वृथा है पश्चिमवालों की नकल करना
हम लोगों को अपनी प्रकृति के अनुसार ही अपनी उन्नति करनी होगी। विदेशी संस्थाओं ने बलपूर्वक जो कृत्रिम प्रणाली हम ...
हम लोगों को अपनी प्रकृति के अनुसार ही अपनी उन्नति करनी होगी। विदेशी संस्थाओं ने बलपूर्वक जो कृत्रिम प्रणाली हम ...
भारतीय राष्ट्रभाव अतिप्राचीन है। इसका मूल आधार हिन्दू संस्कृति है। सम्प्रति हिन्दू राष्ट्र पर विमर्श है। हिन्दू संस्कृति के कारण ...
भारतीय साहित्य का जहाँ से उद्गम हुआ, वह स्रोत निर्विवाद रूप से वेद है। वेद आर्ष काव्य की श्रेणी में ...
5000 साल पहले ब्राह्मणों ने हमारा बहुत शोषण किया ब्राह्मणों ने हमें पढ़ने से रोका। यह बात बताने वाले महान ...
"असुर", "मनुष्य" और "देवता" देखने में एक ही आकृति के होते हैं । अंतर उनकी प्रकृति में होता है। ...
सूर्य सभी राशियों पर संचरण करते प्रतीत होते हैं। वस्तुतः पृथ्वी ही सूर्य की परिक्रमा करती है। आर्य भट्ट ने ...
जीव की प्रेतवत् अवस्था, पंचप्राणों एवं उपप्राणों के स्थूल देह संबंधी कार्य की समाप्ति दर्शाती है । जिस समय जीव ...
जाने वेदों में रत्ती भर भी मिलावट क्यों नहीं हो सकी ? जब कोई सनातनी ये बताने की कोशिश करता ...
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