कुशल संगठक, सक्रिय राजनेता और लोकप्रिय व्यक्ति – कैलाश विजयवर्गीय

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दो दशक पहले कैलाश विजयवर्गीय ने महापौर के तौर पर इंदौर शहर में जो सकारात्मक बदलाव लाने शुरू किए थे, आज उनका सार्थक परिणाम हम सबके सामने है। अपने चार दशकों के राजनीतिक कैरियर में अपने सामाजिक मुद्दों से जुड़े कार्यों एवं बेबाक-तेजतर्रार छवि की वजह से वे देशभर में…

बाबू जगजीवनराम और सामाजिक समरसता

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हिन्दू समाज के निर्धन और वंचित वर्ग के जिन लोगों ने उपेक्षा सहकर भी अपना मनोबल ऊंचा रखा, उनमें ग्राम चन्दवा (बिहार) में पांच अप्रैल, 1906 को जन्मे बाबू जगजीवनराम का नाम उल्लेखनीय है। उनके पिता श्री शोभीराम ने कुछ मतभेदों के कारण सेना छोड़ दी थी। उनकी माता श्रीमती बसन्ती देवी…

राष्ट्र और समाज को दिया सारा जीवन

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हजार वर्ष की दासता के अंधकार के बीच यदि आज राष्ट्र और संस्कृति का वट वृक्ष पुनः पनप रहा है तो इसके पीछे उन असंख्य तपस्वियों का जीवन है जिन्होंने अपना कुछ न सोचा । जो सोचा वह राष्ट्र के लिये सोचा, समाज के लिये सोचा और संस्कृति रक्षा में…

‘शारदा ऐक्ट’ के प्रकल्पक: हरविलास जी शारदा

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हरविलास जी शारदा भारत के प्रसिद्ध शिक्षाविद, राजनेता, समाज सुधारक, न्यायविद और लेखक थे। वह बाल-विवाह प्रथा पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से, बहुचर्चित "शारदा ऐक्ट" के प्रकल्पक थे। हरविलास जी समाज सेवा के क्षेत्र में आरंभ से ही अग्रणी थे। और उन्होंने स्वामी दयानंद सरस्वती जी द्वारा स्थापित "'परोपकारिणी…

कुष्ठ रोगियों के आशा केन्द्र दामोदर गणेश बापट

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कुष्ठ रोग और उसके रोगियों को समाज में घृणा की नजर से देखा जाता है। इसका लाभ उठाकर ईसाई मिशनरियां उनके बीच सेवा का काम करती हैं और फिर चुपचाप उन्हें ईसाई भी बना लेती हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपने काम के विस्तार के साथ-साथ सेवा के अनेक क्षेत्रों…

हजारों अनाथ बच्चों की ‘माई’ सिंधुताई सपकाल

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एक मां के दो, चार या दस बच्चे हो सकते हैं लेकिन हमें एक ऐसी भी मां मिली जिसके हजारों बच्चे है। उस मां ने उन्हें अपनी कोख से जन्म नहीं दिया था लेकिन वह उनकी असली वाली यशोदा मां थी। वह हमेशा अपने बच्चों का ख्याल रखती और उन्हें…

सफल बिजनेसमैन और नेकदिल इंसान- रतन टाटा

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रतन टाटा एक सफल बिजनेस मैन है यह तो सभी को पता है लेकिन वह कितने नेकदिल इंसान है यह शायद कम ही लोगों को पता होगा और वह इसलिए क्योंकि वह अपने किसी भी काम का प्रचार नहीं करते हैं। रतन टाटा एक बड़े समाज सेवक भी हैं जो…

पंडित सुंदरलाल शर्मा को क्यों कहा गया छत्तीसगढ़ का गांधी?

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  21 दिसंबर 1881 को पंडित सुंदरलाल शर्मा का जन्म छत्तीसगढ़ के चंद्रसूर गांव में हुआ था। सुंदरलाल एक कवि, सामाजिक कार्यकर्ता, इतिहासकार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सहित बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे उन्हें जन जागरण और सामाजिक क्रांति का दूत भी कहा जाता है। अगर एक लाइन में कहें तो…

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