मोदी सरकार के नवरत्न

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का कद तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। मोदी सरकार को सशक्त एवं स्थिर रखने में उनके सहयोगियों की अहम भूमिका है। इन्होंने अपने नेतृत्व गुणों से अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

लोकतंत्र में जनता अच्छे शासन के लिए समय-समय पर सरकार को चुनती है। अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव में लगभग 90 करोड़ मतदाता अपने मतों का प्रयोग करके भारत के लिए एक सक्षम और स्थिर सरकार चुनेंगे। पिछले 10 वर्षों से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार ने कई ऐसे ऐतिहासिक प्रतिमान स्थापित किए हैं जो पिछले कई दशकों में भी पिछली सरकारों ने प्राप्त नहीं किए थे। अपने कार्यकाल के दौरान  मैक्सिमम गवर्नेंस-मिनिमम गवर्नमेंट तथा सबका साथ-सबका विकास मूलमंत्र को आधार बनाकर मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में अनेक क्षेत्रों में कई आधारभूत सुधार किए जिसके परिणामस्वरुप 2047 तक विकसित भारत बनने की आधारशिला रखी गई है।

पिछले वर्ष के कार्यों का आंकलन करें तो मोदी सरकार के कुछ ऐतिहासिक निर्णय भारत के इतिहास में मील के पत्थर साबित हुए हैं, जैसे, जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाना हो, कोविड की विभीषिका से देश को मुक्त करना हो, अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाना हो, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो, अप्रासंगिक हो चुके सैकड़ों कानूनों को खत्म करना हो, न्याय व्यवस्था के संचालन के लिए नई संहिता लाना, जी20 की अध्यक्षता करनी हो, सभी क्षेत्रों में मोदी सरकार ने बड़े तथा कड़े निर्णय लिए। मोदी सरकार की विशेषता यह रही कि इसने एक टीम की तरह काम किया जैसा कि पूर्ववर्ती मनमोहन सरकार में नहीं दिखा था। प्रधान मंत्री मोदी के नवरत्नों में ना सिर्फ उनके सरकार के मंत्री हैं बल्कि प्रशासन तथा भाजपा संगठन के भी व्यक्ति शामिल हैं जिनके कारण इस सरकार ने पूर्व के सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त किया है।

अमित शाह : केंद्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री के तौर पर  मोदी सरकार में इनकी भूमिका देश के अंदर शांति बहाली तथा सहकारिता क्षेत्र को मजबूत करने में अहम रही है। 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 तथा 35ए समाप्त करके इस क्षेत्र को मुख्यधारा में जोड़ने का साहसिक कार्य किया। जिससे दशकों पुरानी समस्या का अंत हुआ। पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी हिंसक समूहों के साथ शांति वार्ता तथा समझौता किया गया, जिससे इस क्षेत्र में भी शांति स्थापित हुई। देश के अंदर भी आतंकी घटनाओं को लगभग समाप्त कर दिया है। जिसके कारण देश के अंदर विकास, निवेश तथा पर्यटन के लिए अनुकूल माहौल बना है।

एस. जयशंकर: विदेशों के साथ सम्बंधों के मामले में मोदी सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड काफी शानदार रहा है। युद्धरत क्षेत्रों से भारतवासियों को निकालना हो या वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होने के बावजूद भारत की आवश्यकताओं के अनुसार आपूर्ति सुनिश्चित करानी हो, जयशंकर ने सफल कूटनीतिज्ञ की भूमिका निभाई है। यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक दबावों को धता बताकर खुलेआम अपने हितों की पैरवी करना हो या फिर सुपर पावर अमेरिका के साथ रिश्तों को साधना, मोदी सरकार में भारतीय विदेश नीति ने एक नए आयाम को छुआ है। यूरोप तथा प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ सम्बंधों का विस्तार करना हो या पाकिस्तान तथा चीन जैसे देशों के साथ कूटनीतिक रूप से निपटना हो, पिछली सरकारों की तुलना में मोदी सरकार की विदेश नीति काफी सक्रिय रही है।

राजनाथ सिंह: मोदी सरकार में रक्षा क्षेत्र के ढांचागत विकास तथा आधुनिकीकरण पर विशेष बल दिया गया है। उत्तर तथा उत्तरपूर्वी सीमाओं पर बॉर्डर रोड आर्गेनाईजेशन के द्वारा सड़कों तथा टनल के निर्माण से भारत की अग्रिम रक्षा पंक्ति मजबूत हुई है। रक्षा क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन ने भारत को चौतरफा सशक्त किया है। पाकिस्तान के अंदर सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर एयर स्ट्राइक या फिर एलएसी पर चीन से निपटना हो, मोदी सरकार में भारत का एक नया रूप देखने को मिला है। भारत अब सिर्फ हथियार आयातक देश ना रहकर अब हथियारों का निर्यातक देश बन रहा है, जिससे भविष्य में भारत की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

निर्मला सीतारमण: मोदी सरकार के नेतृत्व में भारत दुनिया में सर्वाधिक तेजी से बढ़ता हुआ बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक काल है। पस्त पड़ चुकी विकास दर, भारी महंगाई और उत्पादन में कमी के दौर से भारत को उबारते हुए मोदी सरकार ने ना सिर्फ मैक्रो-इकोनॉमिक फंडामेंटल्स को मजबूत किया, बल्कि अर्थव्यवस्था को एक तेज रफ्तार विकास पथ पर ले आई। भारत की जीडीपी विकास दर तेजी से ऊपर चढ़ते हुए 8.4% हो गई है, जो दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है। मोदी सरकार ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अंतर्गत भारत में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है जिसके अंतर्गत ना सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी तेजी से विस्तार किया जा रहा है।

नितिन गडकरी: प्रधान मंत्री मोदी के कार्यकाल में सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को नितिन गडकरी ने नया जीवन दिया है। नितिन गडकरी ने देश भर में हाईटेक हाइवेज के नेटवर्क को लगातार बढ़ाया है। देश में 2014 में जहां 11.6 किलोमीटर हाईवे हर दिन बनती थी, वहीं अब यह औसत बढ़कर 41 किलोमीटर तक पहुंच गया है। आज देश में सड़क नेटवर्क करीब 1,45,240 किलोमीटर है, जबकि वित्त वर्ष 2013-14 में यह सिर्फ 91,287 किलोमीटर ही था। नितिन गडकरी देश में हाईवेज पर दुर्घटना रोकने और ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं। टोल टैक्स के मामले में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 में देश को 4470 करोड़ रुपए टोल टैक्स से मिलता था, वहीं छक-ख को अब 41342 करोड़ों रुपए टोल से मिलता है। नितिन गडकरी ने हाल ही में बताया कि देश भर में जो नए हाईवे बनाए जा रहे हैं, उसमें यह कोशिश की जा रही है कि पेड़ों को कम से कम नुकसान हो। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अनुसार देशभर में 68000 पेड़ ट्रांसप्लांट किए गए हैं, जबकि 3 करोड़ से ज्यादा नए पेड़ों को लगाया गया है।

जगत प्रकाश नड्डा: मजबूत तथा देशव्यापी संगठन सरकार के कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जे.पी. नड्डा के कार्यकाल में भाजपा संगठन के द्वारा ‘राष्ट्र-प्रथम’ की विचारधारा का विस्तार करना भी मोदी सरकार की मजबूती का आधार है। कैडर तथा विचारधारा आधारित राजनीतिक दल होने के कारण आज भारतीय जनता पार्टी विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। इसने ना सिर्फ देशवासियों को अपनी तरफ आकर्षित किया है बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतवासियों में भी अपनी पकड़ मजबूत की है। जे.पी. नड्डा के नेतृत्व में अब भाजपा विदेशी सरकारों तथा वहां के राजनीतिक दलों से भी संवाद स्थापित कर रही है, जिससे भविष्य में वैश्विक लोकतंत्र की मुहिम को मजबूती मिलेगी।

अजित डोभाल: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की भूमिका में अजित डोभाल मोदी सरकार का अहम हिस्सा हैं। इनकी रणनीतिक सूझ-बूझ के कारण भारत आतंरिक तथा बाह्य स्तर पर सुरक्षित रहा है। आतंकी घटनाओं में कमी तथा सीमा पार से आतंकी सप्लाई पर इन्होंने नियंत्रण स्थापित किया है। पश्चिमी देशों में पनप रहे खालिस्तानी आतंकी विचार तथा संगठनों पर भी बड़ी कुशलता से नकेल कसी है। पिछले वर्षों में कई प्रमुख सैन्य कार्रवाईयों में इनकी रणनीति का सबने लोहा माना है।

अश्विनी वैष्णव: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रौद्योगिकी के साथ भारत को बदलने के दृष्टिकोण के अनुरूप भारतीय रेलवे का हर पहलू और आयाम भी बदल रहा है। भारतीय रेलवे की सुविधाओं में समय के साथ बदलाव हो रहा है। यात्राओं की दूरी में लगने वाले अधिक समय को कम कर तेज गति की ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं। पिछले एक दशक में रेलवे क्षेत्र के विकास का अवलोकन करें तो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल चिनाब पुल और कोलकाता मेट्रो के लिए नदी के नीचे जल सुरंग जैसे महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। भारत ने पिछले साल रेलवे के 5,200 किलोमीटर ट्रैक बिछाए थे और इस साल 5,500 किलोमीटर और बढ़ाने की योजना है। प्रधान मंत्री मोदी ने रेलवे के बजट को कई गुना बढ़ा दिया है, पहले जहां बजट में 15-15 हजार करोड़ मिलता था, उसको बढ़ाकर दो लाख 52 हजार करोड़ किया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया: पिछले 10 वर्षों में प्रधान मंत्री मोदी के नेतृत्व में एयरपोर्ट की संख्या दोगुनी हुई है। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में बताया कि भारत दुनिया का तीसरा बड़ा एविएशन सेंटर बन गया है। पिछले 65 वर्षों में 74 हवाई अड्डों की तुलना में, मोदी सरकार ने तेजी से आधुनिकीकरण किया है और 75 नए हवाई सेवा से सम्बंधित केन्द्रों को जोड़ा है। 2030 तक यह संख्या 149 नए केन्द्रों को मिलाकर कुल 200 से ऊपर होने की उम्मीद है। भारत का घरेलू हवाई यात्री यातायात 2023 में 153 मिलियन है जो 2030 तक 300 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो लगभग दोगुना होगा।

ढांचागत तथा आधारभूत संरचनात्मक विकास देश के रीढ़ की हड्डी होती है। प्रधान मंत्री मोदी ने इस क्षेत्र पर विशेष जोर दिया है। इस क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान देने के लिए टीम मोदी की ‘त्रिमूर्ति’ नितिन गडकरी (सड़क) अश्विनी वैष्णव (रेल) तथा ज्योतिरादित्य सिंधिया (वायु क्षेत्र) की अहम भूमिका है।

इस प्रकार प्रधान मंत्री मोदी की टीम ने उनके नेतृत्व में अभूतपूर्व काम किया है जिसके कारण भारत आज विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और 2027 तक 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनकर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। साफ-सुथरी तथा पारदर्शी सरकार के कारण आज देश के सभी नागरिकों का विश्वास मोदी सरकार पर बढ़ा है जिससे सबका साथ तथा सबका विकास से आगे बढ़कर अब यह सबका विश्वास एवं सबका प्रयास के मंत्र के साथ भारत के अमृत काल में प्रवेश कर रहा है, जहां अगले दो दशकों में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य प्राप्त करना है।

                                                                                                                                                                                     डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव 

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