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The Kashmir Files के जरिये केरल कांग्रेस का बेतुका ट्वीट, क्या कर रही है साबित?

The Kashmir Files के जरिये केरल कांग्रेस का बेतुका ट्वीट, क्या कर रही है साबित?

by हिंदी विवेक
in ट्रेंडींग, मनोरंजन, राजनीति, सामाजिक
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बॉलीवुड के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री द्वारा निर्देशित फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) इस समय देश भर में चर्चा का विषय बनी हुई है। यह फिल्म साल 1990 में आतंकियों द्वारा कश्मीर से खदेड़े गए कश्मीरी पंडितों पर आधारित है। फिल्म को देखने के बाद लोगों के भावुक होने वाला वीडियो लगातार सोशल मीडिया में वायरल हो रहे है। आंखों से आंसू बनकर निकलता यह कश्मीरी पंडितों का दर्द है जो अपने या अपने परिवार के साथ घटी त्रासदी को बड़े परदे पर देखकर बाहर निकल रहा है। लोगों के रिएक्शन को देखते हुए कई राज्यों में फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है।

फिल्म देखने वाले लोग फिल्म निर्माता और अभिनेताओं को गले लगाकर लोग उनके काम की प्रशंसा कर रहे हैं। हालांकि फिल्म को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गयी है, और राजनीति कर रही है कांग्रेस। केरल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है, जिसके बाद से बवाल मचा हुआ है। केरल कांग्रेस का कहना है कि कश्मीर में जब से कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ तो उस समय केंद्र में वीपी सिंह की सरकार थी और भाजपा ने उसे समर्थन दिया था। और 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के हारने के बाद कम्युनिस्ट पार्टियों और बीजेपी के समर्थन से वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने थे। और इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस अब भाजपा को घेर रही है।

फिल्म में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार और उनके पलायन की दर्दनाक दास्तां को दिखाया गया है। कश्मीरी पंडित फिल्म से खासा जुड़ाव महसूस कर रहे हैं। आखों से आंसू बनकर निकलता यह कश्मीरी पंडितों का दर्द है जो अपने या अपने परिवार के साथ घटी त्रासदी को बड़े परदे पर देखकर बाहर निकलते हुए देखा जा सकता है। फिल्म निर्माता और अभिनेताओं को गले लगाकर लोग उनके काम की प्रशंसा कर रहे हैं। यह तीन दशकों यानी 32 साल तक सीने में दफन ज्वालामुखी के फटने जैसा है।

केरल कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधते हुए Facts about #KashmiriPanditsissue के नाम से कई ट्वीट किये हैं। ट्वीट में केरल कांग्रेस ने कश्मीरी पंडितों के लिए सहायता के आंकड़े दिखाए हैं। एक ट्वीट में Congress Kerala ने कहा है कि, ‘पंडितों ने गवर्नर जगमोहन के निर्देश पर सामूहिक रूप से घाटी छोड़ दी थी, वह आरएसएस के आदमी थे।’ ट्वीट में आगे लिखा गया है कि, कश्मीर से हिन्दुओं का विस्थापन बीजेपी समर्थित वीपी सिंह सरकार के समय में शुरू हुआ था।’

कांग्रेस ने आगे कहा कि दिसंबर 1989 में बीजेपी समर्थित वीपी सिंह सरकार सत्ता में आई थी। और अगले ही महीने जनवरी 1990 में पंडितों का विस्थापन शुरू हो गया। बीजेपी ने कुछ नहीं किया और नवंबर 1990 तक वीपी सिंह को समर्थन देना जारी रखा। केरल कांग्रेस ने अपने इस ट्वीट में #Kashmir_Files vs Truth के हैशटैग का उपयोग किया है। हालांकि इस ट्वीट के बाद से ही इस ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आने लगी। सोशल मीडिया पर केरल कांग्रेस के अलग-अलग ट्वीट पर पक्ष और विपक्ष में लोग लिख रहे हैं।

केरल कांग्रेस के इस ट्वीट का जवाब देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने लिखा कि, अगर जगमोहन ‘RSS के आदमी’ थे तो कांग्रेस की नेता और तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने उन्हें 1984 में जम्मू-कश्मीर का गवर्नर क्यों नियुक्त किया था? इस पोस्ट पर वह राजीव गांधी के समय में भी क्यों रहे? कंचन गुप्ता ने 14 अप्रैल 1990 को श्रीनगर से प्रकाशित उर्दू अखबार ‘अल-सफा’ की कुछ लाइनों वाला एक कागज भी सोशल मीडिया में शेयर किया है। उन्होंने लिखा कि जगमोहन को 19 जनवरी 1990 को घाटी का गवर्नर बनाया गया था। वे जम्मू में थे और 21 जनवरी को श्रीनगर पहुंचे।

19 जनवरी की रात में ही कश्मीरी पंडितों को आतंकियों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा और उन्हें घाटी छोड़कर जाना पड़ा था। इसी अखबार में हिजबुल मुजाहिद्दीन के कश्मीर आतंकियों के गुट ने कहा था, ‘वर्तमान संघर्ष कश्मीर में इस्लाम का दबदबा कायम करने के लिए है। जो कोई भी इस रास्ते में बाधा बनेगा, उसे खत्म कर दिया जाएगा।’ लेख के माध्यम से आतंकियों ने कश्मीर में पंडितों को मुसलमानों की राह में सबसे बड़ी अड़चन बताया था।

वहीं कुछ लोग लोगों का कहना है कि साल 1971 के दौर में बंगाल में हुए अत्याचार पर कोई डिटेल जानकारी नहीं है, न तो किसी ने ऐसी फिल्म बनाई। साथ ही लोग कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार से इनकार कर गवर्नर जगमोहन और आरएसएस को पंडितों के पलायन के लिए कांग्रेस से सवाल पूछ रहे हैं कि,क्या वे इन सब को जायज मानते हैं? आपको बता दें कि, जगमोहन मल्होत्रा का पिछले साल मई में निधन हो गया, वे 93 साल के थ। गवर्नमेंट सर्वेंट के वे राजनीति में आये और बाद में गवर्नर के पद पर पहुंचे। इसके अलावा वे दो बार दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी रह चुके हैं.

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Tags: anti hindu narrativefalse narrative by kerala congresshindi vivekhindu genocidekerala congressthe kashmir filesvivek ranjan agnihotri

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