छोटे खेतिहर किसानों से सशक्त होता कृषि क्षेत्र

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भारतीय कृषि हमारी संस्कृति की तरह विविधता से परिपूर्ण है। छोटी खेती और उसकी अंगभूत बहुजातीयता भारतीय आधुनिक खेती के लिए हितकारी है। छोटे स्तर पर मिश्र खेती हमारी शक्ति है। भारत में प्रति वर्ष एकक क्षेत्रफल में कुल कृषि उत्पादन विश्व में सर्वाधिक है। एफएओ के अनुसार विश्व की छोटी खेती मात्र 12% भाग पर होती है लेकिन 35% अन्न उत्पादन करती है।

सिक्किम में जैविक खेती एक भुलावा

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जैविक खेती के प्रति अति मोह और राजनीतिक स्टंटबाजी के कारण सिक्किम में अनाज उत्पादन बहुत तेजी से घटता चला गया। राज्य को दूसरे राज्यों से बड़े पैमाने पर अनाज लाना पड़ता है। बढ़ती आबादी के संदर्भ में इस स्थिति पर गौर और पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

खेती पर बल, केंद्र में किसान

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कृषि व संबद्ध क्षेत्रों को लेकर मोदी सरकार की पूरी कोशिश यही है कि किसान परेशान नहीं रहे। इसीको ध्यान में रखते हुए आम बजट 2018-19 के केंद्रबिंदु में किसानों को रखा गया। इरादा है सन 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना।

कृषि में मूल्यवर्धित उत्पादों का बड़ा हिस्सा

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देश में ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ही साथ ‘ग्रो इन इंडिया’ अभियान चलाए जाने की भी आवश्यकता है जो कि पूरी तरह कृषि उत्पादन एवं उसके व्यापार पर केंद्रित हो। आज भी अनाजों के मुकाबले अन्य मूल्यवर्धित उत्पादों का कृषि जीडीपी में बहुत बड़ा हिस्सा है।

खेती का सच

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वर्तमान समय में भारतीय कृषि हरित क्रांति के समय की अपेक्षा ढांचागत स्तर पर अलग तथा मजबूत है। यहां कुछ ऐसा है जो हमें भारतीय कृषि के प्रति आशान्वित करता है। जर्मनी की राजनीतिक विज्ञानी एलिजाबेथ नेवेल नुमानन ने ‘चुप्पी का वर्तुल‘ नामक सिद्धांत पेश किया है, जिसका माने है…

२०२२ तक किसानों की आय दुगुनी

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२०२२ तक किसानों की आय दो गुना करने के लिए उत्पादन के बजाय खपत पर ध्यान देना होगा| इसके लिए ढांचागत सुधारों और देश-विदेश में आक्रामक विपणन पर ध्यान देने की जरूरत है| कृषि को भारतीय अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बनाने के लिए आवश्यक है कि आयात को कम किया जाए तथा निर्यात बढाया जाए|

कृषि को भी समुचित महत्व दें

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सम्पूर्ण व्यावसायिक निर्यात की वैश्विक रैंकिंग में बुरी तरह से पिछड़ते हुए भारत का १९ वां स्थान है वहीं कृषि उत्पाद के निर्यात के मामले में आश्चर्यजनक रूप से छठा स्थान है। वित्तीय साक्षरता की ही भांति हर भारतीय के लिए कृषि का ज्ञान होना भी आवश्यक है।विगत व

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