“कम्युनिसलाम” … केरल में कम्युनिस्ट गुण्डे बदमाशों और Isलाम जेहादियों का गठजोड़ इतना गहरा हो चुका है कि वहाँ की एक कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने झंडे का रंग बदल डाला है … ये आनंद राज्याध्यक्ष जी के बहुत पुराने बताए गठजोड़ को हूबहू प्रदर्शित करता है … इस झंडे में आपको कम्युनिस्ट बदमाशों का जेहादीकरण साफ साफ दिखाया देगा … इसमें पार्टी में शामिल हिन्दू भी टके टके में बिकने वाले हरामजादे हैं और कल के किसी भी समय जेहादी में कन्वर्ट होने का माद्दा रखते हैं …
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केरल में ऐसा कोई दिन नहीं है जिस दिन SDPI (आतंकी सगठन PFI का राजनैतिक धड़ा) और अन्य कम्युनिस्ट आतंकवादी मिलकर कुछ हिन्दुओं की हत्याएँ नहीं कर रहे हों। कुछ हत्याएँ तो ऐसी वीभत्स हैं कि पश्चिम बंगाल के कम्युनिस्ट राज में हरमद बाहिनी के द्वारा किये गए साईंबाड़ी, बिजोन सेतु या मरीचझांपी की हत्याएँ शर्मा के पानी मांग लें । केरल एक ऐसे मुहाने पर आ चुका है कि अब वहाँ पर सभ्यता का शेष होना मात्र कुछ माह या वर्ष की बात है … केरल का हत्या मॉडल स्टालिन – माओ के नोटबुक में भी नहीं मिलेगा।


अगर आप कम्युनिस्ट के समर्थक हैं । तो आप भी इन हत्याओं के दोषी है। कम्युनिस्ट हर चीज में संविधान घुसेड़कर वो सारे काम कर जाते हैं जो मानवता और सभ्यता के लिए खतरा है। जेहादियों के लिए कम्युनिज्म एक बुर्खे की तरह है जिसके पीछे इनका वीभत्स चेहरा छिपा हुआ है। इस वीभत्सता को समय समय पर बाहर निकालकर वापस के कम्युनिज्म कुबुद्धिजीवी का बुर्खा पहन लेते हैं। आप केरल पर आँख लगाए रखिये और अभी भी कम्युनिस्ट से लगाव रखते हैं तथा गंगा जमुनी तहजीब नमक जेहादी मानसिकता को मानते हैं तो अपने खून की जांच कराइये। आपके अंदर खून नहीं गन्दी नाली का विषैले कीटाणु युक्त पानी बह रहा मिलेगा।
कुबुद्धिजीवियों द्वारा त्रिपुरा में महजीद जलाने के अफवाह फैलाने मात्र से ये मानवता और सभ्यता के दुश्मन महाराष्ट्र के शहर जला डालते हैं। जबकि संजीत की बर्बर हत्या का कोई समाचार तक नहीं बनता। आखिर कब तक ??