हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result
मोदीजी नीयती आप से कुछ चाहती है

मोदीजी नीयती आप से कुछ चाहती है

by अमोल पेडणेकर
in देश-विदेश, राजनीति, विशेष, सामाजिक
0

 

14 फरवरी यह दिन संपूर्ण भारत और भारत के निवासियों के लिए अत्यंत दु:खद और सदमें से भरा हुआ रहा। भारतीय सीआरपीएफ के जवानों को जम्मू से श्रीनगर ले जा रहे बसों के काफिले पर आतंकवादियों ने भीषण घातक हमला किया। आरडीएक्स जैसे विस्फटकों से लदी हुई कार को सैनिकों की वाहन से टक्कर मार दिया। जिसमें अब तक 42 जवानों की दर्दनाक मृत्यु हो गई। इसे दर्दनाक इसलिए कहा जा रहा है। भारतीय जवानों का मृतदेह छिन्न-विछिन्न अवस्था में पूरे परिसर में पसरा हुआ है। एक भी मृत जवान की ठीक से पहचान नही हो सकती है। इस प्रकार की स्थिती है। फिदायीन हमला करने वाले आंतकवादी का हमला करने के पहले किया गया विडियो चित्रीकरण मीडिया पर प्रस्तुत हुआ है। हमला करने से पहले फिदायीन आतंकवादियों ने जो बात कहीं है उन बातों को गंभीरतापूर्वक पहले समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। वह फिदायीन हमलावर कहता है, “पूरे हिंदुस्तान के लोगों, गौर से सुनो और जान भी लो हम तुम्हें ऐसे निपटाने वाले है,जिसका मुकाबला करना तुम्हारे बस की बात नहीं हैं।” यह बात कहते हुए भारत में हुए पूर्व हमले की लिस्ट ही वह आंतकवादी अपने वक्तव्य में स्पष्ट करता है। “हम पहले भी तुम्हे ऐसे गहरे जख्म दे चुके है, जिसका भरना अब तक मुमकिन नही हुआ है।” इस बात को स्पष्ट करते हुए मुजाहिदीन आतंकवादी कहता है “ IC 814 इस विमान के हायजॅक से लेकर संसद के हमले तक, पठानकोट एअर बेस हमले से लेकर पुलगामा पोलिस लाइन के दर्दनाक हमले तक हमारे स्नाइपरों की गोलियों से छन्नी हुए तुम्हारे खोपड़ियों तक, हम पहुंचे है। बहुत सारे ऐसे डरावने ख्वाब है जो तुम भारतीयों की नींदे हराम करते रहेंगे। हम हाथ जोड़ने के बजाय बहुत जल्द ही तुम्हारे हाथ तोड़ के फेंकेगे, मैंने अपने जान का नजारा पेश करके  इस्लाम के प्रति अपना कर्ज अदा कर दिया है। मुझ जैसे और हजारों तुम्हारी तबाही कर के अपनी मंजिल को पाने के लिए तैयार बैठे है।”

फिदायीन हमला करने से पहले जैसे मोहम्मद के आतंकवादी ने ये जो बातें कही है,इन बातों में उनका मकसद, उनका इतिहास वह बयां कर रहे है और भविष्य में वह आतंकी संघटन क्या करना चाहते है? यह बात स्पष्ट रूप से सामने आती है।

      फिदायीन हमला होने के बाद देश भर में सभी के मन में एक गुस्से का प्रलय सा आया हुआ है, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया,सोशल मीडिया, जहां- जहां लोग मिल रहे है वहा-वहा भारतीय सैनिको के साथ आतंकवादीयो ने किये हुये व्यवहार के संदर्भ में अत्यंत कठोर प्रतिक्रिया है। संपूर्ण देश इस घटना का आतंकवादीयों और पाकिस्तान से बदला चाहता है। इस घटना के बाद एक बात सामने आ रही है। हमारे नेता और लश्कर से जुड़े अधिकारी, ‘कश्मिर में आतंकवादी गतिविधियों को हमने खत्म करने का प्रयास किया है।’ इस प्रकार की बातें भारतीय जनता के सामने इस हमले से पहले दोहराते रहते है। लेकिन इस आतंकी हमले के बाद जो चित्र दुनिया के सामने आया है वह तो बहुत भयानक है।

एक आतंकी संगठन के पास देश के लश्कर पर इस प्रकार से भीषण हमला करने का साहस कैसे आता है? इस प्रकार के हादसे के लिए जो 300 किलो के आसपास आरडीएक्स इकट्टा किया गया। इस प्रकार के विस्फोट करने के लिए जो टेक्नोलॉजी आवश्यक होती है, उस टेक्नोलॉजी के लिए विभिन्न रसायनों की जरूरत होती है। वह सब बातें संभव कैसी हो गई? देश के इंटेलीजन्स ने पुर्व सुचना दी थी कि इस प्रकार का हमला होने की आशंका है। इस बात को नजरअंदाज क्यों किया गया? इन सब बातों का एक ही उत्तर है। हम सिर्फ बोलते रहे। इस प्रकार की घटना ना घटे इसके लिए जो इंतजाम हमें करने है, वह इंतजाम करने में अपनी असमर्थता दुनिया के सामने आई है। आज देश में जो रोष है,वह स्वाभाविक है। यह रोष पूरे भारत वर्ष में राष्ट्र भावना की ज्वार के उबाल को दिखा रहा है। इस राष्ट्रभावना के उबाल को देखते हुए मन में एक विषय आता है। जो हमारे आज तक के अनुभव पर आधारित है। जब देश में कोई आतंक की घटना होती है, पाकिस्तान के साथ मैच जीती जाती है। ऐसे समय में हमारी राष्ट्रभावना को यकायक उबाल आता है। और फिर कुछ दिनों में वह उबाल शांत हो जाता है। अभी इस घटना के बाद भी संपूर्ण देश में गुस्से का माहौल है। जगह-जगह पर श्रद्धांजली सभाए ली जाएगी। भाषण होगें, मीडिया पर मृत सैनिको के परिवारों का विलाप दिखाया जाएगा। बस..

     आज कश्मिर में सैनिकों पर पत्थरबाजी करते हुए कश्मीरी युवाओं पर जब पाबंदी लगाने के लिए सैनिक कार्रवाई होती है, लश्कर के वाहनो के काफिले में पब्लिक वाहन लाने पर पाबंदी होती है। ऐसे समय में भारत के सोकॉल्ड मानवतावादी ,सेक्युलर नेता और राजनैतिक व्यक्तियों के माध्यम से भारत सरकार के इस निर्णय को बदलने के लिए आंदोलन करते है। जिसके कारण भारतीय सैनिको की जान हर समय खतरे में होती है। ऐसी गलत बातों को अमल में लाने के लिए ये मानवतावादी और उनकी सहयोगी मीडिया काम करती है। आज दुख की घड़ी है, पर इस दु:ख की घड़ी में हमे बहुत गहरा सबक दिया है। उस सबक को ध्यान में रखते हुए आतंकवादियों को सहायक हो सके ऐसे कर्तुत्व करनेवाले मानवतावादी तथकथित कार्यकर्ता,उनको सहायक होनेवाली मीडिया और नेताओं को देशद्रोही करार देनेवाला कानून हम कर सकते है?

यह आतंकी घटना होने से पहले जो वक्तव्य जैसे मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े हुए फिदायीन हमलावर ने की है, उसने जो बात कही है उस बातों में इतिहास, वर्तमान और भविष्य में हम भारत की नींद हराम करते रहेंगे,इस प्रकार की भाषा की है। इस भाषा को ध्यान में लेना चाहिए। यह बात अत्यंत आवश्यक है। इस आतंकी घटना में कश्मिर से जुड़े आतंकी संगठन का हाथ प्रत्यक्ष रूप में दिखाई दे रहा है। लेकिन यह बात अत्यंत स्पष्ट है कि, इस आतंक के दु:साहस के पिछे पाकिस्तान के नापाक करतूत भी है। हमें आज दोहरी लडाई लड़नी है। एक कश्मिर के आतंकियों को निपटाना अत्यंत आवश्यक है। कश्मिर की आतंकवादी गतिविधियों से निपटते समय लश्कर को खुली छूट देना अत्यंत आवश्यक है। साथ में आज कंगाल होते जा रहे पाकिस्तान में कभी भी दरार पड़ सकती है। आज पाकिस्तान चार हिस्सों में बंटने के कगार पर आकर खड़ा है। आर्थिक मंदी की मार झेल रहा पाकिस्तान, दर-दर पर भिक्ष्या की कटोरी लेकर घुम रहा है। ऐसे पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए एक जोर के झटके की आवश्यकता है।अत्यंत सोच-समझ के साथ पाकिस्तान को दिया हुआ एक भी झटका उसकी तबाही के लिए काफी हो सकता है। यह झटका देते समय अंतर्राष्ट्रीय नीतियों को ध्यान में रखकर देना अत्यंत आवश्यक है। इसमें मोदी सरकार की कूटनीतियों की परिक्षा भारतीय जनता के सामने आ जायेगी।

नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होने के पहले इस प्रकार की कोई भी घटना होने पर अपने भाषण में कहते थे, “दो की जगह बीस का जवाब देना चाहिए।” मोदीजी पूरा देश आज आपसे चालीस की जगह चार सौ का जबाब चाहता है। एक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान का आतंकी स्वभाव बदल जायेगा अथवा आतंकवादी अपनी राह छोड़ेंगे, इस प्रकार की समझ को पालना अत्यंत गलत बात है। राष्ट्र के इतिहास में उत्तर को प्रतिउत्तर मिलता ही रहेगा। एक सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान की टेढ़ी  पुंछ सीधी हो जायेगी,ये धारणा अत्यंत गलत है।

नीयती ने भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी को इस घटना के बाद एक मौका दिया है। उस मौके का इस्तमाल कर के नरेंद्र मोदी सरकार संपूर्ण विश्व के सामने समर्थ भारत को पेश करेंगे? हम भारतीयों का अनुभव है, जब भारत का सर्वोच्च स्थान संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ था,उस हमले के बाद इसी प्रकार से राष्ट्रभक्ती का ज्वार भारतीय जनता में, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया,प्रिंट मीडिया, और नेताओ में भी दिखाई दिया था। लेकिन कुछ समय बाद यह गुस्सा बेअसर हो गया था। जब इस प्रकार के जबाब बेअसर होते है तभी ऐसे क्षण में आतंकवादियों का आतंक असरदार होने लगता है। मोदीजी नीयती ने आपको एक मौका दिया है,पाकिस्तान का भुगोल बदल डालो और देश का नया इतिहास लिख डालो।मोदी जी भारत की नियती आपसे कुछ चाहती है।

 

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: hindi vivekhindi vivek magazineselectivespecialsubjective

अमोल पेडणेकर

Next Post
उल्लू की झूठी शान ने ली परम मित्र की ‘जान’ 

उल्लू की झूठी शान ने ली परम मित्र की 'जान' 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0