भारत आज से #5G की दुनिया में प्रवेश कर गया है. हमें एक नई डिजिटल क्रांति के लिए तैयार रहना चाहिए. अगले चार-पाँच वर्ष में सब कुछ इतना बदलने वाला है जिसकी कल्पना भी हमने नहीं की होगी.
अगर आपको टेक्नोलॉजी उतनी समझ नहीं आती या सोचतें होंगे की अब सीखने की उम्र नहीं रही तो जरा संभल जाइए. मोबाइल का इस्तेमाल सिर्फ़ कॉल करने या उससे आगे फ़ेसबुक/ व्हाट्सएप पर स्क्रॉल करने या गुड मॉर्निंग मैसेज भेजने भर करते हैं तो आगे वाले दिन में आप निश्चित तौर से आधुनिक समाज से बाहर हो जाएँगे. दुनिया की नज़र में आप बेवकूफ के अतिरिक्त कुछ नहीं नहीं कहे जाएँगे. अब लाठी वाला जमाना लद गया, घर में बैठे बैठे आपकी सारी जामपूँजी चट हो जाएगी. ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग का धंधा ज़ोर पकड़ेगा और बेवकूफ बने रहेंगे तो 100% फँसेंगे.
वर्तमान 4G की डिजिटल टेक्नोलॉजी आज देश में क्या रोल निभा रहा है ये किसी से छुपा नहीं है. ऑनलाइन बैंकिंग, UPI से लेकर सरकार की बड़ी बड़ी योजनाएँ एक क्लिक पर उपलब्ध है. घूमने का मन है वेबसाइट खोलिए फ्लाइट बुक कीजिए उड़ जाइए, फ़िल्म देखने का मन तो तो मनपसंद सीट बुक करके मोबाइल से ओला बुलाइए और निकल लीजिए. भूख लगी तो zomatto वाला हाँफते हाँफते मनपसंद ख़ाना हाथ में पकड़ा जाएगा. दुनिया की किसी भी टॉपिक की बेहतरीन एनालिसिस से लेकर 3D विज़ुअल्स के साथ मोबाइल सामने लाकर पटक देगा.
राशन ख़रीदना हो, कपड़े ख़रीदना हो उँगलियाँ घुमाइये और सब प्रकट.. उसमें भी हर प्रोडक्ट / क्वालिटी / वापसी की इतनी गारंटी की कल्पना भी नहीं कर सकते.
एक ऐसा देश जिसे शायद एक दशक पहले तक सपेरों का देश कहा जाता था. उसके नागरिकों की उँगलियों पर उसका जीडीपी नाच रहा है. पश्चिम वाले टेक्नोलॉजी भले लाए लेकिन उसका सबसे शानदार उपयोग हम भारतीय करने लगे हैं. फ़ेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब का जितना बेहतर इस्तेमाल हम भारतीयों ने किया है उतना अमेरिका ने भी नहीं सोचा होगा. सरकारें टेक्नोलॉजी से डरने लगी हैं, नेताओं के लिए नेतागीरी इतनी आसान बात अब नहीं रही. पुलिस वाले वीडियो शूट होने की ख़ौफ़ में जीने लगे हैं.
5G उपरोक्त सारी क्रांतियों को बौना साबित करेगा. 4G के मुक़ाबले इसकी स्पीड 100 गुना होगी. यानी पलक झपकते 3 घंटे की मूवी 3 सेकण्ड में आपके मोबाइल में डाउनलोड हो जाएगी. डॉक्टर रोबोटिक सर्जरी कर सकेंगे. 3D वीडियो कॉलिंग की कल्पना शायद साकार हो जाएगी.
बैंकिंग और सरकारी संस्थाओं में ह्यूमन रिसोर्सेज़ की ज़रूरत कमेगी, मतलब बहुत सारे काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अपने आप हो जाएगा सिर्फ़ मॉनिटरिंग के लिए लोगों की ज़रूरत होगी. यानी वो अय्याशी वाली नौकरियों की दिन लदेंगे.
सरकारी विभागों में नौकरियाँ करते हैं तो संभल जाइए, ई-ऑफिस धीरे धीरे AI का इस्तेमाल करके स्वयं को इतना डेवलप कर लेगा की एक क्लिक पर आपकी सारी निष्ठा, ईमानदारी और डेडिकेशन को नंगा करके सामने रख देगा.
वेतन बढ़ोतरी या प्रमोशन जैसी मामलों में मशीनें निर्णय लेने लगेगी. डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा RBI पहले ही कर चुकी है, मतलब धीरे धीरे हार्ड करेंसी को बाज़ार से हटा कर डिजिटल करेंसी लादा जाएगा. फिर आपकी एक एक चीजें ट्रैक होगी.
ज़्यादा चतुर बनेगें तो ED को ब्लैक मनी ट्रांज़ेक्शन को ट्रेस करने में एक मिनट भी नहीं लगनी है और नौकरी जायेगी अलग से.
प्राइवेट नौकरियों वाले के लिए आने वाला दिन और स्ट्रगल लाएगा, परफॉरमेंस का दबाब कई गुना बढ़ेगा. छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा बहुत तगड़ी होने वाली है. अगर गाँव के सरकार स्कूलों में पढ़ने वाले ग़रीब बच्चों को टेक्नोलॉजी के साथ मुख्यधारा में लाने में अगर सरकार जरा भी चूक करती है तो उनके भविष्य को समाप्त कर सकती है. अगर शिक्षा व्यवस्था ऐसे ही रहे तो बेरोज़गारी बढ़ती जाएगी. टैक्स चुराना बीती बातें होंगी…
अतः समय के साथ चलिए और टेक्नोलॉजी में महारत हासिल कीजिए, अन्यथा आपका दस वर्ष का लौंडा आपको अपनी उँगलियों पर नचायेगा और नाँचने पर मजबूर होंगे. बालमन बड़ा ही चंचल होता है, आपकी बेवक़ूफ़ी के कारण वीडियो, गेम, वल्गर कंटेंट में लिप्त रहने को वह मजबूर होगा.
बेरोज़गार रहेगा तो ऑनलाइन फ्रॉड, साइबर क्राइम की दुनिया में ही उतरेगा क्योंकि चोरी और छिनतौड़ी वाली घटना बस 4G तक ही थी.. उधर सरकार भी एक से बढ़कर एक ऑनलाइन प्रोफेशनल को रखेगी. IPC/CrPC अगर बदला तो सरकार का ज़्यादा ध्यान जेल भेजने के बजाय आर्थिक चोट पहुँचाने का रहेगा.. अपराधियों की अक़्ल ठिकाने आएगी..
इसलिए आँखें खोलें और पल पल की आविष्कारों को जानिए, सीखने की कोशिश कीजिए. आपको अगली आने वाली पीढ़ी से लड़ना होगा जो तलवार की तरह टेक्नोलॉजी में शार्प है. पैदा होते ही आपको मोबाइल दिखाने को ब्लैकमेल कर डालता है.
कम्पटीशन काफ़ी तगड़ा है देखते हैं हम कितने सफल हो पाते हैं…