बेटे बेटियों पर निगरानी, संस्कार से जोड़ने की जरूरत
देश की राजधानी दिल्ली से अक्सर क्रूरतम घटनाओं के समाचार आते हैं। कभी बेटी तंदूर में जलाई जाती है, कभी निर्भया काँड होता है, कभी छत्तीस टुकड़े किये जाते और अब कार में फँसा कर 12 किलोमीटर तक घसीटा गया है । ये घटनाएँ केवल संबंधित परिवारों को ही दर्द…