हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
हिंदुत्व और राहुल गांधी की समझ

हिंदुत्व और राहुल गांधी की समझ

by रमेश पतंगे
in राजनीति, विशेष
0

शहर जयपुर, स्थान विद्याधर नगर स्टेडियम, कार्यक्रम महंगाई हटाओ रैली, आयोजक कांग्रेस पार्टी, प्रमुख वक्ता राहुल गांधी। राहुल गांधी ने महंगाई पर भाषण देने के बदले हिंदू और हिंदुत्व इस विषय पर भाषण दिया। महंगाई वैसे नई नहीं है। नेहरू के जमाने में भी थी, श्रीमती इंदिरा गांधी के जमाने में थी, राजीव गांधी के जमाने में थी और मनमोहन सिंह के जमाने में भी थी। उसके विरुद्ध विरोधी दल रैली निकालते थे। सत्ता पर आसीन कांग्रेस के विरुद्ध भाषण देते थे। आज मोदी याने भाजपा की सत्ता है, महंगाई है, कांग्रेस विरोधी बैंचों पर बैठी है। कांग्रेस ने महंगाई के विरोध में रैली निकाली।

महंगाई सत्ता निरपेक्ष है। सत्ता में कौन है, इससे महंगाई को कोई लेना देना नहीं। फलाना दल सत्ता पर है इसलिए महंगाई है, वह सत्ता पर नहीं रहेगा तो महंगाई नहीं रहेगी , अंधेरा है और दिया जलाने से वह दूर हो जाएगा इतना यह सरल विषय नहीं है। महंगाई के दो प्रमुख कारण होते हैं। वस्तुओं की सप्लाई में कमी और मांग ज्यादा। यह पहला कारण हुआ। दूसरा कारण इन्फ्लेशन (मुद्रास्फीति)। इससे जुड़ी प्राकृतिक आपत्ती। यातायात और ऐसे ही अन्य तात्कालिक कारण भी होते हैं। राहुल गांधी का इन विषयों में अभ्यास कितना है यह संपूर्ण विश्व जानता है और इसलिए इसके बारे में ना लिखा जाना ही श्रेयस्कर है।

इसके कारण राहुल गांधी ने हिंदू यह विषय लिया। वे जो कुछ बोले उसके महत्वपूर्ण वाक्य इस प्रकार, ” मैं हिंदू हूं और हिंदुत्ववादी नहीं। देश में 2014 से हिंदुत्व वादियों की सत्ता है, हिंदुओं की नहीं। हिंदुत्ववादियों के कारण महंगाई बढ़ रही है। उन्हें सत्ता से बाहर कर हिंदुओं को पुनः सत्ता में लाइए। हिंदुत्ववादी सत्ता के भूखे हैं तो हिंदू सत्य के लिए अपने प्राण अर्पित कर रहा है। सत्य ही उसका मार्ग है। हिंदुत्ववादी द्वेष से भरा होता है। हिंदुत्ववादियों को केवल सत्ता से मोह है।उन्हें सत्य नहीं चाहिए।”
सर्वप्रथम हम राहुल गांधी का अभिनंदन करना चाहते हैं की उन्होंने अपने आपको हिंदू कहा। नेहरू-गांधी घराने के राजपूत्र द्वारा सार्वजनिक रूप से अपने आपको हिंदू कहना, यह आश्चर्यजनक है।

पंडित जवाहरलाल नेहरू राहुल गांधी के पर नाना थे। उन्होंने एक बार कहा था,
” मैं शिक्षा से इसाई, संस्कृति से मुस्लिम और दुर्भाग्य से हिंदू हूं।” उनका मूल अंग्रेजी वाक्य इस प्रकार है, ” By education I am an Englishman, by views an internationalist, by culture a Muslim and a Hindu only by accident of birth.” नेहरू जी के इस वाक्य पर नेहरु भक्त उल्टी सीधी चर्चाएं करते रहते हैं। फिर भी उनका पोता कहता है कि, “मैं हिंदू हूं”। अर्थात पंडित नेहरू का कहना मुझे मान्य नहीं है ऐसा पोते को कहना है। पंडित नेहरू 1964 तक देश के प्रधानमंत्री थे। तब तक वे कभी भी किसी भी मंदिर में नहीं गए। हिंदू धर्माचार्यों का उन्होंने कभी भी सम्मान नहीं किया। प्रकल्पों का भूमि पूजन नहीं किया ना ही कभी नारियल फोड़े। ऐसे घराने में पले बढ़े राहुल गांधी कहते हैं कि, मैं हिंदू हूं।

राहुल गांधी में इतना परिवर्तन कैसे हुआ? यह परिवर्तन मोदी के कारण हुआ। राहुल गांधी का भाषण रविवार को हुआ और सोमवार को काशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ का दर्शन किया। गंगा में स्नान किया, भोलेनाथ का जय जय कार किया, साधु संतों को वंदन किया, श्रमजीवीयों पर फूल बरसाए और काशी कॉरिडोर का लोकार्पण किया। हिंदू होना याने क्या? मैं हिंदू हूं ऐसा ना कहते हुए हिंदू याने क्या यह अपनी कृति से दिखाया। व्यर्थ की बकवास करने में किसी के बाप का क्या जाता है। ढेर सारे शब्दों की अपेक्षा क्षणभर की कृति यह सिद्ध करती है कि आप दुर्घटनावश हिंदू हैं या श्रद्धा और अस्मिता से हिंदू हैं। राहुल गांधी को इस राह पर अभी सैकड़ों मील चलना है अर्थात यदि उनमें इतना दम है तो!

राहुल गांधी कहते हैं कि मैं हिंदू हूं, हिंदुत्ववादी नहीं। मैं हिंदू हूं यह कहने में तीन पीढ़ियां लग गई। मैं हिंदुत्ववादी हूं, यह कहने में इतनी पीढ़ियां नहीं लगाई जा सकती। राहुल गांधी को इसके लिए जल्दी करनी होगी। दो चुनावों में हार से वे हिंदू है इसका साक्षात्कार उन्हें हुआ है। 2024 का चुनाव हारने के बाद “मैं हिंदुत्ववादी हूं” इसका भी साक्षात्कार उन्हें होगा।

इसके लिए उन्हें सावरकर पढ़ने की आवश्यकता नहीं है। कारण सावरकर यह दाहकता है, एक अंगार है। राहुल गांधी की नाजुकता उसे सहन नहीं कर सकती। उसके लिए उन्हें महात्मा गांधी पढ़ना चाहिए। महात्मा गांधी हिंदू धर्म के कट्टर अभिमानी थे। उन्होंने भविष्यवाणी की थी की भले ही हिंदू धर्म आज थका सा दिखता है फिर भी भविष्य में वह आज है उससे अधिक शक्ति से खड़ा होगा।( वह कालखंड अब चालू है)

महात्मा गांधी आगे कहते हैं, ” मैंने केवल हिंदू परिवार में जन्म लिया इसलिए हिंदू नहीं हूं वरन मैं चुनाव और निष्ठा से हिंदू हूं। मुझे यह धर्म मालूम है और मैं उसकी जानकारी रखता हूं। ऐहिक और पारलौकिक जगत मे भी वह मुझे आत्म शांति देगा।” और एक जगह गांधी जी कहते हैं, ” मैं जन्म से हिंदू हूं, हिंदू धर्म में मुझे शांति प्राप्त होती है। जब जब मैं अशांत होता हूं, मेरी शांति की खोज हिंदू धर्म में पूरी होती है। मैंने अन्य धर्मों का भी अभ्यास किया है। इससे मेरा मत यह बना है की यद्यपि हिंदू धर्म में कुछ कमियां हो सकती है, हिंदू धर्म ही मेरे लिए सर्वस्व है। इसके कारण मैं स्वतः को सनातनी हिंदू कहता हूं।” राहुल के नाम में ‘गांधी’ है, इसलिए उन्हें ओरिजिनल गांधी का अभ्यास करना चाहिए।

हिंदू और हिंदुत्व को अलग नहीं किया जा सकता। ऐसा जो कोई करने का प्रयत्न करते हैं, वे तार्किक गलतियां करते हैं। हिंदू का अर्थ सर्वसमावेशकता, सत्य की खोज का निरंतर प्रयत्न, कठोर तार्किकता, बुद्धिवाद, एवं विज्ञाननिष्ठ।
इन सब का दर्शन उपनिषदों में होता है। और हिंदुत्व याने इन सब का आशय जिस विचारधारा ने स्वीकार किया है वह। उसे ही हिंदुत्व की विचारधारा कहते हैं। इस विचारधारा में वर्तमान काल को ध्यान में रखकर कुछ बातें जोड़नी पडती हैं। हिंदुत्व याने सबका साथ-सबका विकास, हिंदुत्व याने 130 करोड़ भारतीय जनता, हिंदुत्व याने चित्त वृत्तियों का निरोध करने वाला योग दर्शन, और हिंदुत्व याने विदेश नीति की सॉफ्ट पावर डिप्लोमेसी। यदि एक वाक्य में कहना हो तो विश्व शांति, विश्व बंधुता, विश्व पर्यावरण रक्षण, विश्व से अज्ञान और दरिद्रता का निर्मूलन, हिंदुत्व है। यह सर्वसमावेशक, सर्वव्यापी, सर्व संग्राहक संकल्पना है।

राहुल गांधी के सम्मुख सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि वे हिंदू है या अ हिंदू, हिंदुत्ववादी हैं या अन्य कोई, इसको बताने के लिए 21वीं सदी की कांग्रेस की विचारधारा कौन सी है यह बताने का है। कांग्रेस यह हिंदू दल के रूप में पैदा हुआ। स्वतंत्रता के पूर्व हिंदुओं ने उसे अपना दल माना। वे हिंदू कांग्रेस से क्यों दूर होते जा रहे हैं, इसकी खोज राहुल गांधी को करना चाहिए। हिंदुत्ववादी सत्ता मे होने के कारण महंगाई बढ़ती जा रही है यह हास्यास्पद है । जिस हिंदुत्व का उत्तराधिकार कांग्रेस ने खो दिया अर्थात गांधी जी की हिंदू विचारधारा का त्याग कर दिया तब से कांग्रेस का पतन शुरू हो गया है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भूलकर भी यह नहीं कहते कि मैं हिंदू हूं, हिंदुत्ववादी हूं या मुझे हिंदुओं का राज्य स्थापित करना है। ऐसा कहना उन्हें आवश्यक नहीं लगता। क्योंकि हिंदू समाज ने उन्हें कट्टर हिंदू समझ लिया है। राहुल गांधी की प्रतिमा इससे एकदम उलट है। यह व्यक्ति ढुलमुल, ढोंगी और मतलबी है। हिंदू का मुखौटा लगा कर घूम रहा है। मुखौटे के पीछे का चेहरा कैसा होगा इसकी चिंता राहुल गांधी को करनी चाहिए। उनकी ही भाषा में बताना हो तो आज देश में हिंदुओं का ही राज्य है। और हिंदू समाज का संकल्प भी वही राज्य स्थायी रखने का है। काशी का संदेश भी यही है। 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: congresshindi vivekhindi vivek magazinejaipurrahul gandhirajasthan congresssoniya gandhi

रमेश पतंगे

Next Post
काशी बना भारतीय संस्कृति के गौरव का प्रतीक

काशी बना भारतीय संस्कृति के गौरव का प्रतीक

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0