महालक्ष्मी मंदिर के सेवा कार्य

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महालक्ष्मी मंदित के माध्यम से दो प्रकार के कार्य किए जाते हैं। धार्मिक कार्य तथा सेवा कार्य। धार्मिक कार्यों में देवी की पूजा, अर्चना, नवरात्र उत्सव, अश्विन और माघ मास में उत्सव आदि होते हैं। उत्सवों में विभिन्न कार्यक्रम किए जाते हैं। मंदिर के द्वारा किए जानेवाले सेवा कार्य भी बहुत हैं। मंदिर के माध्यम से प्रतिवर्ष 8 से 9 हजार विद्यार्थियों को स्कॉलरोशप दी जाती है।

‘पहलवान पैठणी’ का तो कोई सानी नहीं

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पैठणी अर्थात साड़ियों की महारानी और महाराष्ट्र के नासिक जिले का येवला शहर उत्तम और बेहतरीन पैठणी मिलने वाला शहर। येवला महाराष्ट्र के चार जिलों नासिक, औरंगाबाद, धुलिया तथा अहमदनगर से जुड़ा हुआ है। येवला शहर में पिछले 200 सालों से पहलवान परिवार पैठणी साड़ी का व्यवसाय कर रहा है। उनके इस पारम्परिक व्यवसाय के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे प्रतिनिधि प्रशांत मानकुमरे ने रमाकांत विट्ठल पहलवान तथा उनके सुपुत्र मनीष रमाकांत पहलवान से विशेष बातचीत की। प्रस्तुत हैं उसके कुछ प्रमुख अंश।

इनर लाइन परमिट

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स्वतंत्र भारत का हिस्सा है, फिर भी वहां से मिजोराम, नागालैण्ड और अरुणाचल प्रदेश में जाने के लिए इनर लाइन परमिट (आंतरिक यात्रा अनुमति पत्र) लेना पड़ता है। यह सिर्फ सुनने के लिए आसान है, पर यह परमिट प्राप्त कर

भक्ति कला क्षेत्र का अद्भुत संगीत

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मेरे जीवन में आए बदलाव में ‘इस्कॉन’ संगीत का अत्यंत मौलिक योगदान है। संगीत ध्यान है। साथ ही जीवन को सकारात्मक रूप में परिवर्तित करने का साधन भी है। मैंने इस संगीत को जब पहली बार सुना, साधकों को ‘हरे राम....हरे कृष्ण....हरे हरे’ की धुन पर झूमते देखा तब मैं उनकी ओर खिंचता चला गया। -मधुसूदन सिंगड़ोदिया

सौ साल का जायका – बेडेकर

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‘बेडेकर’ नाम जनमानस में इस तरह से बैठ गया है कि उच्चारण करते ही अचार और मसाला स्मरण हो आता है। वस्तुत: बेडेकर अचार व मसाला का समानार्थी शब्द हो गया है। यह गौरव का विषय है कि विगत एक शताब्दी से एक उद्योग के रूप में बेडेकर लोकप्रियता में दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है।

कर्मवीर सुजय कुलकर्णी

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सुजय कुलकर्णी इस समय आशिदा में सबसे कम आयु के डायरेक्टर हैं। उनका पूरा परिवार उच्च शिक्षा प्राप्त है। बड़े भाई श्री सुयश कुलकर्णी हार्डवेयर कम्प्यूटर इंजीनियर हैं। उन्होंने आशिदा का रिले डेवलप किया था। अपने बड़े भाई का प्रभाव सुजय कुलकर्णी पर बहुत गहरा पड़ा।

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