तटीय पर्यटन है गोवा की शान

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गोवा अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात है। यहां आनेवाले देशी-विदेशी पर्यटक यहां की मनमोहक छटा को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते है। गोवा अपने समुद्री तट के लिए विख्यात है।गोवा में पर्यटक भीड़-भाड़ से दूर एकांत और शांत समुद्री लहरों का आनंद लेना चाहते हैं।

चमकते सितारे

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गोमांतकीय संगीत की उत्पत्ति और वृद्धि प्रमुख रूप से देवस्थानों के परिसरों में ही हुई। गोमांतकीय उत्तम गायक-गायिका, नर्तक-नर्तिका तथा वादक मंदिर परिसर में ही निर्माण हुए। अनेक कलाकारों ने अपने संगीत का बीजारोपण गोवा से किया।

सर्व समावेशी लोक कलाएं

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लोगों के समूह की भावनात्मक दुनिया की कलात्मक अभिव्यक्ति ही लोककला है। ऐसे लोकजीवन में अभी तक जी जान से संभाल कर रखी हुई संस्कृति खंडित होती जा रही है। बदलती हुई ग्राम व्यवस्था, पर्यावरण में होने वाले अकल्पनीय परिवर्तन, विघटित सामाजिक संरचना, घटते हुए जीवन मूल्य ऐसे अनेक कारण परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं।

उत्सवों के रंग में रंगा गोवा

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गोवा की विभिन्न जातियों, जनजातियों और धर्म की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति ही गोवा की कुल कला और संस्कृति का प्रतीक है। यहां के उत्सव, संगीत, नाटक, शिल्पकला, चित्रकला, हस्तकला इनका ग्राफ लेने कि यह एक कोशिश है।

भारतीय चष्मे से देखें गोवा

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कुल मिलाकर मुख्य मंत्री डॉ. प्रमोद सावंत का यह लक्ष्य साफ दिखाई देता है कि वे गोवा को उसके सम्पन्न इतिहास के साथ विकास के उच्च पायदान पर ले जाना चाहते हैं और अपनी तीव्र इच्छाशक्ति, कर्तव्यपरायणता तथा गति के कारण उसमें सफल भी हो रहे हैं। केंद्र की सरकार का भी उनको पूर्ण समर्थन मिल रहा है। वे स्वयं कई बार यह कह चुके हैं कि डबल इंजन सरकार होने के कारण गोवा प्रगति पथ दौड रहा है।

रंगमंच हमेशा जिंदा रहेगा

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रंगमंच को जीवित रखना केवल रंगकर्मियों का ही नहीं दर्शकों का भी कर्तव्य है क्योंकि इसमें होने वाले नित नए प्रयोगों के कारण रंगमंच वह प्रयोगशाला बन जाता है जिसके उत्पाद दर्शकों को बड़े पर्दों, टीवी या ओटीटी पर दिखाई देते हैं।

खबरों की तात्कालिकता और सिनेमा की शाश्वतता

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हिन्दी सिनेमा चूंकि सबसे कम खर्च कहानियों पर करता है, इसीलिए रेडीमेड कहानियों की तलाश उसकी मजबूरी हो जाती है। यह जरूरत मसालेदार सत्य घटनाएं आसानी से पूरी कर देती हैं। खबरों के प्रति सिनेमा की इस सहजता की एक वजह उसके दर्शकों के सामने अचानक से आया खबरों का विस्फोट भी है।

बदल गई ‘बचपन’ की दुनिया

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वक्त के साथ दुनिया बदलती ही है क्योंकि परिवर्तन प्रकृति का नियम है। इसीलिए विकास के साथ जीवन के प्रति हमारी प्राथमिकताएं, सोच, रहन-सहन और आदतें भी बदल जाती हैं। लेकिन; इन बदली हुई प्राथमिकताओं में कई बार हम उन आदतों व चीजों से अनजाने ही दूर होते जाते हैं जो कभी हमारी ज़िंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा हुआ करती थीं। मसलन वे खेल जिनके साथ हम बड़े हुए हैं। पुराने समय के खेल-खिलौनों की जगह अब मोबाइल, वीडियो गेम, कम्प्यूटर ने ले ली है। कहना गलत न होगा कि आज के बच्चों का बचपन और उनके खेल-खिलौने वक्त के साथ पूरी तरह बदल चुके हैं।

कला पर बोझ बनता स्टारडम

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जब कोई निर्देशक कोई फिल्म बनाता है तो उसके मस्तिष्क में फिल्म की पूरी ब्लू प्रिंट तैयार होती है। पर्दे पर दिखने के पहले वह निर्देशक की आंखों में उतर चुकी होती है। ऐसे में स्टारडम के बल पर सुपर स्टार्स का फिल्म में हेरफेर करना पूर्णत: अनुचित है। निर्देशकों को अपनी सोच के हिसाब से फिल्म बनाने की छूट मिलना कथा से लेकर उसकी परिणीति तक के लिए अत्यंत आवश्यक है।

टाइटैनिक और टाइटन गेट पनडुब्बी की जलसमाधी

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उनके पास चाहे कितना ही पैसा था पर आखिरी समय में केवल "जीवित रहने" और धरती पर वापस आने के लिए प्रार्थना कर रहे होंगे। जीवन अपने आप में कितना अनमोल है, इसे महत्व दें, इसके लिए आभारी रहें, अपनी ऊर्जा एवं धन को सकारात्मक कार्यों में खर्च करें। जब आपके पास बहुत ज्यादा पैसा हो तो उलटी सीधी हरकतों के बजाय अपने जीवन का अधिकतम लाभ उठायें गरीबों एवं जरूरतमन्दों की मदद करें..

आदिपुरुष : फिल्म सेंसर बोर्ड पर उठने लगे प्रश्न ?

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स्पष्ट है कि विधर्मी सदैव हिंदू प्रतीकों के प्रति अपनी घृणा का प्रदर्शन करेंगे ही किंतु उन्हें रोकने के लिए बनाई संस्थाएं क्या कर रही है?फ़िल्म आदिपुरुष में दिखाए गए हिंदू विरोधी प्रलाप हिंदी सिनेमा में नया नहीं है किंतु ऐसे संक्रमण फैलाने वाले वैचारिक कीड़ों को रोकने के लिए बनाई गई संस्था फ़िल्म सेंसर बोर्ड आखिर कर क्या रही है? फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी क्या ये कह सकते हैं कि उन्हें कुबेर के पुष्पक विमान और चमगादड़ में कोई अंतर नहीं लगता?

वसई गौरव अवार्ड समारोह संपन्न

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वीएस नेशन मीडिया के अंतर्गत वरिष्ठ पत्रकार देवेंद्र खन्ना ने पानेरी वसई गौरव अवार्ड 2023 का भव्य आयोजन दूसरी बार मुंबई के नजदीक वसई पश्चिम के खूबसूरत बैंक्वेट हॉल ड्रीम्स एरेना में किया। इस अवॉर्ड समारोह में बॉलीवुड के प्रसिद्ध गीतकार सुधाकर शर्मा (चुनरिया फेम), लेखक निर्देशक अभिनेता अश्विन कौशल, रैपर हितेश्वर, अभिनेता टीटू वर्मा, डांसर शिरीन फरीद, फैशन फिटनेस आइकन जैनब लहरी,अभिनेता संजीत धुरी सहित कई बॉलीवुड हस्तियों ने शिरकत की।

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