- चक्रवात अम्फान से डरा पं बंगाल और उड़ीसा
- एनडीआरएफ और सेना के जवान तैनात
- उड़ीसा के निचले इलाकों में शुरु हुई बारिश
- पीएम और गृह मंत्री ले रहे चक्रवात की हर पल की खबर
बंगाल की खाड़ी से उठा तूफान अब तेजी से पंश्चिम बंगाल और उड़ीसा की तरफ बढ़ रहा है पहले मौसम विभाग ने इसके बुधवार तक पहुंचने की उम्मीद जताई थी लेकिन जिसे तेजी से यह चक्रवात अम्फान आगे बढ़ रहा है ऐसा लगता है कि यह मंगलवार रात तक ही दस्तक दे देगा। वहीं खबरों की मानें तो चक्रवात उड़ीसा के काफी करीब पहुंच चुका है जिससे अब कुछ इलाकों में बारिश भी शुरु हो चुकी है और हवाएं भी तेज चल रही है। इस तूफान के साथ ही हवाओं की गति भी करीब 150 से 180 किमी प्रतिघंटे के साथ चल रही है लेकिन इसके बढ़ने की भी उम्मीद जताई जा रही है।
वहीं मौसम विभाग की तरफ से यह भी बताया गया है कि तूफान की गति पिछले कुछ समय से कम होती जा रही है अगर ऐसा रहा तो तूफान उड़ीसा पहुंचने तक काफी कम हो जायेगा और जो तबाही को लेकर जो आकड़ा लगाया गया है वह कम हो सकता है। वैसे चक्रवात की ताकत को देखते हुए सरकार ने एनडीआरएफ और सेना को तैयार रखा है। इसके साथ ही उड़ीसा और पंश्चिम बंगाल के निचले इलाकों को खाली करवा दिया गया है। सरकार के मुताबिक मंगलवार शाम तक कुल 11 लाख लोगों को तटीय इलाकों से बाहर निकाल लिया जायेगा। एनडीआरएफ टीम लगातार इस पर काम कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह लगातार इस मामले पर नजर बनाए हुए है और संबंधित अधिकारियों से इसकी जानकारी ले रहे है। इससे पहले सोमवार को मोदी ने अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक भी थी और चक्रवता से निपटने को लेकर पूरे हालात को समझने की कोशिश की थी। पीएम ने एक ट्वीट के माध्यम से लोगों से कहा था कि उन्हे डरने की कोई जरुरत नही है केंद्र सरकार उनके साथ खड़ी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लगातार पंश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात कर राज्य के हालात की जानकारी ले रहे है साथ ही ममता सरकार को इस बात का भरोसा दिलाया जा रहा है कि केंद्र सरकार हर मदद के लिए तैयार है।
चक्रवात को लेकर मौसम विभाग भी लगातार जानकारी सरकार और लोगों के साथ साझा कर रहा है लेकिन चक्रवात के बदलते रुख के चलते मौसम विभाग भी परेशान है। यह चक्रवात किसी भी समय अपना रास्ता बदल सकता है या फिर इसकी गति में तेजी या कमी आ सकती है। फिलहाल सरकार की तरफ जरुरी इंतजाम किये जा चुके है और एनडीआरएफ और सेना को तैयार किया गया है। चक्रवात की वजह से अगर हालात बिगड़े तो सेना को आगे बढ़ाया जायेगा।