संसद में ‘माननीय’ कहने योग्य बचे हैं नेता?

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भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां हर व्यक्ति अपनी पसंद से अपना प्रतिनिधि चुनता है और वह प्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्या को लेकर संसद में सरकार के साथ या फिर विरोध में रहता है। संसद की कार्यप्रणाली के अनुसार सरकार और विपक्ष एक साथ आकर देश के विकास को लेकर…

पेट्रोल के आंसू

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पेट्रोल की खुदरा कीमतों में पांच रुपये प्रति लीटर की हालिया बढ़ोतरी ने आम आदमी की खाली जेब भी काट ली। सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती महंगाई से त्रस्त जनता को मनमोहन सरकार ने ‘कहां जाई का करी’ की स्थिति में खड़ा कर ‘पेट्रोल’ के आँसू रोने पर विवश कर दिया है।

राजनीति तो मंच है समाज सेवा का

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारतीय जनता पार्टी को कई कर्मठ राजनेता दिये हैं। इन्हीं नेताओं में से एक हैं‡ मुंबई के चारकोप विधान सभा क्षेत्र के विधायक योगेश सागर। बचपन से संघ की विचारधारा और कार्यशैली में रचे-बसे योगेश ने एक नगरसेवक से विधायक बनने का लंबा सफर तय किया है। उनसे ‘हिन्दी विवेक’ के प्रतिनिधि विजय वर्मा से हुई बातचीत के अंश -

शर्मनाक! शर्मनाक!!

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क्या केंद्र में सरकार है? इस प्रश्न का उत्तर ‘हां’ या ‘ना’ दोनों में है। ‘हां’ इसलिए कि मौनीबाबा मनमोहन सिंह प्रधान मंत्री हैं और ‘ना’ इसलिए कि सब तरफ गड़बड़झाला है।

व्यक्तिपूजा का खतरा- जून २०११

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अलावा विविधा में ‘मुहाजिरों का राज सिंधियों पर संकट’, कर्णाटक में महिला सशक्तिकरण, आठवां फेरा बेटी का, आप हम सभी ग्राहक, वट सावित्री व्रत का महात्म्य, आईपीएल पैसा या खेल सहित पर्यटन, विलुप्त जीव, राज्यों से समाचार और सम्पादकीय रोचक मनोरम व ह्रदयस्पर्शी है.

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