हिंदी विवेक
  • Login
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
No Result
View All Result
हिंदी विवेक
No Result
View All Result

‘‘समस्त महाजन’’-सेवा कार्य

by विजय मराठे
in जनवरी २०१८, संस्था परिचय, सामाजिक
0
 जैसा कि संस्था के परिचयात्मक आलेख में स्पष्ट किया गया है कि संस्था का उद्देश ही समाज सेवा का है एवं इसके लिये संस्था के सदस्य एवं पदाधिकारी तन-मन-धन से स्वयं प्रयत्न करते हैं एवं अन्य लोगों को भी प्रेरित करते हैं.
सन् २०१३ में महाराष्ट्र में भीषण अकाल पड़ा. यह लगातार दूसरा वर्ष था जब अकाल की पुनरावृत्ति हुई. अकाल से राज्य के तेरह जिलों के करीब छह हजार गांव बुरी तरह प्रभावित थे. कुछ किसान आत्महत्या कर रहे थे तो कुछ एक घड़े पानी के लिये कोसों दूर जा रहे थे. अकाल की इस विभीषिका को समझकर समस्त महाजन ने ७ अप्रैल २०१३ को मुम्बई के षणमुखानंद हॉल में एक सभा आयोजित की. सभा में उपस्थित करीब तीन हजार लोगों के समक्ष ‘भामाशाह‘ नाटक का मंचन किया गया. ‘भामाशाह‘ से हम सभी परिचित हैं. चित्तौड़ के महाराणा प्रताप जब अकबर के विरुद्ध जंगलों में रहकर अपनी सेना को एकत्रित कर रहे थे तब वहां के एक दानी पुरुष ‘भामाशाह‘ ने अपनी सर्वस्व संपत्ति लाकर राणा प्रताप को समर्पित कर दी. उससे राणा प्रताप ने पुन: सेना के लिये साजोसामान खरीदकर नये युद्ध की तैयारी की. तभी से भामाशाह का नाम इस देश में बहुत ही आदर एवं सम्मान के साथ लिया जाता है एवं समाज में जो भी व्यक्ति अपने ‘स्व‘ से ऊपर उठकर समाज को संकट के समय सहायता करता है उसे भामाशाह के नाम से संबोधित किया जाता है. इस भामाशाह नाटक के मंचन का उद्देश्य ही उपस्थित लोगों को भामाशाह बनने की प्रेरणा देकर इस अकाल की परिस्थिति में समाज को सहायता देने की प्रेरणा उत्पन्न करना था. नाटक देखने आये दर्शक दाताओं को इस बात का अहसास कराया गया कि भले ही हमारी जन्मभूमि महाराष्ट्र न हो परंतु कर्मभूमि तो महाराष्ट्र है और इस कर्मभूमि के अकाल पीड़ितों की सहायता करना हमारा धर्म है, हमारा कर्तव्य है. भामाशाह नाटक एवं कर्मभूमि का कर्ज अदा करने की बात का दाताओं पर अपेक्षित असर हुआ एवं तुरंत ही दान का तेज प्रवाह प्रारंभ हो गया.
अकाल में किस तरह काम किया जाये इस जात पर समिति की बैठक में विचार विमर्श हुआ. अकाल ग्रस्त इलाकों में पानी एवं चारे का स्टॉक किस तरह किया जाये इस पर चर्चा की गई. महाराष्ट्र सरकार भी राहत कार्य में जुटी थी. सरकार द्वारा कैरल कैम्प बनाये गये थे एवं प्रति पशु प्रतिदिन ७५/- के हिसाब से खर्च किये जा रहे थे. करीब दस लाख पशुओं को इन कैम्पों के माध्यम से राहत पहुचांई जा रही थी. संक्षेप में सरकार के द्वारा जीवदया के कार्य के पीछे प्रतिदिन साढ़ेसात करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे थे. इसके अलावा सरकार द्वारा करीब चार हजार पांच सौ टैंकरों की मदद से गांव गांव तब पानी पहुंचाया जा रहा था.
समस्त महाजन ने तमाम पहलुओं पर विचार कर अकालग्रस्त इलाकों में दीर्घकालीन व्यवस्था के अंतर्गत २५ गावों को गोद लेने और वहां राहतकार्य शुरू करने की योजना बनाई. मजदूरी के तौर पर गांववालों को खाद्यान्न,चारा एवं नगद देने का फैसला किया गया.
अकालग्रस्त गावों को गोद लेने के लिये सातारा एवं बीड जिलों का चयन किया गया. सातारा के जिलाधीश के साथ माण एवं खटाव तहसीलों का सर्वेक्षण किया गया एवं पिंगली, कुलकजाई, पांगरी और वाघ मोरवाडी में राहत कार्य प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया.
स्थानीय ग्राम पंचायत की सहायता से ग्राम में तालाब खोदने का निश्चय किया गया एवं ग्रामीणों को सलाह दी गई कि वे निकलने वाली उपजाऊ मिट्टी को अपने खेतों में डालें जिससे भविष्य में पानी का संग्रह किया जा सके . राहत कार्य में जुड़ने वाले ग्रामीणों को प्रतिदिन २५०/- नगद या उस मूल्य का अनाज या जानवरों हेतु चारा दिया जाता था. सातारा के अलावा बीड जिलेकी शिरूर तहसील के बडेवाडी, सोरगांव, शडकल, बारगजवाडी, भिलारवाडी, बांगरवाडी, सावी, आलम, दहीवंडी, जेतवड आदि गांवों में थी राहत कार्य प्रारंभ किये गये. बीड के जिलाधीश का भी इसमें सहयोग प्राप्त हो रहा था. प्रारंभ में राहत कार्य में सौ से सवा सौ गांव वाले जुड़े और अकाल को सदा के लिये तिलांजलि देने वाली योजना को देखने के लिये गांववालों की भीड़ उमड़ने लगी. गांव के गोचर को भी साफ सुथरा किया गया. खेतों में उपजाऊ मिट्टी बिछाने से खेतों की उर्वराशक्ति थी बढ़ी. गांव में उल्लास एवं प्रसन्नता का वातावरण छा गया.
अपने कार्यों में बेहद व्यस्त रहने वाले पुणे के भारतीय जैन संगठन के श्री शांतिभाई मुथा ने भी अपना कारोबार छोड़कर राहत कार्य स्थल पर अपना डेरा जमा लिया. उन्होने पांच कराड़ की लागत से ७५ तालाबों के गहरीकरण का कार्य हाथ में लिया. इस दौरान आखातीज के शुभ अवसर पर ‘धरमपुर श्रीमद् राजचंद्र मिशन’ के गुरुदेव राकेशभाई ने आशीर्वाद देने के साथ ही सौ कार्यकर्ताओं की एक टीम श्रमदान एवं सत्संग हेतु भेजी.
पांच जून को पर्यावरण दिवस के अवसर पर १०० तालाबों का पूजन किया गया. इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के तत्कालीन कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल भी उपस्थित थे. उन्होंने वहां श्रमदान कार्यक्रम में भी भाग लिया. चालीस दिनों में तालाबों को गहरा करने का काम पूरा कर लिया गया एवं दूसरे दिन से ही मेघराज की कृपादृष्टि होने से तालाबों में नये पानी का संचय प्रारंभ हो गया. इस कार्य में समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी गिरीशभाई शहा के अलावा समस्त महाजन के अन्य सदस्यों, उस क्षेत्र की अन्य सेवाभावी संस्थाओं एवं व्यक्तियों का सहयोग भी प्राप्त हुआ.
क्षेत्र की उन ग्राम पंचायतों द्वारा जहां सहायता कार्य किये जाने थे, अपनी-अपनी ग्रामपंचायतों में प्रस्ताव पारित किये कि उन्हें समस्त महाजन द्वारा किये जाने वाले राहत कार्य स्वीकार हैं एवं राहत कार्य हेतु तय मजदूरी उन्हें स्वीकार्य है. प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि नये खोदे गये तालाबों में मच्छी पकड़ने पर प्रतिबंध रहेगा.
समस्त महाजन के मैनेजिंग ट्रस्टी श्री गिरीशभाई शहा ने प्रत्येक गांव में ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए उन्हें ग्राम स्वराज्य की अवधारणा एवं उसके महत्व को समझाया.
महाराष्ट्र में अकाल राहत कार्य की सफलता से हर गांव स्वावलम्बी बने इस दिशा में विचार करने की प्रेरणा मिलती है. जिस तरह समस्त महाजन ने परिश्रम के बलबूते अकाल को देश निकाला देने की चुनौती स्वीकार की उसके लिये संस्था, उसके मैनेजिंग ट्रस्टी श्री गिरीशभाई शहा, संस्था के अन्य सदस्य एवं संस्था के सहयोगी धन्यवाद एवं साधुवाद के पात्र हैं.

Share this:

  • Twitter
  • Facebook
  • LinkedIn
  • Telegram
  • WhatsApp
Tags: august2021educationhindivivekinformativesansthaparichaysocial

विजय मराठे

Next Post

देवभूमि में भाजपा के सिर सत्ता का ताज

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

हिंदी विवेक पंजीयन : यहां आप हिंदी विवेक पत्रिका का पंजीयन शुल्क ऑनलाइन अदा कर सकते हैं..

Facebook Youtube Instagram

समाचार

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लोकसभा चुनाव

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

लाइफ स्टाइल

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

ज्योतिष

  • मुख्य खबरे
  • मुख्य खबरे
  • राष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • क्राइम

Copyright 2024, hindivivek.com

Facebook X-twitter Instagram Youtube Whatsapp
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वाक
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • Disclaimer
  • Shipping Policy
  • Refund and Cancellation Policy

copyright @ hindivivek.org by Hindustan Prakashan Sanstha

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • परिचय
  • संपादकीय
  • पूर्वांक
  • ग्रंथ
  • पुस्तक
  • संघ
  • देश-विदेश
  • पर्यावरण
  • संपर्क
  • पंजीकरण

© 2024, Vivek Samuh - All Rights Reserved

0