गत दिनों भारत में घुसपेठ करती हुई चीनी सेना को भारत के वीर योद्धा सैनिकों के द्वारा अपने पराक्रम और शौर्य से उन्हें पीछे धकेलते हुए पीठ दिखाकर भागने पर मजबूर कर दिया गया था और इस पर सेना के थलसेना की पूर्वी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने कहा कि ‘देश की उत्तरी सीमा से सटे सीमा क्षेत्रों में ‘स्थिरता’ है और वहां भारतीय सशस्त्र बलों का ‘मजबूत नियंत्रण’ है।’ परन्तु कांग्रेस पार्टी के राहुल गांधी द्वारा देश की सेना के पराक्रम को नजरअंदाज करते हुए एक अशोभनीय बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि ‘हमारे सैनिक पिट रहे हैं चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है लेकिन हमारी सरकार सोई हुई है और खतरे को नजरअंदाज कर रही है।’
क्या राहुल गांधी का ये बयान इस बात को नहीं दर्शाता कि उन्हें भारत की सेना पर विश्वास नहीं? क्या राहुल गांधी का ये बयान ये नहीं दर्शाता कि अपनी तुच्छ राजनीति के लिये वो भारत की सेना के मनोबल को तोड़ने से भी पीछे नहीं हटते? राहुल गांधी जी भारत की सेना ने तो तब भी मार नहीं खाई थी जब चीन ने पीठ के पीछे भारत पर वार किया था। भारत की सेना ने तो तब भी चीन की सेना को लौहा मनवाते हुए उनसे युद्ध करते हुए अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था। ये तो तुम्हारे नाना नेहरू के झूठे ‘हिन्दी चीनी भाई-भाई’ और गलत नीतियों का नतीजा था जो भारत की जमीन चिनियों के कब्जे में चली गई।
खैर राहुल गांधी जी के बयानों की देशभर में क्या हैसियत है और उनके बयानों को कितना भारत में कितनी तवज्जो दी जाती है ये तो सभी को पता है। इस लेख के माध्यम से मैं तो बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि ‘चाहे आपको भारत की सेना और उसके शौर्य पर भरोसा हो ना हो देश की जनता को हमेशा भारत की सेना पर भरोसा है और रहेगा।’
– गोपाल सोनी