संकीर्तन द्वारा धर्म बचाने वाले चैतन्य महाप्रभु

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अपने संकीर्तन द्वारा पूर्वोत्तर में धर्म बचाने वाले निमाई (चैतन्य महाप्रभु) का जन्म विक्रमी सम्वत् 1542 की फागुन पूर्णिमा (27 फरवरी, 1486) को बंगाल के प्रसिद्ध शिक्षा-केन्द्र नदिया (नवद्वीप) में हुआ था। इनके पिता पण्डित जगन्नाथ मिश्र तथा माता शची देवी थीं। बालपन से ही आँगन में नीम के नीचे…

विदेशी शरीर में भारतीय आत्मा श्रीमां

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21 फरवरी, 1878 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में जन्मी श्रीमां का पूर्व नाम मीरा अल्फांसा था। उनके पिता श्री मोरिस एक बैंकर तथा माता श्रीमती मातिल्डा अल्फांसा थीं। उनके मिस्र के राजघराने से रक्त संबंध थे। अभिभावकों ने उनका नाम परम कृष्णभक्त मीराबाई के नाम पर क्यों रखा, यह…

परमंहस बाबा राममंगलदास

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बाबा राममंगलदास उच्च कोटि के एक सिद्ध महात्मा थे। उनके मन में श्रीराम और श्री अयोध्या जी के प्रति अत्यधिक अनुराग था। उनका जन्म 13 फरवरी, 1893 को ग्राम ईसरबारा, जिला सीतापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था। पुत्र तथा पत्नी के अल्प समय में ही वियोग के कारण इनका मन…

बिंब-प्रतिबिंब 

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‘बिंब-प्रतिबिंब’ स्वामी विवेकानंद जी के जीवन पर आधारित आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया एक उपन्यास है, जो मराठी के वरिष्ठ और चिर-परिचित लेखक चंद्रकांत खोत की समृद्ध लेखनी से साकार हुआ है। नब्बे के दशक में धूम मचानेवाले इस उपन्यास की उस दौर में खूब बिक्री हुई और मराठी के साहित्यकारों ने इसकी जमकर तारीफ की।

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