भारत का ईएफटीए के साथ मुक्त व्यापार समझौता

चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता होने से द्विपक्षीय वाणिज्य, निवेश, रोजगार सृजन और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह उम्मीद जताई गई।  ईएफटीए में शामिल ये चारों देश यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं। इन देशों को भारत का निर्यात अप्रैल 2022 – फरवरी 2023 के दौरान 1.67 अरब डॉलर रहा जबकि इस अवधि में भारत ने 15 अरब डॉलर का आयात किया। 

इस समय ब्रसेल्स के दौरे पर गए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईएफटीए के चारों सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ वृहद व्यापार समझौते से संबंधित प्रक्रियागत मुद्दों पर चर्चा की। यूरोपीय देशों के इस समूह में आइसलैंड, लीकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। इसके पहले गत 26 अप्रैल को भारत और ईएफटीए ने व्यापार समझौते पर बातचीत बहाल करने से संबंधित तौर-तरीकों पर चर्चा की थी।

बातचीत पूरी होने के बाद जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने व्यापक व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौता (टेपा) करने की दिशा में प्रयास जारी रखने से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा की। दो पक्षों के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते को आधिकारिक तौर पर टेपा कहा जाता है। इस तरह के समझौतों में दोनों कारोबारी पक्ष एक-दूसरे के आयात पर सीमा शुल्क को शून्य या सीमित करने के साथ ही सेवाओं का निर्यात और निवेश बढ़ाने पर सहमत होते हैं।

दोनों पक्षों ने अपने प्रयास तेज करने और बातचीत की प्रक्रिया जारी रखने के साथ ही अगले कुछ महीनों में इस तरह की कई बैठकों के आयोजन पर सहमति जताई। इसमें व्यापार समझौते में शामिल महत्वपूर्ण मुद्दों पर समझ विकसित करने पर भी जोर दिया गया।

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