औद्योगिक विकास की राह पर अग्रसर

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उद्योग-सातवीं और आठवीं पंचवर्षीय योजना के मूल उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के प्रयास थे। इस योजना के तहत छोटे और बड़े पैमाने के व्यवसायों को समान रूप से प्रोत्साहित किया गया। पालघर जिले में हमारे पास एक विकसित महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी), तीन सरकारी सहकारी औद्योगिक…

भविष्य के भारत में इंदौर की भूमिका

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मध्य प्रदेश के आर्थिक नगर इंदौर में केंद्र - राज्य सरकार के सहयोग एवं नगर निगम प्रशासन की मेहनत के कारण वहां विकास की लहर प्रवाहमान हो रही है। वर्तमान में इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर है। जल्दी ही अन्य क्षेत्रों में भी इंदौर पहले पायदान पर दिख सकता…

जागरूकता का माध्यम ‘मन की बात’

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अक्टूबर, 2014 में शुरू हुए ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 99 एपिसोड में प्रधानमंत्री ने कई विषयों पर बात की है। आकाशवाणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम को प्रेरणा का एक विश्वसनीय स्रोत तथा कृषि और उद्यमिता विकास के लिए व्यापक जागरूकता के माध्यम के रूप में माना…

2023 आर्थिक दृष्टि से एक सुनहरा वर्ष साबित होगा

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अब तो वैश्विक स्तर पर विभिन्न वित्तीय संस्थानों जैसे विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मॉनेटरी फंड, यूरोपीयन यूनियन, एशियाई विकास बैंक, आदि ने वर्ष 2023 में भारत को पूरे विश्व में सबसे तेज गति से आर्थिक प्रगति करने वाला देश बने रहने की सम्भावना पूर्व में ही व्यक्त कर दी है और…

भारत में श्रम के साथ उद्यमिता का भाव जगाना भी जरूरी

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किसी भी आर्थिक गतिविधि में सामान्यतः पांच घटक कार्य करते हैं - भूमि, पूंजी, श्रम, संगठन एवं साहस। हां, आजकल छठे घटक के रूप में आधुनिक तकनीकि का भी अधिक इस्तेमाल होने लगा है। परंतु पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं में चूंकि केवल पूंजी पर ही विशेष ध्यान दिया जाता है अतः सबसे…

केंद्र सरकार की पहलों से आर्थिक उन्नती कैसे हो रही हैं?

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कोरोना संकट का अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। अब जब अर्थव्यवस्था फिर से सक्रिय हो रही है और सकारात्मक परिणाम दे रही है जैसे जीएसटी संग्रह में वृद्धि, विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि, यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप में तीसरे स्थान पर, जीडीपी में सुधार, और इसी तरह बहुत सेक्टर्स... आइए प्रत्येक…

सहकार क्षेत्र में मौलिक योगदान

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संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन 2012 को अंतर्राष्ट्रीय सहकार वर्ष के रूप घोषित किया है। जो कि सहकार क्षेत्र की असीम ऊर्जा और सुप्त सामर्थ्य की गवाही देने के लिये पर्याप्त है।

ईमानदारी से ही उद्योग किया जा सकता है

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नौकरी जैसा सुरक्षित और लगातार कमाई की गारंटी देनेवाला पर्याय न चुनकर उद्योग-व्यवसाय क्यों करें? ऐसा प्रश्न मुझसे अनेक बार पूछा जाता है।

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