– आतंकियों पर कश्मीर के अंदर इतनी बड़ी कार्रवाई इससे पहले कभी नहीं हुई है लेकिन इस घटना पर मीडिया का ध्यान अभी नहीं गया है । वैसे भी कश्मीर से खबर निकालना आसान नहीं होता है ।
-दरअसल कश्मीर के अंदर अब बुलडोजर वाली कार्रवाई शुरू हो चुकी है । खुलासा ये हुआ है कि जम्मू कश्मीर से विस्थापित हुए सिखों और कश्मीरी पंडितों की 325 एकड़ जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवा लिया गया है । जब 1990 में जब कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़नी पड़ी थी तो कश्मीरी पंडितों और सिखों की बेशकीमती जमीन, घरों और बागों पर मुसलमानों ने कब्जा जमा लिया था ।
-भारत सरकार को कश्मीरी पंडितों की तरफ से कब्जे की 8000 शिकायतें मिली थीं । उनमें से अधिकांश का समाधान करके 325 एकड़ की जमीन को आजाद करवा लिया गया है । ये भारत सरकार का बहुत प्रशंसनीय फैसला है । प्रशासन ने कश्मीरी पंडितों की संपत्ति संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए एक वेबसाइट भी बनाई है ।
-कश्मीर में राज्यपाल मनोज सिन्हा की इतनी सख्त कार्रवाई से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जमे हुए आतंकी सरगनाओं के अंदर हड़कंप मच गया है । कश्मीर के अंदर भी जिहादी मानसिकता के मुसमलानों को दस्त लग चुकी हैं । अब आतंकियों ने धमकी दी है कि कश्मीरी पंडितों के लिए कश्मीर में जो कॉलोनियां बसाई जा रही हैं उसको कब्रिस्तान में बदलने की धमकी दी गई है । हालांकी कश्मीरी पंडितों ने भी सरकार को कहा है कि वो ना झुकेंगे ना डिगेंगे । आतंकियों पर कार्रवाई में सरकार कोई कोर कसर ना करे ।
-योगी का बुलडोजर और कुर्की वाला फॉर्मूला कश्मीर में भी काम कर गया है। अब्दुल रशीद उर्फ जहांगीर नामका एक आतंकी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जाकर ऐशो आराम कर रहा था भारत के खिलाफ प्लैन बना रहा था और कश्मीर के अंदर उसकी चार कनाल यानी करीब आधा एकड़ जमीन को सरकार ने जब्त कर लिया है।
– इसके अलावा भी साल 2019 में बैन किए गए आतंकी संगठन जमात ए इस्लामी की 100 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है । इसमें कई जिलों में मौजूद दुकानें भी हैं जिन पर जब्ती की कार्रवाई लगातार जारी है । आतंकियों में खलबली मच गई है और उनका मनोबल भी टूट रहा है ।
-इतना ही नहीं महबूबा मुफ्ती के दो दो सरकारी मकान जो श्री नगर और अनंतनाग में है दोनों को खाली करने का नोटिस भेजा जा चुका है ।
-2019 में कश्मीर के अंदर 80 आतंकी कमांडर एक्टिव थे और आज सिर्फ 2 या तीन बचे हैं वो भी जान बचाते हुए घूम रहे हैं।
-2016 के मुकाबले 2019 में आतंकी घटनाओं में 99 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
-33 साल पहले हुए रुबैया सईद (महबूबा मुफ्ती की बहन) अपहरण केस को अब जाकर दोबारा खोला गया है अब उसमें दोषी यासीन मलिकी की पेशी हो रही है । रूबैया सईद अदालतों के चक्कर लगा रही है । 1990 के वायुसेना के सैनिको पर हुए आतंकी हमले के केस में भी एक्शन हुआ है । उस मामले में यासीन मलिक जेल में है । पहले यही शख्स मनमोहन सिंह के साथ डिनर करता था ।
-आतंकियों ने अपनी रणनीति बदल दी है । उनको कोई नियंत्रक अब नहीं रहा है । हिजबुल मुजाहिदीन पूरी तरह से खत्म हो चुका है । इसलिए अब लोन वुल्फ अटैक करके कश्मीरी पंडितों और मजदूरों पर हमले किए जा रहे हैं । इनको रोक लिया जाए तो घाटी में पूर्ण शांति हो जाएगी ।