जैसा आप सभी जानते हैं कि कोरोना समाप्ति की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही विशेषज्ञ यह भी आशंका जता रहे हैं कि तीसरी लहर निकट भविष्य में कभी भी दस्तक दे सकती है।इसी बीच भारत में डेल्टा प्लस वेरिएंट के कुछ मामले सामने आये हैं जिसने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। हालाँकि विशेषज्ञ यह भी कह रहे हैं कि तीसरी लहर कब आयेगी, निश्चित रूप से कह पाना अभी किसी के लिये संभव नहीं है । खैर जो भी हो तीसरी लहर एवं डेल्टा
वेरिएंट संक्रमण की संभावना को देखते हुए केंद्र के साथ साथ सभी राज्य सरकारों ने भी इससे निपटने के लिए अपनी अपनी तरफ से तैयारी शुरू कर दी है।
इन सबको देखते हुये हम स्वयं अपने को ज्यादा से ज्यादा कैसे सुरक्षित कर सकते हैं यह समझना आवश्यक है।इसलिये आप सभी के ध्यान में लाना चाहता हूँ कि आज इतने महीनों तक हमने अनेक विशेषज्ञों की कोरोना पर सलाह को टेलीविजन पर सुना व अखबारों में भी पढ़ कर समझा है, इसके अलावा अनेक वो जो क्वारंटाइन से मुक्त हुये उनके अनुभव भी सुनें जिसका निष्कर्ष यही समझ में आया कि जिसकी “इम्युनिटी” ( शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत/रोग प्रतिरोधक शक्ति )अच्छी होगी / मजबूत होगी उसे हर प्रकार के रोग से लड़ने में मदद मिलेगी । जिसका सीधा अर्थ यही है कि हर प्रकार की बीमारी से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता निर्णायक भूमिका निभाती है । इसलिये हमें अपना ब्लड प्रेशर व वजन को संतुलित रखने के लिए विशेषज्ञों के राय अनुसार हर दिन व्यायाम व योगासन करते रहना चाहिये क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता आहार, व्यायाम, उम्र, मानसिक तनाव जैसे अनेक कारणों पर निर्भर करती है। हाँ एक तथ्य और का भी ध्यान देना है वह है नींद क्योंकि आराम दायक गहरी पूरी नींद हमेशा उपरोक्त वर्णित सभी कृत्य में बहुत ही सहायक रहेगी ।
कृपया कर यह भी समझ लें कि कोई उपचार या कोई दवा तभी असर करती है जब शरीर की इम्यूनिटी अच्छी होती है यानि मजबूत होती है । इसका सीधा सीधा मतलब यही है कि किसी भी तरह कि बीमारी से निजात पाने के लिये इम्यूनिटी को बेहतर रखना हमारे स्वयं के हित में है । अब प्रश्न यह उठता है कि जब “इम्युनिटी” (शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत/रोग प्रतिरोधक शक्ति) ही हर तरह के दुर्लभ बीमारियों तक की दवाई है, तो क्यों न हम अपना सारा ध्यान अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर दें ।
यहाँ एक बात आप सभी के ध्यान में ला देना चाहता हूँ कि विश्व प्रसिद्ध स्वर्गीय डॉ. के.केअग्रवाल ने एक बार बताया था कि इम्यूनिटी बेहतर रखने में खानपान का अहम योगदान रहता है । इसलिये हाई प्रोटीन के साथ साथ आहार में पर्याप्त एंटीऑक्सिडेंट, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और सभी आवश्यक विटामिन और खनिज शामिल होने चाहिए। इसलिये अब हमें यह जान लेने की बहुत आवश्यकता है कि किन किन चीजों से इम्युनिटी बढ़ती है और किन किन चीजों से इम्युनिटी घटती है।
पहले इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों पर ध्यान देते हैं:-
1. योग, आसन [ शारीरीक संरचना अनुसार ] नियमित करें।
2. व्यायाम या कोई भी खेल शारीरीक संरचना अनुसार अवश्य करें।
3. घर का बना शुद्ध भोजन ही करना सर्वोत्तम रहेगा ।
4. आंवला (किसी भी रूप मे खाएं – आंवले का विटामिन “सी” कभी नष्ट नहीं होता चाहे भूनें, उबालें, पीसें, सुखाएं या पाउडर बनाएं)।
5. फल ( खासकर खट्टे फल खाएं – लेकिन दोपहर में ही )।
6. सभी तरह की हरी सब्जियाँ ।
7. दालें
8. गुड़
9. शुद्ध तेल कोई भी ( रिफाइंड नहींं )।
10. तुलसी व अन्य आयुर्वेदिक पेय पदार्थ।
11. दूध , दही , लस्सी , घी इत्यादि।
शरीर की इम्युनिटी घटाने वाली चीजों से ज्यादा से ज्यादा बचाव करें :-
1. मैदा (सबसे विनाशकारी/कब्जकारी पदार्थ, किसी भी रूप मे जैसे ब्रेड, नान, भटूरे, बर्गर , पिज़्ज़ा, जलेबी, समोसा, कचौरी, पाव (पाव भाजी वाला) इत्यादि बिल्कुल भी न खाएं।
2. रिफाइंड आयल बिल्कुल न खाएं। रिफाइंड आयल रोग- प्रतिरोधक क्षमता को मारता है।
3. चीनी बिल्कुल नही खाएं। इसकी जगह पर गुड़ , शक्कर व खांड़ खाएं।
4. बाहर का कोई भी जंक-फूड न खाएं।
5. मैदे और चीनी से बनी चीजें बिल्कुल न खाए। जैसे- बर्गर , पिज़्ज़ा इत्यादि।
6. एल्युमीनियम के बर्तनों में भी खाना बनाना बन्द करने में ही भलाई है इसलिये ध्यान दे कर एल्युमीनियम बर्तनों में न बनाएं।
7 . छोड दीजिए बीडी, सिगरेट पीना और तम्बाकू ,गुटखे खाना क्योंकि यह लत शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाती है।
8. किसी भी प्रकार का कोल्ड-ड्रिंक बिल्कुल नही पीयें। इसकी जगह पर आम का पना, नींबू शरबत (शिकंजी), सत्तू घोल, खांड का शरबत आदि प्रयोग कर सकते हैं।
9. पैकिंग वाली चीजें यथासंभव न खाए अथवा कम से कम खाएं यानि भूल जाइए जीभ का स्वाद, तला-भुना मसालेदार, होटल वाला कचरा।
10. अत्यंत ठंडा / (चिल्ड) फ्रिज का पानी भी ना पियें।
लेकिन अब उपरोक्त वर्णित के अलावा, यहाँ तीसरी लहर को लेकर आप सभी प्रबुद्ध पाठकों से कुछ निवेदन करना चाहूँगा जिसपर सभी वैज्ञानिक एकमत हैं जो निम्न हैंं –
– आप को “2 गज की दूरी, मास्क है जरूरी” कि पालना हर हालत में करते रहना है क्योंकि आप अपनी मजबूत इम्यूनिटी के चलते दूसरों को तो संक्रमित कर ही सकते हैं। इसलिये किसी भी हालत में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें ।
– इसके साथ “बेवजह बाहर मत निकलिए”, “भीड़ का हिस्सा मत बनिए” यानि भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचें क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है ।
– अपनी बारी आने पर वैक्सीन ज़रूर लगवायें क्योंकि कोविड-19 वैक्सीनेशन कोरोना वायरस की चेन को तोड़ने में काफी हद तक मदद करेगा। इसके अलावा डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ कोवैक्सीन और कोविशील्ड असरदार हैं। वैक्सीनेशन के बाद अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इसलिये एक बार फिर यही दोहराना चाहूँगा कि जब तक कोई व्यक्ति अपने रक्षा संस्थान को तैयार नहीं कर लेता, तब तक वह सुरक्षित नहीं है क्योंकि आपकी अपनी इम्युनिटी (रोग- प्रतिरोधक लायक स्वस्थ शरीर) ही हर बीमारी की दवाई है, यही कारण है कि सब समय हर मिलने वाले को कहता रहता हूँ – “हर बीमारी से बचने के लिये, करें रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत।”
-गोवर्धन दास बिन्नाणी “राजा बाबू”