पूरा जीवन राष्ट्र और संस्कृति रक्षा को समर्पित

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जिस प्रकार प्रातःकालीन सूर्योदय के लिये करोड़ो पलों की उत्सर्ग होता है उसी प्रकार भारत राष्ट्र की स्वतंत्रता के लिये भी करोड़ो जीवन के बलिदान हुये हैं । कुछ नाम सामने आ रहे हैं पर असंख्य नाम अज्ञात के अंधकार में कहीं खो गए। कुमाऊँ केशरी बद्रीदत्त पांडेय भी ऐसे…

स्वतंत्रता के साधक बाबा गंगादास

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1857 के भारत के स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले बाबा गंगादास का जन्म 14 फरवरी, 1823 (वसंत पंचमी) को गंगा के तट पर बसे प्राचीन तीर्थ गढ़मुक्तेश्वर (उ.प्र.) के पास रसूलपुर ग्राम में हुआ था। इनके पिता चौधरी सुखीराम तथा माता श्रीमती दाखादेई थीं। बड़े जमींदार होने के…

भारत कोकिला सरोजिनी नायडू

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1917 से 1947 तक स्वाधीनता समर के हर कार्यक्रम में सक्रिय रहने सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को भाग्यनगर (हैदराबाद, आंध्र प्रदेश) में हुआ था। वे आठ भाई-बहिनों में सबसे बड़ी थीं। उनके पिता श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय वहां के निजाम कॉलेज में रसायन वैज्ञानिक तथा माता श्रीमती वरदा…

राजा बख्तावर सिंह का बलिदान

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मध्य प्रदेश के धार जिले में विन्ध्य पर्वत की सुरम्य शृंखलाओं के बीच द्वापरकालीन ऐतिहासिक अझमेरा नगर बसा है। 1856 में यहाँ के राजा बख्तावरसिंह ने अंग्रेजों से खुला युद्ध किया; पर उनके आसपास के कुछ राजा अंग्रेजों से मिलकर चलने में ही अपनी भलाई समझते थे। राजा ने इससे…

चाफेकर बंधुओं के बलिदान का प्रतिशोध

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देश की स्वाधीनता के लिए जिसने भी त्याग और बलिदान दिया, वह धन्य है; पर जिस घर के सब सदस्य फांसी चढ़ गये, वह परिवार सदा के लिए पूज्य है। चाफेकर बन्धुओं का परिवार ऐसा ही था। 1897 में पुणे में भयंकर प्लेग फैल गया। इस बीमारी को नष्ट करने…

स्वाधीनता संग्राम की योद्धा सुहासिनी गांगुली

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भारतीय स्वाधीनता संघर्ष में ऐसे क्राँतिकारियों की संख्या अनंत है जिन्होने अपने व्यक्तिगत भविष्य को दाव पर लगाकर स्वत्व और स्वाभिमान के लिये संघर्ष किया । ऐसी ही क्रांतिकारी थीं सुहासिनी गांगुली जो अपना उज्जवल भविष्य की दिशा को छोड़कर क्रांतिकारी आंदोलन से जुड़ीं। स्वतंत्रता के बाद वे राजनीति में…

वनों के संरक्षक निर्मल मुण्डा

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उत्कल भूमि उत्कृष्टता की भूमि है। यहाँ की प्राकृतिक छटा और वन सम्पदा अपूर्व है। अंग्रेजों ने जब इसे लूटना शुरू किया, तो हर जगह वनवासी वीर इसके विरोध में खड़े हुए। ऐसा ही एक वीर थे निर्मल मुण्डा, जिनका जन्म 27 जनवरी, 1894 को ग्राम बारटोली, गंगापुर स्टेट, उड़ीसा…

स्वतन्त्रता सेनानी नेताजी सुभाषचन्द्र बोस

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स्वतन्त्रता आन्दोलन के दिनों में जिनकी एक पुकार पर हजारों महिलाओं ने अपने कीमती गहने अर्पित कर दिये, जिनके आह्नान पर हजारों युवक और युवतियाँ आजाद हिन्द फौज में भर्ती हो गये, उन नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का जन्म उड़ीसा की राजधानी कटक के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 23 जनवरी, 1897…

क्रांतिकारी नृत्यांगना अजीजन बाई

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यों तो नृत्यांगना के पेशे को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता; पर अजीजन बाई ने सिद्ध कर दिया कि यदि दिल में आग हो, तो किसी भी माध्यम से देश-सेवा की जा सकती है। अजीजन का जन्म 22 जनवरी, 1824 को मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में राजगढ़ नगर…

प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद हेमू कालाणी

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इतिहास गवाह है कि मां भारती को अंग्रेजों के शासन से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से चलाए गए स्वतंत्रता संग्राम आंदोलन में देश के कोने कोने से कई वीर सेनानियों ने भाग लिया था। इन वीर सेनानियों में से भारत के कई वीर सपूतों ने तो मां भारती के श्री चरणों…

छत्तीसगढ़ के अमर बलिदानी गेंदसिंह

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छत्तीसगढ़ राज्य का एक प्रमुख क्षेत्र है बस्तर। अंग्रेजों ने अपनी कुटिल चालों से बस्तर को अपने शिकंजे में जकड़ लिया था। वे बस्तर के वनवासियों का नैतिक, आर्थिक और सामाजिक शोषण कर रहे थे। इससे वनवासी संस्कृति के समाप्त होने का खतरा बढ़ रहा था। अतः बस्तर के जंगल…

स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिवीर निर्मलकांत राय

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देश की स्वाधीनता के लिए गांधी जी के नेतृत्व में जहां हजारों लोग अहिंसक मार्ग से सत्याग्रह कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर क्रांतिवीर हिंसक मार्ग से अंग्रेजों को हटाने के लिए प्रयासरत थे। वे अंग्रेज अधिकारियों के साथ ही उन भारतीय अधिकारियों को भी दंड देते थे, जो अंग्रेजों…

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