कांग्रेस के सितारे आजकर गर्दिश में चल रहें है शायद इसलिए ही अब उनकी ही पार्टी के नेता खुद पार्टी के लिए मुसीबत पैदा कर रहे हैं। नेताओं के विवादित बयान के साथ ही अब कांग्रेस में बुक बम का समय चल रहा है पार्टी के नेता एक के बाद एक बुक लांच कर रहे हैं और वह खुद की पार्टी के लिए मुसीबत पैदा कर रहे हैं। सलमान खुर्शीद की किताब का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ था कि मनीष तिवारी ने एक और बुक बम फोड़ दिया। मनीष तिवारी ने अपनी किताब में मनमोहन सिंह सरकार पर सवाल खड़ा किया है जिससे खुद कांग्रेस हाशिए पर आ गयी है। मनीष तिवारी ने अपनी किताब 10 फ्लैश प्वाइंट, 20 ईयर्स- नेशनल सेक्योरिटी सिचुएशन दैड इम्पैक्ट इंडिया में कहा कि मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद मनमोहन सरकार को पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए थी। मनीष तिवारी की यह किताब अगले महीने 2 दिसंबर को लांच होगी।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब में तत्कालीन सरकार को आड़े हाथो लिया और लिखा कि, पाकिस्तान खुलेआम कत्लेआम कर रहा था जबकि हमारी सरकार चुपचाप संयम के साथ काम कर रही थी इसे संयम नहीं कमजोरी कहना ठीक होगा। मुंबई में हुए 26/11 ताज हमले में 175 की मौत हुई थी जबकि 300 से अधिक लोग घायल हुए थे। इतने बड़े नरसंहार के बाद भी मनमोहन सरकार ने चुप्पी साधे रखी और इस मामले पर पाकिस्तान से शांति वार्ता किया जिसका आज तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। मनीष तिवारी ने मनमोहन सरकार को नसीहत देते हुए लिखा कि मुंबई हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई ना करना मनमोहन सरकार का एक बड़ा फेलियर था।
मनीष तिवारी कांग्रेस के एक पुराने और वरिष्ठ नेता है लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपनी ही सरकार के खिलाफ करीब 10 साल बाद आवाज उठाई है। शायद कांग्रेस नेता का जमीर जाग गया या फिर पार्टी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मनमोहन सिंह 10 साल तक देश के प्रधानमंत्री रहे लेकिन उनके दोनों ही कार्यकाल के दौरान उन पर सोनिया की कठपुतली होने का आरोप लगता रहा। विपक्ष ने तो यहां तक आरोप लगा दिया था कि सोनिया के इशारे पर ही सभी फैसले लिए जाते हैं और इस बात में इसलिए सच्चाई भी नजर आती थी क्योंकि सोनिया ने ही मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री का पद दिया था।
बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने मनीष तिवारी की किताब को सही ठहराते हुए कहा कि किताब में जो भी कहा गया है वह बिल्कुल सही है। पूनावाला ने यह भी दावा किया कि 26/11 हमले के बाद वायुसेना जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार थी। तत्कालीन एयर चीफ मार्शल फली मेजर ने कहा था कि उनकी सेना तैयार थी लेकिन उन्हें सरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं मिला था। 26/11 हमले केबाद कांग्रेस पाकिस्तान को बचाने में लगी थी और इस हमले को हिन्दू टेरर का नाम देना चाहती थी लेकिन कसाब के पकड़े जाने के बाद कांग्रेस का सब प्लान खराब हो गया।
Manish Tewari has rightly slammed UPA govt for weakness in name of restrain after 26/11 in his upcoming book..
Air Chief Marshal Fali Major has already said that IAF wanted to take revenge for 26/11 , UPA blocked it
Congress was busy blaming Hindus for 26/11 & saving Pakistan pic.twitter.com/PkgvVG45g6
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) November 23, 2021
मोदी सरकार के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश के अधिकतर लोगों को पता चला कि सरकार के पास ऐसा भी कुछ करने का प्लान हो सकता है। मोदी ने सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर पर हमला कर देशवासियों और दुश्मनों को यह बता दिया था कि हम बिना युद्ध के भी दुश्मन की रीढ़ तोड़ सकते हैं। शायद सर्जिकल स्ट्राइक के बाद ही मनीष तिवारी को याद आया होगा कि यह काम कांग्रेस की मनमोहन सरकार को भी करना चाहिए था। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में देश में आतंकी हमले सबसे अधिक हुए है जबकि सरकार की तरफ से कोई भी ठोस कार्रवाई कभी नहीं हुई।