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नवी मुंबई : द सिंबल ऑफ ग्रोथ

नवी मुंबई : द सिंबल ऑफ ग्रोथ

by हिंदी विवेक
in उद्योग, ट्रेंडींग, विशेष, संस्था परिचय, सामाजिक, सितम्बर २०२३
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नवी मुंबई को वैश्विक शहर बनाने हेतु हर दिशा में सार्थक प्रयत्न किया गया। इसी क्रम में शहर के उपयोग हो चुके पानी को रिसाइकल करके औद्योगिक क्षेत्र में प्रयोग के लिए सप्लाई किया जा रहा है। एसएफसी एनवायरमेंटल प्रा. लि. के प्लांट इस विकास को नवीन गति देने की दिशा में अप्रतिम कार्य कर रहे हैं।

नवी मुंबई एक ग्लोबल सिटी है। इस शहर की गति से हो रही डेवलपमेंट को आप देखोगे तो आपको महसूस होगा कि यह ग्लोबल सिटी बन चुकी है। विश्व में जिन शहरों को ग्लोबल सिटी कहा जाता है, उनमें मुंबई से कुछ डिफरेंट है ऐसी कोई बात नहीं है। इस शहर की प्लानिंग और शहर को बसाने के विजन में सिडको, गणेश नाईक और उनके परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। प्रारम्भ से उन्होंने इस शहर को ग्लोबल सिटी बनाने का सपना देखा और उस सपने को पूरा करने के लिए पूरी तरह से अपने आप को समर्पित किया। आज नवी मुंबई के संदर्भ में जो सकारात्मक चर्चा चल रही है, उस चर्चा में गणेश नाईक और नाईक परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। यातायात की सुविधा, पार्किंग की सुविधा, फ्लाईओवर ब्रिज, पानी इन सब बातों मे उनके सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण नवी मुंबई को ग्लोबल सिटी कहा जाता है। पानी की समस्या का निराकरण करने के लिए डैम को खरीदना, 50 साल तक के लिए नवी मुंबई की जनता के पानी की समस्या को समाप्त कराना यह कितना बड़ा दृष्टिकोण है! पूर्व सांसद संजीव नाईक जी ने संसद में एयरपोर्ट का मुद्दा निंरतर उपस्थित किया, उनके प्रयास से नवी मुंबई मे अभी एयरपोर्ट आ रहा है, इस कारण नवी मुंबई विश्व का हब बनने वाला है।

नवी मुंबई में 2005-2006 में सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए। नवी मुंबई दुनिया का पहला शहर है जहां पर 100% वॉटर को 5 इ.ज.ऊ. तक शुद्ध किया है। वह वाटर रीसायकल हो रहा है। यहां पर पर्यावरण के संदर्भ में अच्छी सूझबूझ है। प्रदूषण नियंत्रण में है। यह ऐसे समय में किया गया है जब सम्पूर्ण भारत में कहीं भी वॉटर रीसाइकलिंग के संदर्भ में कोई प्रयास नहीं हो रहे थे। तब भविष्य की दृष्टि रखकर नवी मुंबई में पानी की समस्या का निराकरण करने के लिए बहुत बढ़िया कदम उठाया गया था। उस बात का फायदा 2 पीढ़ियों से नवी मुंबई की जनता को मिल रहा है। और आने वाले 2 पीढ़ियों तक मिलता रहेगा। 2005 में जब नैसर्गिक आपदा आई थी तब नवी मुंबई में बाढ़ की स्थिति निर्माण हुई थी। लेकिन उस समस्या से सीख लेकर शहर के नियोजन में इस प्रकार से व्यवस्था की गई कि अब तक नवी मुंबई को कितनी भी तेज बारिश हो सुकून से रहने का अनुभव मिल रहा है। यह एक हॉलमार्क है।

हमारे उद्योग का नाम एसएफसी एनवायरमेंटल टेक्नोलॉजी प्रा. लि. है। हमने 2004 में अपना उद्योग प्रारम्भ किया। वेस्ट वाटर को रीसायकल ट्रीटमेंट देकर शुद्ध पानी का निर्माण करना और वह पानी इंडस्ट्रियल उपयोग में लाया जा सके, इस प्रकार की प्रक्रिया करना हमारे उद्योग का मुख्य उद्देश्य है। आज कोपरखैरणे, एरोली में जो पानी रीसायकल हो रहा है उसमें हमारी संस्था का योगदान है। इस शहर को पानी की उपलब्धता करने में हमारा उत्कृष्ट योगदान है। हमारी संस्था की विशेषता यह है कि हमने कभी अपने व्यवसाय के उद्देश्य में कम्प्रोमाइज नहीं किया। केवल व्यवसाय के लिए हमने काम नहीं किया। हमारी संस्था के माध्यम से जो भी कार्य होता है उसका समाज को फायदा होना चाहिए। एक तो हम अच्छा काम करेंगे, नहीं तो नहीं करेंगे। हमारी इसी बात के कारण देश और विश्व द्वारा हमारी संस्था को स्वीकार किया गया है। हमने हमारा उद्योग नवी मुंबई से प्रारम्भ किया। अब भारत भर में 1000 के आसपास वॉटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट पर हमने काम किया है। भारत के बाहर अन्य देशों में हमारी संस्था के 150 के आसपास प्रोजेक्ट चल रहे है। टेक्नोलॉजी में हम कोई कम्प्रोमाइज नहीं करते। पर्यावरण का रक्षण हो, इसीलिए हम काम करते हैं। इस कारण हमें स्वीकार किया जा रहा है। नवी मुंबई के प्लांट वाटर हमारी कम्पनी ने 15 साल पहले दिए थे लेकिन आज भी वहां पर कोई तकनीकी समस्या आती है तो हम अपनी सेवा देते हैं। इसके लिए हम कोई चार्ज नहीं लगाते। यह हमारा दायित्व है, ऐसी हमारी धारणा है। एक तो हमारे प्लांट जहां बने हुए हैं वहां पर तकनीकी समस्या आती नहीं है, इस कारण हमें काम देने वाली संस्था का पैसा भी बड़ी मात्रा में बचता है।

नवी मुंबई का प्रोजेक्ट हमारा पहला प्रोजेक्ट था। वह हमारे दिल के करीब है, जिसने हमें विश्व मंच पर पहचान दी है। इसी के जैसा अच्छा और गौरवशाली प्रोजेक्ट हमने नागपुर में किया है। वहां पर हम 350 एमएलडी पानी रीसायकल करते हैं। वेस्ट वॉटर को ट्रीटमेंट करके वह पानी उद्योग संस्था के लिए उपयोग में आ रहा है। गोवा में सॉलिड वेस्ट पर भी हमारी संस्था ने बहुत बढ़िया काम किया है। 98% घनकचरा जो आता है उस पर प्रॉपर ट्रीटमेंट करके डिस्पोज किया जाता है। हमारा वह प्रोजेक्ट भारत देश में प्रथम क्रमांक का है। वहां पर हमने बायोडायवर्सिटी जोन क्रिएट किया है। करीबन 12000 वृक्ष लगाए हैं। गोवा में इस प्रकार के दो प्रोजेक्ट हैं। भारत भर में उसकी चर्चा एवं सराहना हो रही है। नवी मुंबई में वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट के लिए हमने बहुत बढ़िया कार्य किया है। लेकिन घनकचरा के निर्मूलन के लिए कार्य करने का मौका हमें मिला तो नवी मुंबई के विकास में हम अपना योगदान दे सकते हैं। यहां पर दिन में हजार टन के आसपास घनकचरा पैदा होता है।

नवी मुंबई की अच्छाई के बारे में बातें करते वक्त ज्यादातर लोग नवी मुंबई की तुलना विश्व के बड़े-बड़े शहरों से करते हैं। यह बात ठीक नहीं है। क्योंकि उनका कल्चर अलग है, उनके सोच-विचार अलग हैं। हमारी सोच अलग है। भारत और पाश्चात्य देशों की संस्कृति की तुलना नहीं हो सकती। हमारे यहां बार-बार कहा जाता है कि हमें सिंगापुर बनाना है, शंघाई बनाना है। यहां पर अच्छे या बुरे का सवाल नहीं है, बल्कि एक दृष्टिकोण होना आवश्यक है। सिंगापुर में क्या अच्छा है ऐसा मैं फिर से सवाल उठा रहा हूं। कुछ पोर्ट, एयरपोर्ट और बिल्डिंग के सिवाय वहां पर कल्चर की बात कहां है? शहर को आप किस आधार पर महसूस करेंगे? हमें अपने नवी मुंबई शहर को सिंगापुर या शंघाई जैसा करने की जरूरत नहीं है। हमारी जो संस्कृति है, जिस प्रकार की हमारी सोसाइटी है; उससे जुड़ी हुई हमारी जरूरतों कोे लेकर हमें अपने शहरों को बसाना है। हम शंघाई या सिंगापुर के पीछे क्यों दौड़ें? वैसे भारत पहले से विश्व में महान था, इसी कारण विश्वभर के आक्रमणकारी भारत की ओर आए थे। हां, विश्व के हर शहर में दो-चार अच्छी बातें होती हैं। उन अच्छी बातों को स्वीकार करते हुए हमें अपनी संस्कृति को ध्यान में रखकर नवी मुंबई शहर को बसाना चाहिए। लेकिन सिंगापुर शंघाई या विश्व के बड़े-बड़े शहरों को फॉलो करने की जरूरत हमें नहीं है। इसी प्रकार हमें अपने स्व को समझकर अपना विकास करना चाहिए। मेरे मन में विश्वास है कि विश्व को आदर्श शहर के मॉडल के रूप में हम नवी मुंबई को प्रस्तुत कर सकते हैं। यह बात हमारे नवी मुंबई शहर में है, यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।

नवी मुंबई में एयरपोर्ट बनने से यहां का पूरा माहौल बदलने वाला है। विश्व के बहुत सारे उद्योग नवी मुंबई की धरातल पर अपना बसेरा करने वाले हैं। वास्तविक रूप में मुंबई की बढ़ती आबादी को सहारा देने के लिए नवी मुंबई की निर्मिति हुई थी। नवी मुंबई में रहेंगे और मुंबई में जाकर नौकरी करेंगे। अब यहां का माहौल बदला हुआ है। यहां पर विश्व की सभी बड़ी औद्योगिक कम्पनियां अपना कार्य प्रारम्भ कर रही हैं। एयरपोर्ट आने के बाद इसमें और दुगुनी ब़ढ़ोत्तरी होने वाली है। अभी नवी मुंबई का व्यक्ति नवी मुंबई के बाहर नौकरी के लिए नहीं जाएगा। उसकी काबिलियत के अनुसार यहीं पर उसे नौकरी मिल जाएगी। गणेश नाईक और सम्पूर्ण नाईक परिवार नवी मुंबई को समर्पित है। उन्होंने नवी मुंबई के विकास के लिए बहुत बड़ी सकारात्मक दूरदृष्टि रखी। 50 साल बाद की बात सोचकर पानी का खुद का डैम खरीदना, साथ में जो पानी का स्रोत यहां पर है उसको रीसाइकलिंग करके शहर के विविध तरह के उपयोग में लाना और शहर के लिए 50 साल तक की पानी की व्यवस्था करके रखना; ये सारी बातें इनकी की हुई है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि है।

नवी मुंबई शहर ने मुझे बहुत कुछ दिया है। आज मैं जो भी कुछ हूं, नवी मुंबई शहर के कारण ही हूं। मैंने मेरा व्यवसाय यहीं से प्रारम्भ किया। अपने सारे काम करने के लिए मैं नवी मुंबई में आता हूं। मॉल में घूमना हो तो नवी मुंबई की भव्यता में आकर आनंद लेता हूं। फिल्म देखनी हो तो भी यहां के भव्य सिनेमा हॉल में अत्याधुनिक सिनेमा हॉल में आकर उस का आनंद लेता हूं। मुझे नवी मुंबई में बहुत आनंद का भाव महसूस होता है। यह मेरा शहर है। इसने मुझे पहचान दी है।

इनोवेशन नवी मुंबई का स्पिरिट है। दुनिया की सबसे अच्छी बात नवी मुंबई में महसूस होती है कि यहां की महानगरपालिका निजी संस्था की भांति काम करती है, सरकारी संस्थाओं की तरह नहीं। कहीं भी कुछ अच्छा दिखता है तो उसे नवी मुंबई में परिचालित किया जाता है। आने वाले भविष्य में नवी मुंबई की अच्छी बातें विश्व के बड़े-बड़े शहरों में परिचालित की जाएंगी, यह हमारा विश्वास है। हमें सबसे अच्छा करना है, सबसे बढ़िया करना है यह हमारी नवी मुंबई की फिलॉसफी है। नवी मुंबई शहर की आयु एक युवा की तरह है। एक युवा में जो ऊर्जा होती है, उत्साह होता है, इस प्रकार की ऊर्जा एवं उत्साह नवी मुंबई शहर में दिखाई दे रही है।

इस शहर को बसाने मे सिडको का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। सिडको इस शहर का जनक है। आप लोगों को आंखें दे सकते हैं लेकिन आप लोगों को दृष्टिकोण नहीं दे सकते। इस शहर के बारे में मैं जब सोचता हूं तो समझ में आता है कि इस शहर के नेतृत्वकर्ता गणेश नाईक के पास बहुत बड़ा सकारात्मक दृष्टिकोण था। वह राजनीति में आए और एकाएक बड़े हो गए, ऐसी कोई बात नहीं है। उनका इस शहर के प्रति समर्पण, इस शहर के पालक के रूप में शहर के विकास के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पहले से ही रहा है। जब वह शिवसेना में कार्यरत थे तब प्रत्येक नगर के लिए उन्होंने एंबुलेंस दी थी। उस समय के दूरदराज के गांवों में स्वास्थ्य को लेकर बहुत बड़ी समस्या थी। उन्होंने एक दृष्टिकोण रखा और सम्पूर्ण शहर के लोगों को स्वास्थ्य को लेकर राहत दे दी। मैंने जब भी उनको महसूस किया है तब मेरे ध्यान में एक बात आई है, इस व्यक्ति की दृष्टि बहुत हाई लेवल की है।

संजय नाईक, संदीप नाईक ये दोनों अपनी युवा दृष्टिकोण से गणेश नाईक के सपनों को प्रत्यक्ष रूप में लाने के लिए और इस शहर को दुनिया का सबसे बढ़िया शहर बनाने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। आज यह शहर बसा हुआ है उसका मुख्य कारण है कि गणेश नाईक जैसा एक सशक्त राजनीतिक नेतृत्व शहर के विकास के लिए अपना योगदान दे रहा है। उनके पास पॉलीटिकल विल और पॉलिटिकल विजन है। इसी के कारण यह सब हो रहा है। मैं शहर को गत 52 सालों से बसते हुए देख रहा हूं। सिडको और गणेश नाईक परिवार ने एक संकल्प लेकर इस शहर को इस बुलंदियों तक पहुंचाया है। इससे नवी मुंबई शहर वासियों का विश्वास बढ़ा है कि हम विश्व स्तर का कार्य कर सकते हैं। वी आर बेस्ट इन द वर्ल्ड, दिस इज द सिंबल ऑफ अवर ग्रोथ। हमें अब इस प्रकार के शहरों का भारत के अन्य राज्यों में निर्माण हो, ऐसा दृष्टिकोण रखना चाहिए।

                                                                                                                                                          – संदीप आसोलकर

                                                                                                                                लेखक एसएफसी एनवायरमेंटल प्रा. लि. के मैनेजिंग डायरेक्टर है।

 

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