कांग्रेस के लिये मुसीबत बनते चिदंबरम!
चिदंबरम के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी करना भी सीबीआई का आश्चर्यजनक कदम था ,परंतु सीबीआई को यह विकल्प चुनने के लिए दरअसल चिदंबरम ने ही विवश किया।
चिदंबरम के विरुद्ध लुक आउट नोटिस जारी करना भी सीबीआई का आश्चर्यजनक कदम था ,परंतु सीबीआई को यह विकल्प चुनने के लिए दरअसल चिदंबरम ने ही विवश किया।
लोकसभा चुनाव की मतगणना की तारीख के ठीक एक सप्ताह बाद केंद्र में मोदी सरकार का दुबारा गठन हो गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में एक भव्य कार्यक्रम में पीएम मोदी एवं उनके मंत्रियों को शपथ दिलाई।
कांग्रेस को एकदम ’जीत गए, जीत गए’ के मोड में नहीं आ जाना चाहिए और यह भी मानने की ज़रूरत नहीं है कि तीन राज्यों की ही तरह दूसरी जगहों पर भी लोग भाजपा से निराश होंगे और कांग्रेस को जीत दिला देंगे। इसी तरह, भाजपा को भी यह नहीं…
प्रधानमंत्री मोदी में देश में बदलाव लाने की ललक, ऊर्जा एवं स्फूर्ति, कठिन चुनौतियों से निपटने का साहस वैसे ही बरकरार है। विपक्ष ने उनके विरोध में मुसीबतें खड़ी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन उन्होंने बखूबी उसका सामना किया और सबसे लोकप्रिय राजनेता के रूप में बने हैं।
गुजरात चुनाव में प्रधान मंत्री मोदी का करिश्माई नेतृत्व और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाही का रणनीतिक कौशल काम आया, अन्यथा कांग्रेस के नेतृत्व में विरोधियों के हुए जमावड़े का कड़ा सामना करना संभव न होता. परिणामों ने कांग्रेस में नई जान फूंक दी है, देखना है कि यह उत्साह कब तक और कितना कायम रहेगा.
अगर किसानों का आक्रोश शांत नहीं हुआ तो इसका असर अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों पर भी पड़ने के संकेत हैं। भाजपा सरकार को इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करने के साथ ही किसानों के हितों की चिंता करनी होगी तभी किसान खुश होगा और उसके सत्तासीन होने की भी उम
बचपन में रेलगाड़ियों में कभी चाय बेचनेवाले नरेन्द्र मोदी आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता और गरीबी से प्रधानमंत्री तक की उनकी जिंदगी की कहानी भारत के उदय की गतिशीलता और क्षमता को परिलक्षित करती है। भारत के राजनीतिक क्षितिज पर देदीप्यमान नक्षत्र के
हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में मिली सफलता के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह बहुमत हासिल किया है उससे कहीं न कहीं पार्टी का मनोबल भी बढ़ा दिया है। उत्तर प्रदेश में तो परिणामों ने भाजपा के लिए चमत्कारिक काम किया है। इससे सबसे अधिक
उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा एवं मणिपुर में जल्द ही राज्य विधान सभा चुनावों की प्रक्रिया प्रारंभ होने जा रही है और चूंकि ये चुनाव केन्द्र की मोदी सरकार को नोटबंदी की घोषणा के महज तीन महीनों के अंदर ही कराए जा रहे हैं इसलिए भारतीय जनता पार्टी के
दक्षिण भारत की राजनीति व फिल्मों में आए कुछ चर्चित चेहरे जनता के दिलों में ऐसे बैठ गए कि वह उनको कभी भुला न पाई यहां तक कि उनके नाम की ही हर जगह जयजयकार होने लगी| हाल ही में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता की मौत की खबर जैसे ही जनता को लगी तो कानून व व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने लगी|
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधान सभा चुनावों से पहले केन्द्र सरकार द्वारा की गई नोटबंदी को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है और कई राजनीतिक दल इसे चुनावी फायदे के लिए उठाया गया कदम बताने में जुट गए हैं। हालांकि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी इसे देशहित म
गांवों की वर्तमान स्वरूप की पंचायतें जनता की पंचायतों का स्थान ले ही नहीं सकतीं| इस व्यवस्था में सुधारों की आवश्यकता है| इन सुधारों का लक्ष्य जनता की उत्पादन के साधनों एवं राजकाज में सक्रिय भागीदारी होना चाहिए| मौका पड़ने पर जनप्रतिनिधि को वापस बुलाने का भी अधिकार होना चाहिए| इसीसे पंचायत राज व्यवस्था मजबूत होगी|