के. जी. बालकृष्ण आयोग : विचारों का क्रियान्वयन

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बाबासाहेब ने हिंदू दलितों के उत्थान और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए आरक्षण का प्रावधान दिया लेकिन उसका लाभ उसके मूल वर्ग को मिलने की बजाय उन्हें मिल रहा है जो अन्य धर्मों में मतांतरण कर चुके हैं। के. जी. बालकृष्ण आयोग उन्हें उनका खोया अधिकार…

पुनर्विचार करे दलित युवा

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बाबा साहेब ने संविधान में देश के हर व्यक्ति के उत्थान को महत्व दिया। हजारों वर्षों से दबे-कुचले दलित समाज को आगे बढ़ने के लिए विशेष अधिकार दिलवाए लेकिन दलित समाज में आगे चलकर ऐसे अगुआ बहुत कम हुए जो उनकी शिक्षा पर ध्यान दे सकें, बल्कि अधिकतर लोग उनके…

सामाजिक न्याय के नैतिक प्रश्न और आंबेडकर

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आज जब भारतीय जनता पार्टी डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती के उपलक्ष्य में सामाजिक न्याय पखवाड़े मना रही है, तब मन में यह विचार आता है कि सामाजिक न्याय के मामले में भारतीय जनमानस की अवधारणा क्या है। इस विषय पर यदि गहरी दृष्टि डाली जाए तो हम तय कर…

बाबा साहब और धम्म

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‘मनुष्य’ को ही केन्द्र में रखा। उन्होंने कर्मकाण्ड रहित धम्म को ही स्वीकार किया और देश बाह्य धर्मों को नकार दिया। तथागत द्वारा बताए गये मार्ग पर चलते हुए समाज और मनुष्य को जोड़ने का कार्य किया।

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