दिव्यांग बच्चों को सहायता की आवश्यकता – डॉ. वीरेन्द्र कुमार, सामाजिक न्याय मंत्री
दिव्यांग बच्चों को सहानुभूति की नहीं अपितु स्नेह, अपनत्व एवं सहायता की आवश्यकता है। दिव्यांग बच्चों को सहयोग प्रदान करना दिव्य एवं पुण्य का कार्य है। संस्था द्वारा दिव्यांग छात्रों के लिए किये जा रहे कार्य सराहनीय एवं अभिनंदनीय है। यह वक्तव्य भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने पुणे के वानवडी स्थित दिव्यांग कल्याणकारी शिक्षण संस्था एवं वैद्यकीय संशोधन केंद्र के उल्लेखनीय कार्य को देखते हुए दिया। वे पुणे के सांसद गिरीश बापट के साथ संस्था के कामकाज को देखने के लिए आये थे। संस्था के अद्भुत, प्रेरक कार्यों को देखकर वह बहुत प्रभावित हुए।
इस दौरान उन्होंने छात्रों से संवाद किया और उनकी आवश्यकताओं को भी जाना। इसके अलावा संस्था के प्रलंबित प्रस्ताव एकात्मिक विद्यालय तथा सी।आर।सी। केंद्र और शिक्षा-स्वास्थ्य के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर आर्थिक रूप से दिव्यांगों को स्वावलंबी बनाने के लिए संस्था की हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया।
संस्था की परंपरा के अनुसार सर्वप्रथम सदिच्छा भेंट के लिए आए अतिथियों का आरती उतारकर स्वागत किया गया। इसके बाद भारत माता का पूजन एवं छत्रपति शाहु महाराज की प्रतिमा पर हार अर्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया। संस्था के कार्याध्यक्ष एड। मुरलीधर कचरे ने कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा और अतिथियों का परिचय दिया। दिव्यांग छात्राओं द्वारा बनाए गए बैलगाड़ी व स्मृतिचिन्ह देकर अतिथियों को सम्मानित किया गया।
संस्था की सचिव लता यादव बनकर, सह सचिव शंकर जाधव, सदस्य अनुराधा आम्बेडकर, प्रकाश शिंदे, अविनाश नाईक, मुख्याधिपिका शिवानी सुतार, सहित साक्षम संस्था के कार्यकर्ता दिनेश हाले एवं संस्था के सभी विद्यार्थी, सेवक वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। संस्था के कार्याध्यक्ष एड. मुरलीधर कचरे द्वारा अतिथियों का आभार जताकर कार्यक्रम का समापन किया गया।