं है बल्कि भीख में मिली है क्योंकि आजादी के बाद भी कई बड़े अंग्रेज अधिकारी भारत में थे और काम कर रहे थे। कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कंगना ने कहा कि अंग्रेजों को कुछ ऐसे लोग चाहिए थे जो उनके इशारे पर काम करें और कांग्रेस उनके लिए सही साबित हुई। कांग्रेस ने अंग्रेजों के लिए काम किया और देश की शिक्षा पद्धति को बिगाड़ दिया। हमें सच्चे इतिहास से दूर रखा गया जिसका भुगतान देश का युवा कर रहा है और सिर्फ कुछ लोगों को ही जान सका है जबकि 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद तमाम नए लोगों को देश के सामने रखा गया जिन्होंने आजादी में अपनी कुर्बानी दी थी।
कंगना के इस बयान के बाद उसके कई तर्क निकाले जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि कंगना के इस बयान से देश के क्रांतिकारियों का अपमान हुआ है इसलिए कंगना के खिलाफ सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए और पद्म अवार्ड भी वापस लेना चाहिए। कुछ राजनीतिक लोगों को यह भी लगता है कि कंगना पर केंद्र सरकार यानी की बीजेपी का हाथ है इसलिए वह अक्सर ऐसे बयान देती रहती है जबकि कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि कंगना का ऐसा ही स्वभाव है जिससे वह थोड़ा हटके ही बयानबाजी करती रहती है।
कंगना बॉलीवुड अभिनेत्री हैं लेकिन उनके बयान के बाद अक्सर राजनीतिक महकमे में हलचल बढ़ जाती है क्योंकि उनके बयान पॉलिटिक्स पर आधारित होते हैं और उनके बयान से अक्सर विपक्षी दलों को परेशानी होती है। कंगना रनौत के बयान बीजेपी के ज्यादातर बयानों से संबंधित होते हैं इसलिए वह विपक्षी दलों के निशाने पर भी आ जाती है। हालिया बयान के बाद एक बार फिर से कंगना पर विपक्ष ने जोरदार हमला बोला है और कंगना के पद्म पुरस्कार को वापस लेने की मांग की है। कंगना का बयान कितना सही है और कितना गलत यह तो कंगना रनौत को ही पता है लेकिन उन्होंने जो बयान दिया है उस पर कुछ हद तक सभी को विचार करना चाहिए।